25 साल पहले का वो दिन, जब एक बल्लेबाज ने मचाया गदर, श्रीलंका का सपना हुआ था सच

1996 World Cup Final: वर्ल्ड कप साल 1996 (WC 1996) क्रिकेट के इतिहास का सबसे यादगार वर्ल्ड कप था. इस वर्ल्ड कप के दौरान वो सबकुछ हुआ जिसकी कल्पना एक क्रिकेट फैन करता है. एक तरफ जहां भारतीय टीम ने अपने परफॉर्मेंस से चौंकाया तो दूसरी ओर श्रीलंका पहली बार विश्व विजेता बना. 1996 का विश्व कप भारत-श्रीलंका और पाकिस्तान की मेजबानी में खेला गया था

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1996 विश्व कप फाइनल

1996 World Cup Final: वर्ल्ड कप साल 1996 (WC 1996) क्रिकेट के इतिहास का सबसे यादगार वर्ल्ड कप था. इस वर्ल्ड कप के दौरान वो सबकुछ हुआ जिसकी कल्पना एक क्रिकेट फैन करता है. एक तरफ जहां भारतीय टीम ने अपने परफॉर्मेंस से चौंकाया तो दूसरी ओर श्रीलंका पहली बार विश्व विजेता बना. 1996 का विश्व कप भारत-श्रीलंका और पाकिस्तान की मेजबानी में खेला गया था. आजके ही दिन यानि 1996 में 17 मार्च (On This Day) को विश्व कप का फाइनल खेला गया था. फाइनल में श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया की टीम (SL vs AUS 96 Final) आमने-सामने थी. लाहौर के मैदान पर यह यादगार फाइनल खेला गया. श्रीलंका ने फाइनल में टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला किया. ऑस्ट्रेलियई टीम ने शानदार बल्लेबाजी की, ऑस्ट्रेलिया एक वक़्त बहुत स्ट्रोंग पोजीशन में पहुंच गई थी. रिकी पोंटिंग और मार्क टेलर की पारी ने मैच का पासा ही पलट रखा था.

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ऐसा लग रहा था कि ऑस्ट्रेलियाई टीम 300 से ज्यादा का स्कोर खड़ा करेगी. लेकिन पूरे विश्व कप में ऑलराउंड परफॉर्मेंस कर कमाल करने वाले अरविंद डिसिल्वा (Aravinda de Silva) ने अपनी गेंदबाजी का जलवा दिखाया और टेलर और पोंटिंग को आउट कर श्रीलंका को मैच में वापस पहुंचा दिया. दोनों बल्लेबाज के आउट होने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम की पारी का बड़ा स्कोर बनाने का सपना खतरे में पड़ गया. मुरलीधरन, जयसूर्या, धर्मसेना और डिसिल्वा ने मिलकर ऑस्ट्रेलिया को 241 रनों पर रोक दिया. ऑस्ट्रेलिया की ओर से सबसे ज्यादा रन मार्क टेलर ने बनाए. टेलर ने 74 रन की पारी खेली तो वहीं पोंटिंग ने 45 रन बनाए. आखिरी समय में माइकल बेवन ने 36 रन बनाकर टीम के स्कोर को 241 रन पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई. अरविंद डिसिल्वा ने 3 विकेट लिए.

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 अब बारी थी श्रीलंका की, श्रीलंकाई टीम को सबसे बड़ा झटका सनथ जयसूर्या के रूप में लगा. जयसूर्या केवल 9 रन बनाकर रन आउट हो गए. इसके बाद रमेश कालूवितरने भी कुछ खास नहीं कर सके. रमेश कालूवितरने 6 रन बनाकर आउट हुए. श्रीलंका के 2 विकेट 23 रन पर गिर गए थे. यहां से मैच ऑस्ट्रेलिया की पकड़ में जाता दिख रहा था. लेकिन फिर असंका गुरुसिंहा और अरविंद डिसिल्वा ने क्रीज पर झंडे गाड़ दिए. दोनों बल्लेबाजों ने जमकर बल्लेबाजी की, हालांकि गुरुसिंहा 65 रन बनाकर 148 रन के स्कोर पर आउट हो गए. लेकिन इसके बाद श्रीलंकाई कप्तान अर्जुन रणतुंगा (Arjuna Ranatunga) और डिसिल्वा ने कमाल की बल्लेबाजी की, डिसिल्वा ने फाइनल में शतक जमाया और अपनी टीम को आखिर में जीत दिलाने में सफल रही.

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श्रीलंका फाइनल मैच 7 विकेट से जीतने में सफल रहा. अर्जुन रणतुंगा 47 रन बनाकर नाबाद रहे. अरविंद डी सिल्वा ने नाबाद 107 रन की पारी खेली. लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में में श्रीलंकाई कप्तान ने विजयी रन बनाए. डिसिल्वा (Aravinda de Silva) फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच  का खिताब जीतने में सफल रहे थे.

1996 विश्व कप में डिसिल्वा ने 6 मैच में 448 रन बनाए थे जिसमें 2 शतक और 2 अर्धशतक शामिल था. इतना ही नहीं 4 विकेट लेने में सफल रहे थे. विश्प कप के फाइनल के इतिहास में अबतक 6 बल्लेबाजों ने फाइनल में शतक जमाया है.

जब डिसिल्वा ने यह कारनामा किया था तो वो दुनिया के केवल तीसरे बल्लेबाज बने थे. 1975 फाइनल में क्लाइव लॉयड, 1979 में विवियन रिचर्ड्स, 1996 में डिसिल्वा, 2003 में पोंटिंग, 2007 में एडम गिलक्रिस्ट, 2011 में महेला जयवर्धने ने विश्प कप के फाइनल में शतक जमाने का कमाल किया है.

विश्व कप जीतने के बाद श्रीलंका के कप्तान ने कहा था- “लोग कहते हैं कि जन्मभूमि का कर्ज उतारना पड़ता है और मुझे लगता है कि हमने इस जीत के साथ वह कर दिया. अब मैं खुशी-खुशी मर सकूंगा.“

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