आज ही के दिन रोहित के धुरंधरों ने किया था कमाल, 17 साल बाद देश में लौटी थी टी20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी

T20 World Cup 2024: आज ही के दिन 2024 में भारतीय टीम ने बारबाडोस में दक्षिण अफ्रीका को शिकस्त देते हुए दूसरी बार टी20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने हाथ में उठाया था.

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टी20 वर्ल्ड कप खिताब के साथ जश्न मनाते हुए भारतीय खिलाड़ी
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  • आज ही के दिन टीम इंडिया ने 2024 में टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था.
  • फाइनल में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 7 रन से हराया था.
  • रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया था.
  • विराट कोहली ने 76 रन बनाकर टीम को संकट से निकाला था.
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T20 World Cup 2024: आज ही के दिन साल 2024 में टीम इंडिया ने बारबाडोस में दक्षिण अफ्रीका को शिकस्त देते हुए दूसरी बार टी20 वर्ल्ड कप के खिताब पर जमाया था. फाइनल मुकाबले में 29 जून 2024 को भारत और दक्षिण अफ्रीका की टीम आमने-सामने हुई थी. केंसिंग्टन ओवल में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया था. मगर टीम की शुरुआत कुछ खास नहीं हुई. 'हिटमैन' शर्मा पारी का आगाज करते हुए महज नौ रन बनाकर दूसरे ही ओवर में चलते बने. फैंस अभी इस बड़े सदमे से उबर भी नहीं पाए थे कि तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी करने उतरे ऋषभ पंत (0) भी आउट हो गए. टीम को तीसरा बड़ा झटका सदाबहार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव के रूप में लगा. फाइनल मुकाबले में वह केवल तीन रन बनाकर केशव महराज के दूसरे शिकार बने. 

शुरूआती 4.3 ओवरों में अपने तीन विकेट गंवाकर भारतीय टीम संकट में थी. मगर एक छोर पर विराट कोहली मजबूती के साथ जमे हुए थे. यहां उन्हें साथ पांचवें क्रम के बल्लेबाज अक्षर पटेल (47) से मिली. दोनों बल्लेबाजों ने पांचवें विकेट के लिए 72 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की. जिसके बदौलत भारतीय टीम शुरुआती झटकों से उबरने में कामयाब रही. 

मैच के दौरान पारी का आगाज करते हुए किंग कोहली ने 59 गेंदों में सर्वाधिक 76 रनों का योगदान दिया. उनके अलावा छठवें क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए शिवम दुबे ने तेजी से 27 रनों की पारी खेली. नतीजन भारतीय टीम 20 ओवरों में सात विकेट के नुकसान पर 176 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने में कामयाब रही. 

भारत की तरफ से मिले 177 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए अफ्रीकी टीम की शुरुआत भी कुछ खास नहीं रही. 2.3 ओवरों में महज 12 रन के योग तक उनके दो विकेट गिर चुके थे. मगर इसके बाद क्विंटन डी कॉक (39) और ट्रिस्टन स्टब्स (31) के बीच 68 रनों की मत्वपूर्ण साझेदारी हुई. जिसके बदौलत प्रोटियाज टीम एक बार फिर से ट्रैक पर आ गई. 

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स्टब्स के आउट होने के बाद पांचवें क्रम पर बल्लेबाजी के लिए उतरे हेनरिक क्लासेन (52) ने तेजी से रन बटोरते हुए अपनी टीम को जीत के मुहाने पर ला खड़ा कर दिया. मगर यहां पंड्या ने कमाल की गेंदबाजी करते हुए पहले क्लासेन को पवेलियन का रास्ता दिखाया. उसके भारतीय टीम के लिए निचले क्रम में सिरदर्द साबित हो रहे डेविड मिलर (21) को भी चलता किया. मैच के दौरान सूर्या ने जिस तरह से मिलर का कैच पकड़ा वह निर्णायक रहा. जिसके लिए आज भी दुनिया उन्हें याद करती है.

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परिणाम यह रहा कि विपक्षी टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए 20 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 169 रनों तक ही पहुंच पाई. इस तरह इस रोमांचक मुकाबले में भारतीय टीम को सात रन से जीत मिली और वह करीब 17 साल बाद दोबारा टी20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम करने में कामयाब रही. 

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