अब चयन समिति होगी और पावरफुल, बीसीसीआई ने लिए 3 बड़े फैसले, शार्दुल ठाकुर बने मुख्य वजह

BCCI ने साफ कर दिया है कि अगर कुछ फैसले कारगर रहे, तो इन्हें सीनियर स्तर पर भी लागू किया जाएगा.

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नई दिल्ली:

वक्त की जरुरतों को देखते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने घरेलू क्रिकेट में कुछ अहम और बड़े बदलाव करने का फैसला किया है. सूत्रों के हवाले से बीसीसीआई के सचिव ने साल 2024-25 के घरेलू सीजन के लिए एपेक्स काउंसिल को तीन बड़ी सिफारिशें भेजी हैं. एक बड़े बदलाव में टीम इंडिया के लिए ऑलराउंडर शार्दूल ठाकुर का दिए गए बयान ने बहुत ही अहम भूमिका रही है. ठाकुर ने पिछले सीजन में मैचों के बीच पर्याप्त समय अंतराल न होने की शिकायत की थी, जिसे बीसीसीआई ने बहुत ही गंभीरता से लिया. 

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1. बीसीसीआई का पहला बड़ा फैसला

बोर्ड ने खिलाड़ियों को मानसिक और शारीरिक जरुरों को समझते हुए रणजी ट्रॉफी को अब दो चरणों में बांट दिया है. मतलब अब अगले सीजन से रणजी ट्रॉफी का आयोजन दो हिस्सों में होगा. अब रणजी ट्रॉफी दलीप ट्रॉफी, ईरानी ट्रॉफी के साथ शुरू होगा. इसके तहत शुरुआती पांच लीग मैच खेले जाएंगे और इसके बाद अगले चरण से पहले कुछ दिनों का अंतर रखा जाएगा.   इस समय अंतराल में व्हाइट-बॉल टूर्नामेंट जैसे सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी के मैचों का आयोजन होगा. एक बार इन के खत्म होने के बाद शेष दो लीग रणजी ट्रॉफी और नॉकआउट मैचों का आयोजन होगा.

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2. सीके नायुडु ट्रॉफी में बड़ा फैसला

जय शाह ने जो सिफारिश की है, उसमें एक प्रस्ताव अंडर-23 सीके नायुडु ट्रॉफी में टॉस खत्म करने का भी है. अब भ्रमणकारी टीम के पास यह विकल्प होगा कि वह पहले बल्लेबाजी करना पसंद करेगी या गेंदबाजी. वहीं, मैचों को संतुलित बनाने के लिए नई प्वाइंट्स टेबल का भी चलन किया जाएगा. अगर यह प्रयोग सफल रहा, तो इस व्यवस्था को सीनियर स्तर पर भी लागू किया जाएगा. 

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3. चयन समिति होगी अब और पावरफुल

जय शाह का एक प्रस्ताव यह भी है कि अब दलीप ट्रॉफी टीम का चयन क्षेत्रीय सेलेक्टरों के बजाय राष्ट्रीय जयन समिति करे. और यह प्रस्ताव पुरुष ही नहीं, बल्कि महिला खिलाड़ियों के लिए भी होगा. अगले सीजन से अंतर क्षेत्रीय टूर्नामेंटों के लिए भी टीमों का चयन अब राष्ट्रीय चयन समिति करेगी. कुल मिलाकर अगले सीजन से बड़ा बदलाव होने जा रहा है. मतलब अब एक तरह से खिलाड़ियों का अघोषित रूप से क्षेत्रीय कोटा पूरी तरह खत्म हो जाएगा.  और इससे चयन में और ज्यादा पारदर्शिता आएगी.
 

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