भारतीय क्रिकेट के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक, राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid Birthday) 11 जनवरी, 2023 को 50 साल के हो गए. इसी बीच भारत के पूर्व बल्लेबाज़ हेमांग बदानी ने राहुल द्रविड़ से जुड़ी एक अनसुनी घटना का खुलासा किया है. जिसमें उन्होंने बताया है कि कैसे घंटों ट्रैवल करने के बाद भी राहुल द्रविड़ घंटों बल्लेबाज़ी किया करते थे. एक वीडियो सामने आया है जिसमें हेमांग इसका खुलासा कर रहे हैं. बदानी उस समय कि बात बता रहे हैं "जब राहुल बैंगलोर में रहते थे और मैच चेन्नई में होते थे और वह चेन्नई लीग खेलने के लिए चेन्नई आते थे, जो भारत में सबसे शानदार लीगों में से एक थी. वह आते थे और 100 के बाद 100 बना देते थे. ये बातें बदानी ने आईपीएल फ्रेंचाइजी सनराइजर्स हैदराबाद द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में कही हैं.
पूर्व टीममेट ने वीडियो में किया खुलासा
वीडियो में आगे बदानी ने खुलासा किया कि कैसे द्रविड़ शतक लगाने के बाद भी अपने खेलने के अंदाज को नहीं बदलते थे. हर एक बॉल को ग्राउंड पर खेलते थे और एक मैं था, कभी लॉफ्टिड शॉट तो कभी कोई गलत शॉट खेलकर आउट हो जाता था. एक बार मैंने राहुल से कहा कि "आपके पास एक 100 है, आपके पास दो हैं, आपके पास चार हैं, आपके पास 5 हैं. क्या हो रहा है राहुल, आप कैसे कर लेते हैं ये सब? क्या आप ऊब नहीं रहे हैं इतने शतक आपने लगा दिए. क्या आप यहां कुछ और आजमाना पसंद नहीं करेंगे? '' द्रविड़ ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वो बल्लेबाज़ साफ माइंडसेट के साथ खेलने आएगा, जो कि 5 घंटे बल्लेबाजी करना चहता है, क्योंकि उसने इसके लिए 6-6.5 घंटे का ट्रैवल किया है. तो आप बताइए कि वो ज्यादा देर तक क्यों नहीं खेलेगा? "उन्होंने आगे कहा हेमांग, यह मेरे लिए काफी आसान है. मैं रात की ट्रेन लेता हूं. (क्योंकि उन दिनों कोई फ्लाइट नहीं हुआ करती थी और वे बहुत महंगी भी थी.) और 6 से 6.5 घंटे ट्रैवल करता हूं. तो मैं शतक बनाने के लिए 5 घंटे बल्लेबाजी क्यों ना करूं? और यह मेरे लिए उतना ही आसान है जितना कि 6 से 6.5 घंटे ट्रैवल करना. "
यहां देखें वीडियो :
गेंदबाज़ों से क्यों मांगू भीख
उन्होंने एक और बात कही, कि "आप नेट्स में, लगभग 20 मिनट तक बल्लेबाजी करते हैं. उसके बाद आप एक बल्लेबाज के तौर पर क्या करते हैं? कोच से कहेंगे कि मैं एक मिनट और या 5 गेंद और बल्लेबाज़ी कर लूं . कभी अपने दोस्त से कहेंगे कि क्या आप मुझे 10 गेंदें और फेंक सकते हैं. लेकिन जब आपको मैच में 100, 150 या 170 गेंदें खेलने को मिल रही हैं तो मैं क्यों ना खेलूं? अगर नहीं खेलूंगा तो नेट्स में गेंदबाजों से भीख मांगता रहूंगा बॉल डालने के लिए और वे कभी देंगें नहीं. "
द्रविड़ की इस अनसुनी कहानी को लोग काफी पसंद कर रहे हैं.
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