करियर के पहले 6 साल में बनाये सिर्फ 1 रन, फिर किस्मत ने खाई पलटी, बना डाले 6 दोहरा शतक

श्रीलंका के पूर्व कप्तान मार्वन अटापट्टू (Marvan Atapattu) ने अपना इंटरनेशनल डेब्यू 1990 में भारत के खिलाफ टेस्ट खेलकर किया था. अपने पहले ही टेस्ट मैच में अटापटू की किस्मत ने उन्हें धोखा दे दिया औऱ दोनों पारियों में बिना रन बनाए आउट हुए.

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करियर के पहले 6 साल में बनाये सिर्फ 1 रन

Marvan Atapattu Test record: किसी भी क्रिकेटर को महान बल्लेबाज बनने के लिए अपने करियर में हर बार खुद को साबित करना पड़ता है. मिले मौके को आखिरी मौका समझ कर मैदान पर उतरना होता है, तभी वह क्रिकेटर अपने करियर में धीरे-धोरी उस मुकाम पर पहुंच जाता है जिस मुकाम पर आज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और विराट कोहली (Virat Kohli) जैसे महान खिलाड़ी मौजूद हैं. लेकिन कुछ क्रिकेटरों की किस्मत ऐसी होती है जिसकी शुरूआत अच्छी नहीं रहती लेकिन बाद में वह अपने देश का सबसे बेहतरीन बल्लेबाज बन जाता है. ताजा उदाहरण रोहित शर्मा (Rohit Sharma) हैं, जिनका शुरूआती करियर बेरंग ही रहा था लेकिन कप्तान धोनी (Dhoni) ने रोहित की प्रतिभा को पहचाना और लगातार मौके दिए. 

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अब वर्तमान में रोहित दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाज में से एक हैं. लेकिन रोहित से पहले भी एक ऐसा क्रिकेटर हुआ है जिसकी किस्मत पहले 6 साल कर रूठी रही थी, लेकिन बाद में मिले मौके पर उस खिलाड़ी ने अपनी किस्मत को बदल कर रख दिया और वह अपने देश की ओर से इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले छठा बल्लेबाज भी बना. वह खिलाड़ी और कोई और नहीं बल्कि श्रीलंका के पूर्व कप्तान मार्वन अटापटू (Marvan Atapattu) थे. 

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मार्वन अटापटू ने करियर के पहले 6 साल तक सिर्फ 1 रन बनाए थे
श्रीलंका के पूर्व कप्तान मार्वन अटापट्टू (Marvan Atapattu) ने अपना इंटरनेशनल डेब्यू 1990 में भारत के खिलाफ टेस्ट खेलकर किया था. अपने पहले ही टेस्ट मैच में अटापटू की किस्मत ने उन्हें धोखा दे दिया औऱ दोनों पारियों में बिना रन बनाए आउट हुए. पहले टेस्ट मैच में फ्लॉप होने के बाद अटापट्टू को टीम से बाहर होना पड़ा था. करियर में मार्वन अटापट्टू को दूसरा टेस्ट मैच खेलने का मौका 2 साल के बाद मिला. अपने टेस्ट करियर के पहले 17 पारियों के दौरान अटापट्टू 6 पारियों में डक पर आउट हुए थे. 

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2 साल के बाद भी फ्लॉ़प रहे मार्वन अटापट्टू
2 साल के बाद 1992 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलंबो टेस्ट में अटापट्टू को मौका मिला लेकिन यहां पर भी इस श्रीलंकाई खिलाड़ी की किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया. अपने करियर के दूसरे टेस्ट में अटापट्टू पहली पारी में शून्य पर तो वहीं दूसरी पारी में केवल 1 रन ही बना सके थे. यहां से ऐसा लगने लगा था कि अटापट्टू का करियर खत्म हो जाएगा. लेकिन किस्मत ने मार्वन अटापट्टू का हमेशा साथ किया. इसके बाद 1996 में अटापट्टू का करियर परवान चढ़ा. 1996 में मिले मौके पर अटापट्टू खड़े उतरे और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

टेस्ट में अटापट्टू ने 90 मैच खेलसकर 5502 रन बनाए जिसमें 16 शतक और 17 अर्धशतक शामिल रहा. टेस्ट में उनका औसत 37.52 का रहा. टेस्ट में इस बल्लेबाज ने 6 बार दोहरा शतक जमाने का कमाल किया. इसके बाद वनडे में भी अटापट्टू श्रीलंका के बल्लेबाजी की धार रहे. वनडे में 268 मैच खेलकर इस श्रीलंका बल्लेबाज ने 8529 रन बनाए जिसमें 11 शतक और 59 अर्धशतक शामिल रहा था. मार्वन अटापट्टू ने अपने करियरक में 2 टी-20 इंटरनेशनल मैच भी खेले और 5 रन बनाए. अटापट्टू ने अपना आखिरी टेस्ट मैच 2007 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होबार्ट में खेला तो वहीं आखिरी वनडे मैच 2007 में भारत के खिलाफ खेला था. 

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18वें टेस्ट में जड़ा पहला शतक 
मार्वन अटापट्टू ने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक 18वें टेस्ट में जड़ा था. 1997 में मोहाली टेस्ट मैच में अटापट्टू अपने टेस्ट करियर का पहला शतक जमाने में सफल रहे थे. पहला टेस्ट शतक जमाने के बाद से श्रीलंका का यह बल्लेबाज लगातार श्रीलंकाई टीम का सदस्य बन गया. 1997-98 के सीजन में अटापट्टू ने 695 रन टेस्ट में बनाए थे, उस दौरान वो श्रीलंका की ओर से टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज बने थे. 

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