भारत और विदेशी संस्कृति में एकदम विरोधाभासी अंतर है. यही वजह है कि जब विदेशी भारत आते हैं, तो वे बहुत ही बातों को देखकर चौंक जाते हैं, तो बहुत सी बातें उन्हें बहुत ही ज्यादा पसंद भी आती हैं. निश्चित तौर पर आईपीएल ने बड़ी संख्या में भारतीय संस्कृति से दो-चार होने का मौका दिया है. दिग्गज खिलाड़ भी अलग-अलग भूमिकाओं में कई टीमों को सेवाएं दे रहे हैं. इन्हीं में से एक ऑस्ट्रेलियाई पूर्व ओपनर और दिग्गज जस्टिल लैंगर (Justin Langer) भी हैं, जो पहली बार लखनऊ सुपर जॉयंट्स के हेड कोच के रूप में टीम के साथ हैं. टीम के साथ लैंगर ने कई शहरों का दौरा किया और इससे उन्हें भारत के बारे में और जानने को मिला. लेकिन जिस बात ने उन्हें सबसे ज्यादा हैरान किया, वह रहा पूरे देश में धोनी की दीवानगी.
"धोनी अगले साल भी आईपीएल में खेलेंगे", सोशल मीडिया पर साथी खिलाड़ियों ने भी कर दी पुष्टि
बीबीसी से बातचीत लैंगर ने कहा कि यह बहुत ही असाधारण है. मैंने पहले इसके बारे में सुना था. और बाद में सीएसके के खिलाफ खेले दो मैचों के दौरान देखा भी. जब चेन्नई टीम लखनऊ खेलने आई, तो हमारे इकाना स्टेडियम की क्षमता करीब पचास हजार थी, लेकिन ईमानदारी से कहूं, तो करीब 48,000 फैंस धोनी की नंबर सात की जर्सी पहनकर आए थे. मैं इस पर विश्वास नहीं कर सका. लेकिन जब हम चेन्नई खेलने गए, तो यह मामला 98 % नहीं, बल्कि शत-प्रतिशत था. यह अविश्वसनीय बात है. भारत में हीरो वरशिप (नायक पूजा) अविश्वसनीय है.
उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी ऐसा महसूस किया. जब मैं बतौर खिलाड़ी भारत के खिलाफ खेला तो, तो यही बात खासकर सचिन तेंदुलकर के साथ थी. जब मैं ऑस्ट्रेलिया का कोच बना, तो यह फिर विराट और धोनी के साथ देखने को मिला. लेकिन जब आप यहां भारत आईपीएल में आते हैं, तो यह अविश्वसनीय पहलू है. उन्होंने कहा कि हीरो वरशिप का एक उलट पहलू भी है.
लैंगर बोले कि मैंने इसका उलट पहलू भी देखा क्योंकि रोहित शर्मा भारत में एक बडे़ हीरो हैं. वह भारत के कप्तान भी हैं. और इस साल मुंबई इंडियंस के साथ क्या हुआ? हार्दिक पांड्या उनकी जगह मुंबई के कप्तान बने, तो उन्हें बहुत ज्यादा फैंस का प्यार देखने को मिला, लेकिन हार्दिक को लेकर जो हूटिंग हुई, उसे देखना बहुत ही दुखद था. वह भारतीय टीम के उप-कप्तान हैं.
पूर्व ओपनर ने कहा कि मुझे यह बात मोर्न मोर्कल और जोंटी रोट्स पता चली थी. ये दोनों पहले यहां रह चुके हैं. उन्होंने मुझे निराश होने के बजाय बहाव के साथ चलने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि आप इंग्लिश प्रीमियर लीग की कल्पना की कीजिए कि हर शख्स हर मैच में डेविड बेकहम की शर्ट पहनकर आ जाए. ऐसा वहां नहीं होता. क्या होता है? यह बात हमारे मनोविज्ञान तक में नहीं हैं. और ठीक यह बात किसी दूसरे देश में भी समझ में नहीं आती.