निश्चित तौर पर किसी भी राज्य के लिए शेष भारत टीम को हराना अपने आप में एक बड़ी बात है. और रणजी ट्रॉफी चैंपियन मुंबई ने शनिवार को मुंबई के इकाना स्टेडियम में इरानी ट्रॉफी मैच के आखिरी और पांचवे दिन पहली पारी में बढ़त के आधार पर मुंबई का जीत दर्ज करना बताने के लिए काफी है कि वह घरेलू क्रिकेट में कितनी बड़ी ताकत है. निश्चित तौर पर टीम को रणजी ट्रॉफी चैंपियन बनाने और ईरानी ट्रॉफी जीतने में कई खिलाड़ियों को अहम योगदान रहा है. और इसमें से एक ऑफ स्पिनर-ऑलराउंडर तनुष कोटियां है. कप्तान अजिंक्य रहाणे ने साफ-साफ बोल दिया है कि तनुष भविष्य में भारत के लिए खेलने जा रहे हैं.
ईरानी ट्रॉफी में ऐसा रहा प्रदर्शन
मुंबई ने जब पहली पारी में 537 का विशाल स्कोर खड़ा किया, तो इसमें नंबर आठ पर बैटिंग करते हुए तनुष कोटियां ने 64 रन बनाए, तो इसके बाद ऑफ स्पिन गेदों से भी जलवा बिखेरते हुए कोटियां ने तीन विकेट लिए, लेकिन दूसरी पारी में तनुष ने नाबाद 114 रन की पारी खेलते हुए सेलेक्टेरों को संदेश दे दिया कि अब उन्हें लंबे समय तक यहां से राष्ट्रीय टीम से दूर नहीं रखा जा सकता. निश्चित तौर पर यह एक ऐसा प्रदर्शन था, जो तनुष को प्लेयर ऑफ द मैच दिलाने के काफी था और वह प्रबल दावेदार थे, लेकिन दिन की समाप्ति पर सरफराज खान को मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया.
रणजी ट्रॉफी में भी तूफानी प्रदर्शन
इसमें दो राय नहीं कि अगर मुंबई ने रणजी ट्रॉफी जीती, तो उसमें तनुष कोटियां ने बल्ले और गेंद से बहुत ही अहम योगदान रहा. तनुष उन चुनिंदा खिलाड़ियों में रहे, जिन्होंने सीजन में सबसे ज्यादा दस मैच खेले. और इन मैचों में कोटियां ने 41.83 के औसत से 1 शतक और 5 अर्द्धशतक से 502 रन बनाए, तो गेंद के साथ उन्होंने फेंके 169 ओवरों में 29 विकेट चटकाए.