IPL 2022: पंत ने बताया कारण कि क्यों ऑस्ट्रेलिया दौरा उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट है

IPL 2022: इसे अपने जीवन का सबसे मुश्किल समय करार देते हुए इस क्रिकेटर ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि अब क्या होगा. मैं 22-23 साल का था. यह मानसिक रूप से मेरे जीवन का सबसे मुश्किल दौर था.

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IPL 2022, DC: दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत
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  • "तब मैं किसी से भी बात नहीं कर रहा था"
  • "सभी मुझे कह रहे थे कि यह संभव नहीं है"
  • आईपीएल के प्रदर्शन ने की खासी मदद
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मुंबई:

ipl 2022: ऋषभ पंत ने कहा कि 2020-21 का ऑस्ट्रेलिया दौरा उनके ‘जीवन का टर्निंग प्वाइंट' था, क्योंकि उनकी बदौलत भारत एक मैच ड्रॉ कराने और दूसरा जीतने में सफल रहा जबकि यह विकेटकीपर बल्लेबाज दर्द निवारक इंजेक्शन लगाकर खेल रहा था.  चौबीस साल के पंत ने सिडनी और ब्रिसबेन में अंतिम दो टेस्ट में अपनी दो शानदार पारियां खेली जिससे चोटों से जूझ रही भारतीय टीम पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए श्रृंखला जीतने में सफल रही. हालांकि, इससे पहले पंत के लिए सब कुछ अच्छा नहीं रहा था और 2019 विश्व कप से पहले इस आक्रामक विकेटकीपर बल्लेबाज को भारत की सीमित ओवरों की टीम से बाहर कर दिया गया था. ड्रीम इलेवन के यूट्यूब चैनल पर महिला टीम की क्रिकेटर जेमिमा रोड्रिग्स से बात करते हुए पंत ने याद किया कि कैसे टीम से बाहर किए जाने के बाद उन्होंने सभी से बात करना बंद कर दिया था. पंत ने कहा, ‘मैं किसी से भी बात नहीं कर रहा था. यहां तक कि अपने परिवार और दोस्तों के साथ भी नहीं. मुझे अकेले समय बिताने की जरूरत थी. मैं प्रत्येक दिन अपना दो सौ प्रतिशत देना चाहता था.'

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इसे अपने जीवन का सबसे मुश्किल समय करार देते हुए इस क्रिकेटर ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि अब क्या होगा. मैं 22-23 साल का था. यह मानसिक रूप से मेरे जीवन का सबसे मुश्किल दौर था. मैं सोच रहा था कि अब क्या होगा.' उन्होंने कहा, ‘अचानक सब कुछ रुक गया-आपको दो प्रारूप से बाहर कर दिया गया. शोर बढ़ता जा रहा था. सभी मुझे कह रहे थे कि यह संभव नहीं है. लेकिन साथ ही मैं अकेला बैठकर सोच रहा कि व्यक्तिगत रूप से अब मुझे क्या करना है.'

पंत बाद में जोरदार वापसी करने में सफल रहे. उन्होंने कहा, ‘मेरे दिमाग में सिर्फ यही विचार आ रहा था कि चाहे कुछ भी हो मुझे प्रत्येक दिन कड़ी मेहनत करनी है. आप अपना दो सौ प्रतिशत दो. हम नतीजे को स्वीकार करेंगे, चाहे कुछ भी हो.' पंत ने कहा, ‘मैं स्वयं से कह रहा था कि मेरे पास कोई विकल्प नहीं, मुझे अच्छा प्रदर्शन करना होगा. मुझे भारत को जिताना होगा.'ऑस्ट्रेलिया पर भारत की 2-1 की जीत के दौरान पंत टीम इंडिया की ओर से शीर्ष स्कोरर रहे. उन्होंने पांच पारियों में 274 रन बनाए और उनका औसत 68.50 रहा. एडिलेड में गुलाबी गेंद के टेस्ट में रिद्धिमान साहा के चोटिल होने के बाद पंत को अंतिम एकादश में शामिल किया गया था.

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गर्दन में जकड़ने के कारण पंत पहले अभ्यास मैच में भी नहीं खेले थे. सिडनी में तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन बल्लेबाजी करते हुए उनकी कोहनी में चोट लगी थी, लेकिन उन्होंने 97 रन की पारी खेलकर भारत को हार से बचाया. पंत ने कहा, ‘मैंने मैच के दौरान दर्द निवारक इंजेक्शन लिया, नेट पर गया और मैं बल्ला पकड़ने का प्रयास कर रहा था लेकिन काफी दर्द हो रहा था.' उन्होंने कहा, ‘मैं घबरा रहा था और चोट लगने के बाद डरा भी हुआ था. इसके बाद पैट कमिंस, मिशेल स्टॉर्क और जोश हेजलवुड ने काफी तेज गति से गेंदबाजी की.' पंत ने कहा कि उन्हें शतक से चूकने का मलाल नहीं है, लेकिन उन्हें बुरा लग रहा था कि भारत उस स्थिति से मैच नहीं जीत पाया. उनके आउट होने के बाद रविचंद्रन अश्विन और हनुमा विहारी ने मैच ड्रॉ कराया और इस दौरान उन्होंने काफी गेंदों को अपने शरीर पर झेला.

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