CSK vs KKR Final: चेन्नई चौथी बार बना आईपीएल "सुपर किंग", केकेआर को फाइनल में 27 रन से हराया

CSK vs KKR Final: इससे पहले चेन्नई सुपर किंग्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए केकेआर के सामने जीत के लिए 193 रनों का लक्ष्य रखा. बैटिंग का न्योता पाने के बाद थोड़ी धीमी शुरुआत के बाद चेन्नई के दोनों ओपनरों ऋतुराज गायकवाड़ (32 रन, 27 गेंद, 3 चौके, 1 छक्का) और फैफ डु  प्लेसी (86 रन, 59 गेंद, 7 चौके, 3 छक्के) ने पहले विकेट के लिए 61 रन जोड़कर अच्छी शुरुआत दी

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CSK vs KKR Final: केकेआर की ओपनिंग जोड़ी ने अच्छी शुरुआत दी

फटाफट पढ़ें
  • फैफ डु प्लेसी बने मैन ऑफ द मैच
  • केकेआर का मध्यक्रम बुरी तरह हुआ फेल
  • छह बल्लेबाज नहीं छू सके दहाई का आंकड़ा
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दुबई:

Chennai vs Kolkata, Final:  इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2021) के तहत शुक्रवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए इस साल के फाइनल में चेन्नई सुपर ने किंग्स कोलकाता नाइट राइडर्स को 27 रन से हराकर चौथी बार आईपीएल चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया. चेन्नई से जीत के लिए मिले 193 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए केकेआर के दोनों ओपनरों शुबमन गिल और वेंकटेश अय्यर ने पहले विकेट के लिए 91 रन जोड़कर एक वैसी शुरुआत दी, जिसकी केकेआर को जरूरत थी, लेकिन एक बार ये दोनों आउट क्या हुए कि फिर कोई भी बल्लेबाज जरूरत के मौके पर इन दोनों के रखे मजबूत आधार को मजबूती नहीं दे सका.

हालात इतने खराब रहे कि दोनों ओपनरों के आउट होने के बाद केकेआर के अगले छह बल्लेबाज दहाई का भी आंकड़ा नहीं छू सके,तो उसकी रणनीति भी पूरी तरह से समझ से परे रही. पूरे टूर्नामेंट में प्रचंड फॉर्म में रहे राहुल त्रिपाठी जैसे बल्लेबाज को नंबर आठ पर बैटिंग के लिए भेजना इस बात का सबूत रहा कि केकेआर की रणनीति दिशा से भटक गयी. और जब लगातार नियमित अंतराल पर कभी ठाकुर, तो कभी रवींद्र जडेजा विकेट चटकाते रहे, तो साफ हो गया कि केकेआर की खिताबी जीत बहुत ही मुश्किल हो चली है.

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और यह आखिर में हुई भी और सबसे बड़ी जरूरत के समय न उसके कप्तान इयॉन मोर्गन ही पिच पर टिक सके और न ही दिनेश कार्तिक और न ही कोई और बल्लेबाज. नतीजा यह रहा कि केकेआर की पूरी टीम कोटे के 20 ओवरों में 9 विकेट पर 165 रन ही बना सकी और जीत से मीलों दूर मतलब 27 रन दूर रह गयी. इसी के साथ ही चेन्नई सुपर किंग्स के प्रशंसक जश्नन में डूब गए. फैफ डु प्लेसी को मैन ऑफ द मैच चुना गया.

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पावर-प्ले (शुरुआती 6 ओवर):  छूटा कैच, केकेआर की मौज

इसमें दो राय नहीं  कि केकेआर ने तुलनात्मक रूप से बेहतर शुरुआत की. और मौका भी ठीक उसने चेन्नई को वैसा दिया, जैसा ऋतुराज ने दिनेश कार्तिक को दिया था. तब कार्तिक चूके और चूक गए चेन्नई कप्तान धोनी, जिन्होंने हैजलवुड के दूसरे ओवर में आसान कैच छोड़ दिया. कैच क्या छूटा, वेंकटेश की एप्रोच पूरी तरह बदल गयी और गिल ने पारी की पहली ही गेंद पर चाहर को पुल से मिडविकेट के बाहर भेजकर इरादे पूरी तरह से साफ कर दिए थे. बहरहाल, चाहर तीसरा ओवर लेकर आए, तो वेंकटेश ने दो चौके जड़े और यहां से तो बाउंड्रियां नियमित अंतराल पर आती ही रहीं. कभी शुममन गिल का बेहतरीन कवर ड्राइव, तो वेंकटेशन के स्कवॉयर ड्राइव. दोनों ज्यादा विश्वसनीय और गतिमान भी दिखे. दोनों ने छह ओवर खत्म होने तक अगला मौका भी नहीं दिया और पावर-प्ले में रन बना दिए मिलकर 55 रन. वेंकटेश के थे 18 गेंदों पर 31, तो गिल के थे 18 गेंदों पर 22 रन. मतलब जैसी शुरुआत इन ओवरों में चाहिए थी, वैसी मिल चुकी थी. 

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इससे पहले चेन्नई सुपर किंग्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए केकेआर के सामने जीत के लिए 193 रनों का लक्ष्य रखा. बैटिंग का न्योता पाने के बाद थोड़ी धीमी शुरुआत के बाद चेन्नई के दोनों ओपनरों ऋतुराज गायकवाड़ (32 रन, 27 गेंद, 3 चौके, 1 छक्का) और फैफ डु  प्लेसी (86 रन, 59 गेंद, 7 चौके, 3 छक्के) ने पहले विकेट के लिए 61 रन जोड़कर अच्छी शुरुआत दी. गायकवाड़ लौटे, तो एक छोर पर रन बरसाने का जिम्मा बिल्कुल सही  समय पर बरसे फैफ ने ले लिया और तब तक केकेआर के गेंदों की धुलाई करते रहे, जब तक पारी की आखिरी गेंद पर आउट नहीं हो गये.

 लेकिन आउट होने से पहले फैफ ने केकेआर के होश फाख्ता जरूर कर दिए. चेन्नई की पारी खास बात यह रही कि हर बल्लेबाज ने योगदान दिया. और रॉबिन उथप्पा (31 रन, 15 गेंद, 3 छक्के) और मोईन अली (नाबाद 37 रन, 20 गेंद, 2 चौके, 3 छक्के) ने भी सीनियर पार्टनर फैफ को अच्छा सहारा दिया और चेन्नई की बल्लेबाजी पहली बार टूर्नामेंट में सबसे जरूरत के मौके पर एक ईकाई के रूप में खेली. विकेट उसके सिर्फ दो ही गिरे, लेकिन पारी खत्म होते-होते सुपर  किंग्स ने कोटे के 20 ओवरों में 2 विकेट पर 192 का ऐसा स्कोर खड़ा कर दिया, जिसे छूने के लिए केकेआर को बहुत ज्यादा दिक्कतें आ सकती हैं. 

फैफ ने बदले गीयर और...
दक्षिण अफ्रीकी ओपनर फैफ का दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में  पिछले चार मैचों में प्रदर्शन खास नहीं रहा था. एक मुकाबले में 76 रन की पारी थी, लेकिन तीन में वह फ्लॉप थे और दबाव के साथ उतरे थे. शुरुआत भी फैफ ने खामोशी के साथ की थी. बल्ले को टाइमिंग भी नहीं मिल रही थी, लेकिन ऋतुराज गायकवाड़ के आउट होने के बाद एक छोर पर फैफ ने आक्रमण की जिम्मेदारी संभाल ही ली. हालांकि, शॉट लगाना उन्होंने पावर-प्ले से ही शुरू कर दिया था, लेकिन इन शॉटों में निरंतरता गायकवाड़ के जाने के बाद ही आयी. पावर-प्ले में चक्रवर्ती के छठे ओवर में फैफ ने दो चौके लिए. और फिर बड़ा शॉट तीन ओवर बाद आया. 10वें ओवर में, जब उन्होंने शाकिब को छक्का जड़ा. पर 11वें ओवर में बुरा हाल किया उन्होंने फर्ग्युसन का. दो चौके और आखिरी गेंद पर छक्के के साथ फैफ ने 17 रन तो बटोरे ही. साथ ही, 35 गेंदों पर ऐसे समय अर्द्धशतक जड़ा, जब चेन्नई को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. 

पावर-प्ले (शुरुआती 6 ओवर): मौकां गंवाया केकेआर ने, चेन्नई की बन गयी बात !
थोड़ा पिच का धीमापन कहें, या बड़े मैच का दबाव या थोड़ी बेहतर करने की कोशिश की बल्लेबाजी करने के बाद शुरुआती दो ओवरो में तो चेन्नई के दोनों ही ओपनर इन-फॉर्म ऋतुराज गायकवाड़ और फैफ डु प्लेसी काफी अस्थितर, विश्वासविहीन से दिखायी पड़े. यही वजह रही कि शुरुआती दो ओवरों में ज्यादा रन भी नहीं बनाए. और जब तीसरे ओवर की शाकिब की पहली ही गेंद पर गायकवाड़ ने हाथ खोलने की कोशिश की, तो दिनेश कार्तिक ने आसान स्टंप छोड़ दिया. और ऐसा कार्तिक के साथ पहली बार नहीं हुआ इस सेशन में. पहे भी वह स्टंप छोड़ते देख गए थे अहम मौके पर और इस बार केकेआर ने गायकवाड़ को सस्ते में पवेलियन लौटने का मौका गंवा दिया. 

जीवनदान मिला, तो गायकवाड़ को नया नजरिया मिला और इसी ओवर में उन्होंने शाकिब को छक्का और चौका जड़ते हुए 13 रन बटोरे लिए तो अगला और लेकर फर्ग्युसन आए, तो फैफ और गायकवाड़ ने फिर से एक-एक चौका निकाला, लेकिन गति पकड़ने के बावजूद दोनों पावर-प्ले के आखिरी दोनों ओवरों में धीमे पड़  गए. मावी और वरुण के इन ओवरों में 8-8 ही रन बनाए. सभी उम्मीद कर रहे थे कि पाव-प्ले की आखिरी 12 गेंदों पर कुछ बड़े शॉट देखने को मिलेंगे, लेकिन ऐसा नही हुआ, लेकिन चेन्नई के लिए बड़ा पॉजिटिव यह रहा कि उसने इन ओवरों में बिना नुकसान के 50 रन जोड़ दिए. फैफ के 18 गेंदों पर 22 रन थे, तो ऋतुराज के 19 गेंदों पर 26 रन. एक अच्छी पावर-फुल शुरुआत !!
 

इससे पहले केकेआर ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया, जो उसे बिल्कुल भी फलीभूत साबत नहीं हुआ. और फाइनल मुकाबले में दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम की जीत की थ्योरी ने भी दम तोड़ दिया.  चलिए दोनों टीमों की इलेवन पर भी नजर दौड़ा ले: 

चेन्नई: 1. एएस धोनी (कप्तान) 2. ऋतुराज गायकवाड़ 3. फैफ डु प्लेसिस 4. रॉबिन उथप्पा 5. मोईन अली 6. अंबाती रायुडु 7. रवींद्र जडेजा 8. ड्वेन ब्रावो 9. शार्दूल ठाकुर 10. दीपक चाहर 11. जोश हैजलवुड

कोलकाता: 1. इयॉन मोर्गन (कप्तान) 2. शुबमन गिल 3. वेंकटेश अय्यर 4. नितीश राणा 5. राहुल त्रिपाठी 6. दिनेश कार्तिक 7.  शाकिब-अल-हसन 8. सुनील नरेन 9. लॉकी फर्ग्युसन 9.  शिवम मावी 11. वरुण चक्रवर्ती.

दोनों ही टीमें खिताब जीतने के लिए बहुत ही ज्यादा बेकरार हैं. चेन्नई तीन बार की चैंपियन है, तो किंग खान की टीम आज एक बार और चैंपियन बनने के साथ ही चेन्नई की बराबरी करना चाहेगी, जिसके लिए इस बार आईपीएल के फाइनल तक का सफर बहुत ही उतार-चढ़ाव वाला रहा है. वह बात अलग है कि केकेआर की  टीम फाइनल में जगह बनाने में कामयाब रही, लेकिन आज उसे चेन्नई के लिए हराना स्वीट केक होने नहीं जा रहा. हालंकि, बड़े मैचों का दबाव और दिन विशेष का दबाव इस फॉर्मेट में कुछ भी करा सकता है.