Shafali Verma creates history: यह ईश्वर का आशीर्वाद ही रहा कि वीमेंस विश्व कप (women's world cup 2025) की मूल टीम से बाहर रहीं शेफाली वर्मा (Shafali Verma) की आखिरी दो मैचों में वापसी हुई. प्रतिका रावल (Pratika Rawal) अगर चोटिल न होतीं, तो शेफाली की वापसी भी न हो पाती. बहरहाल, शेफाली मिले पहले मौके पर तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में फायदा नहीं उठा सकीं, लेकिन फाइनल में उन्होंने चयन को सही साबित करते हुए 87 रन की पारी खेली ही, साथ ही इस आतिशी ओपनर ने वह उपलब्धि हासिल की, जिसे फैंस कभी भूलेंगे नहीं.
यह उपलब्धि फैंस को याद रहेगी
शेफाली और भारतीय फैंस को मलाल रहेगा कि वह एक हक के शतक से वंचित रह गईं. अगर वह ऐसा करतीं, तो करियर के 31वे वनडे में शेफाली का यह दूसरा शतक होता. बहरहाल, शतक से चूकने के बावजूद दो बड़ी बातें उन्होंने 87 रन की पारी से कर डालीं. इस पारी के साथ ही शेफाली वनडे विश्व कप के फाइनल में दूसरी सबसे तेज अर्धशतक बनाने वाली बल्लेबाज बन गईं, तो साथ ही फाइनल में वह पचासा जड़ने वाली सबसे युवा बल्लेबाज भी बन गईं. शेफाली ने 49 गेंदों पर अर्द्धशतक जड़ा और उनकी उम्र 21 साल 278 दिन है. मतलब वर्मा का यह रिकॉर्ड तोड़ने के लिए अब किसी बल्लेबाज को विश्व कप फाइनल में कम से कम 21 साल 277 दिन की उम्र में अर्द्धशतक बनाना होगा. और यह वह कारनामा है, जो विश्व कप फाइनल में आज तक कोई पुरुष क्रिकेटर भी नहीं कर सका. वहीं, गेंदों के संदर्भ में यह कारनामा 48 गेंदों पर करना होगा और यह आसान होने बिल्कुल भी नहीं जा रहा. बहरहाल, शेफाली के प्रदर्शन से उनके चाहने वाले बहुत ही खुश हैं.
सोशल मीडिया पर फैंस याद दिला रहे हैं कि हाल ही में शेफाली के साथ क्या-क्या गुजरा और कैसे उन्होंने हालत पर विजय हासिल की.
कोई पुरुष क्रिकेटर भी विश्व कप फाइनल मे ऐसा नहीं कर सका. भारत के किसी भी खिलाड़ी के लिए 21 साल की उम्र में फाइनल खेलने की बड़ी बात ैह














