World Cup 2023 में बुधवार को मुंबई के वानखेड़े (Wankhede Stadium) में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबला (Ind vs Nz semifinal) मुकाबला अगर विराट कोहली (Virat Kohli) के पचावें शतक के लिए जाना जाएगा, तो परिणाम से इतर इस मेगा मुकाबले की स्क्रिप्ट कभी भी मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) के बिना पूरी नहीं होगी. पहले यह मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) ही थे जिन्होंने पारी का आठवां ओवर खत्म होने से पहले दोनों कीवी ओपरों डेवन कॉनवे (13) और रचिन रवींद्र (13) को पवेलियन भेजकर ऐसा बड़ा झटका दिया कि न्यूजीलैंड सिर से लेकर पांव तक हिलकर रह गया. और इसके बाद जब शमी ने अपने पांचवें ओवर के साथ दूसरे स्पेल में भारत के लिए मुश्किल होते पलों में वापसी की, तो ऐसा डबल धमाका कर डाला, जो विश्व कप के इतिहास में उनसे पहले न ही महान कपिल देव कर सके और न ही जहीर खान. चलिए बारी-बारी से जान लीजिए इन बड़े धमाकों के बारे में, जो आने वाली पीढ़ियों के किसी भी देश के पेसर के लिए बड़ा चैेलेंज बने रहेंगे.
शमी का पहला बड़ा धमाका
यह ऐसा धमाका रहा, जो न कपिल देव कर सके और न ही जहीर खान. जी हां, शमी दूसरे स्पेल में आए, तो उन्होंने फेंकी दूसरी ही गेंद पर विलियमसन का विकेट लेकर वह कारनामा कर दिखाया, जो विश्व कप इतिहास में पहले कोई भारतीय गेंदबाज नहीं ही कर सका. इस विकेट के साथ ही शमी ने विश्व कप में अपने पचास विकेट पूरे कर लिए. और वह विश्व कप इतिहास में यह कारनामा करने वाले दुनिया के सिर्फ सातवें गेंदबाज बन गए. इस मामले में ग्लेन मैक्ग्रा (71) पहले नंबर पर हैं.
शमी का दूसरा बड़ा धमाका
शमी का दूसरा धमाका तो इतना बड़ा रहा कि इसमें मैक्ग्रा सहित तमाम गेंदबाज उड़ गए ! शमी ने विश्व कप इतिहास में पचास विकेट ही पूरे नहीं, बल्कि बल्की उन्होंने पारी और गेंद दोनों ही लिहाज से विकेटों का अर्द्धशतक जड़ने में सभी को मात दे दी. शमी ने सिर्फ 17 पारियों में यह कारनामा किया. इसी के साथ ही ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टॉक (19 पारी), लसिथ मलिंगा (25) और ट्रेंट बोल्ट (28) उनसे पीछे छूट गए
गेंदों के लिहाज से भी सभी को पीछे छोड़ा
सिर्फ पारी ही नहीं, बल्कि शमी ने विश्व कप में सबसे कम गेंदों पर पचास विकेट लेने का कारनाामा किया. शमी ने इस उपलब्धि के लिए 795 गेंद फेंकीं, तो वहीं इसी कारनामे के लिए स्टॉर्क (941 गेंद), लसिथ मलिंगा (1187 गेंद), ग्लेन मैक्ग्रा (1540 गेंद) और ट्रेंट बोल्ट (1543 गेंद) ने भारतीय पेसर से कहीं ज्यादा गेंद खर्च कीं