अगस्त 2024 से जुलाई 2025 के बीच बांग्लादेश में मॉब लिंचिंग की घटनाओं में कम से कम 637 लोग मारे गए. PM शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी और भीड़ द्वारा हिंसा की घटनाएं तेजी से बढ़ीं. भीड़ हिंसा में ज्यादातर राजनीतिक और सांप्रदायिक कारण थे, जिसमें हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक खासकर निशाने पर थे.