Ind vs Eng Test: चौथा टेस्‍ट हारकर टीम इंडिया ने गंवाई सीरीज, ये हैं हार के 5 कारण...

Ind vs Eng Test: चौथा टेस्‍ट हारकर टीम इंडिया ने गंवाई सीरीज, ये हैं हार के 5 कारण...

टीम इंडिया पांच टेस्‍ट की सीरीज में इस समय 1-3 से पिछड़ रही है (फाइल फोटो)

भारतीय टीम जब इंग्‍लैंड दौरे के लिए रवाना हुई थी तो क्रिकेटप्रेमियों को उम्‍मीद थी कि विराट कोहली ब्रिगेड टेस्‍ट सीरीज जीतकर देश को तोहफा देगी. दौरे के शुरुआत में तीन मैचों की टी20 इंटरनेशनल सीरीज में  2-1 के अंतर से मिली जीत ने इस उम्‍मीद को मजबूत किया. लेकिन इस जीत के बाद टीम लगातार 'जीत की पटरी' से उतरती गई. तीन वनडे मैचों की सीरीज में विराट की टीम को 1-2 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद बारी थी पांच टेस्‍ट मैच की सीरीज की, जिसमें टीम इंडिया को जीत का दावेदार माना जा रहा था. इसके पीछे कारण भी थे. भारतीय टीम इस समय टेस्‍ट रैंकिंग में नंबर वन है. बल्‍लेबाजी और गेंदबाजी के लिहाज से भी टीम को संतुलित माना जा रहा था. इसके अलावा विदेश में भारतीय टीम का प्रदर्शन हाल के समय में काफी बेहतर हुआ है, लेकिन खिलाड़ि‍यों खासकर बल्‍लेबाजों  के शर्मनाक प्रदर्शन के कारण भारतीय टीम सीरीज गंवा चुकी है. नॉटिंघम में हुए तीसरे टेस्‍ट में भारत की जीत से खेलप्रेमियों के चेहरे पर जो मुस्‍कुराहट आई थी, वह साउथम्‍पटन के चौथे टेस्‍ट की हार के साथ ही काफूर हो गई है. भारतीय टीम इस समय सीरीज में 1-3 से पीछे चल रही है, ऐसे में 7 सितंबर से शुरू होने वाला पांचवां टेस्‍ट मैच महज औपचारिकता बनकर रह गया है. इसका परिणाम जो भी हो टीम का सीरीज हारना तय है. नजर डालते हैं, उन 5 खास बातों पर जो टीम इंडिया की हार का कारण बनीं...

Ind vs Eng: चौथे टेस्‍ट की हार के बाद केएल राहुल ने किया यह ट्वीट, यूं हुए ट्रोल

ओपनरों की लगातार असफल होना
किसी भी टीम के बड़े स्‍कोर तक पहुंचने के लिए जरूरी है कि ओपनर उसे अच्‍छी शुरुआत दें. ओपनर टीम को वह आधार प्रदान करते हैं जिसके सहारे टीम के लिए बड़े स्‍कोर तक पहुंचना संभव होता है. दुर्भाग्‍य से सीरीज के चार टेस्‍ट मैचों में यह नहीं हो सका. पिछले इंग्‍लैंड दौरे में मुरली विजय ने बल्‍ले से शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन इस बार वे पूरी तरह नाकाम रहे. एक भी मैच में भारत की ओर से पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी नहीं हो पाई. पहले टेस्‍ट में मुरली विजय और शिखर धवन ने भारतीय पारी की शुरुआत की थी. विजय के फ्लॉप होने के बाद शिखर धवन और केएल राहुल की जोड़ी को यह जिम्‍मेदारी सौंपी गई लेकिन इस नई जोड़ी ने भी निराश किया. नॉटिंघम के तीसरे टेस्‍ट में दोनों पारियों में हुई पहले विकेट की 50+ रन की साझेदारी को अपवाद के रूप में छोड़ दें तो हर बार भारतीय ओपनर सस्‍ते में आउट होकर विपक्षी गेंदबाजों को हावी होने का मौका देते रहे.

कब होता है शमी का 'असली' बर्थडे, कई तारीखें सामने, बीवी हसीन जहां भी लगा चुकी हैं आरोप

विराट कोहली पर बहुत अधिक निर्भरता
अब तक के चारों मैचों में टीम इंडिया बल्‍लेबाजी में विराट कोहली पर बहुत अधिक निर्भर रही. विराट के आउट होते ही भारतीय टीम का संघर्ष खत्‍म होता नजर आया. ऐसा लगा कि अकेले विराट, भारतीय बल्‍लेबाजी का पूरा बोझ ढो रहे हैं. चेतेश्‍वर पुजारा और अजिंक्‍य रहाणे जैसे बल्‍लेबाजों ने पास विदेशी मैदानों पर सफल होने लायक तकनीक और टेम्‍परामेंट है लेकिन ये कुछ मौकों पर ही चमक दिखा पाए. चेतेश्‍वर पुजारा ने केवल चौथे टेस्‍ट की पहली पारी में शतक जमाया जबकि अजिंक्‍य रहाणे तीसरे और चौथे टेस्‍ट में अर्धशतक बना पाए. अन्‍य बल्‍लेबाजों के बारे में बात करना तो बेकार ही है. बल्‍लेबाजों के इस कमजोर प्रदर्शन के कारण विराट पर अतिरिक्‍त दबाव पड़ा और इसका खामियाजा टीम को चुकाना पड़ा.


सुनील गावस्‍कर बोले, 'विराट कोहली ऐसा हर समय नहीं कर सकते, आखिर वे भी इंसान हैं'

विकेटकीपर बल्‍लेबाज के रूप में कार्तिक/पंत का न चलना
चोटिल ऋद्धिमान साहा के स्‍थान पर दिनेश कार्तिक टेस्‍ट सीरीज में विकेटकीपर के तौर पर पहली च्‍वाइस थे. शॉर्टर फॉर्मेट खासकर वनडे में अच्‍छे प्रदर्शन के नाते उम्‍मीद थी कि कार्तिक बल्‍लेबाजी में टीम के लिए सहारा बनेंगे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. पहले दो टेस्‍ट में नाकाम रहने के कारण दिनेश कार्तिक को प्‍लेइंग इलेवन से बाहर होना पड़ा. उनके स्‍थान पर युवा ऋषभ पंत को टीम में स्‍थान मिला लेकिन बल्‍लेबाजी में वे भी नाकाम रहे.

निचले क्रम के बल्‍लेबाज करते रहे निराश
रविचंद्रन अश्विन और हार्दिक पंड्या जैसे खिलाड़ी निचले क्रम में बल्‍ले से उपयोगी योगदान नहीं दे सके.  पंड्या ने केवल तीसरे टेस्‍ट में गेंद और बल्‍ले से अच्‍छा प्रदर्शन किया. शेष तीन टेस्‍ट में वे न तो गेंद से अपनी प्रतिभा के साथ न्‍याय कर पाए और न बल्‍ले से. रविचंद्रन अश्विन का हाल तो और भी बुरा रहा. पहले टेस्‍ट की पहली पारी को छोड़कर कभी भी वे गेंदबाजी में प्रभाव छोड़ते नजर नहीं आए. टेस्‍ट क्रिकेट में अपने नाम पर चार शतक होने के बावजूद वे इस सीरीज में बल्‍ले से बुरी तरह नाकाम रहे. चौथे टेस्‍ट में जब ऑफ स्पिनर मोईन अली इंग्‍लैंड के लिए लगातार विकेट ले रहे थे तब अश्विन गेंदबाजी में भारत के लिए ऐसा नहीं कर पाए. यही कारण रहा कि साउथम्‍पटन टेस्‍ट में छह विकेट 178 के स्‍कोर पर गंवाने के बावजूद इंग्‍लैंड दूसरी पारी में 271 रन तक पहुंचने में सफल हो गया.

वीडियो: मैडम तुसाद म्‍यूजियम में विराट कोहली
सैम कुरेन को आउट करने में जूझते दिखे भारतीय गेंदबाज
हरफनमौला सैम कुरेन इंग्‍लैंड के लिए इस दौरे की खोज साबित हुए. अपनी गेंदबाजी से तो उन्‍होंने प्रभावित किया ही, विपरीत परिस्थितियों में इंग्‍लैंड के लिए अपनी बल्‍लेबाजी से भी सहारा बनते रहे. वे पहले और चौथे टेस्‍ट में खेले और दोनों ही मैचों में इंग्‍लैंड की जीत के हीरो रहे. पहले टेस्‍ट की दूसरी पारी में इंग्‍लैंड की टीम 87 रन पर सात विकेट गंवा चुकी थी लेकिन कुरेन ने निचले क्रम के बल्‍लेबाजों के साथ स्‍कोर को 180 रन तक पहुंचा दिया. इस दौरान कुरेन ने इंग्‍लैंड के लिए सर्वाधिक 63 रन की पारी खेली. चौथे टेस्‍ट में भी कुरेन को आउट करने में भारतीय गेंदबाज संघर्ष करते रहे. पहली पारी में भारतीय गेंदबाज, मेजबान टीम के छह विकेट 86 के स्‍कोर पर गिरा चुके थे लेकिन कुरेन ने 78 रन की पारी खेलकर टीम को 246 के स्‍कोर पर पहुंचाया. दूसरी पारी में भी उन्‍होंने 46 रन का योगदान टीम को दिया. भारतीय टीम ने पहला टेस्‍ट 31 रन और चौथा टेस्‍ट 60 रन से हारा. कुरेन की बल्‍लेबाजी इस मामले में इंग्‍लैड के लिए निर्णायक साबित हुई.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com