Yashasvi Jaiswal: टीम इंडिया ने मेहमान अंग्रेजों को राजकोट में रविवार को खत्म हुए तीसरे टेस्ट में 334 रनों के विशाल अतंर से हराकर सीरीज में -1 की बढ़त हासिल कर ली. निश्चित तौर पर अगर प्लेयर ऑफ द मैच रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadja) रहे, तो चौथे दिन का आकर्षण पूरी तरह से लेफ्टी यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने अपने नाम कर लिया. और मैच के बाद जायसवाल ने स्टार स्पोर्ट्स ने तमाम सवालों पर अपने दिल के विचार प्रकट किए.
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यशस्वी ने अपनी बड़ी पारी के बारे में कहा कि जब भी मैं पिच पर जम जाता हूं, तो मेरी कोशिश इसे बड़ी पारी में तब्दील करने की होती है. टेस्ट क्रिकेट में आप कुछ भी नहीं जानते. यही वजह है कि मैं यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा हूं कि मैं पिच पर ज्यादा से ज्यादा देर तक टिका रहूं. जायसवाल ने कहा कि यह थोड़ी मुश्किल पिच थी. शुरू में मेरे लिए रन बनाना मुश्किल हो रहा था. इसलिए मुझे उस सेशन में खेलना था और गेंदबाजों का सामना करना था.
यशस्वी ने कहा कि जब एक बार मैं पिच पर जम गया, तो मैं स्कोर कर सका था. मेरा प्लान साफ था कि मैं किस एरिया में अपने शॉट खेल सकता हूं और कहां से रन बटोर सकता हूं. बात को जारी रखते हुए जायसवाल ने कहा कि कुछ समय बाद मेरी पीठ में दर्द (तीसरे दिन) हो गया. मैं बाहर नहीं जाना चाहता था, लेकिन मुझे जाना पड़ा क्योंकि यह बहुत ही ज्यादा हो गया था. उन्होंने कि जब मैं वापस आया तो मैंने खुद को समय देने और पारी को ज्यादा से ज्यादा बड़ा करने की कोशिश की. मैं जानता था कि अगर मैं पिच पर टिका रहा, तो मैं खेल को आगे ले जा सकता हूं, आखिर तक टिका रह सकता हूं.
शुरुआत में धीमी बैटिंग पर यशस्वी ने कहा कि इस स्टेज पर पिच में थोड़ी बहुत मदद थी और गेंद बहुत ही सख्त थी. मैं जानता था कि टीम को अच्छी शुरुआत देना मेरे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका टीम के हितों पर बहुत ही बड़ा असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि मैं यही महसूस करता हूं कि जब एक बार मैं जम जाऊं, तो बड़ी से बड़ी पारी खेलने की कोशिश करूं. सभी सीनियरों ने यही कहा है कि जब भी आप पिच पर जम जाते हो, तो इसे बड़ी पारी में तब्दील करो. रोहित भाई और जड्डू भाई की पारियों ने भी मुझे प्रेरित किया.