- भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट से पहले गेंद के अत्यधिक खराब होने की समस्या पर चिंता व्यक्त की है.
- पंत ने कहा कि ड्यूक गेंद का आकार मैच के दौरान बहुत जल्दी बिगड़ जाता है, जिससे गेंदबाजों और बल्लेबाजों दोनों को परेशानी होती है.
- उन्होंने बताया कि गेंद का खराब होना क्रिकेट के लिए अच्छा संकेत नहीं है और इससे खिलाड़ियों को हर गेंद के साथ तालमेल बिठाना मुश्किल हो जाता है.
Rishabh Pant on Dukes Ball: लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ अपनी टीम के तीसरे टेस्ट से पहले, भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज और उप-कप्तान ऋषभ पंत ने मैचों के दौरान गेंद के बहुत ज्यादा खराब होने पर बात करते हुए कहा कि ऐसी चीजें कभी नहीं हुई हैं और यह "क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं है." भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट गुरुवार से लॉर्ड्स में होगा. सीरीज अभी एक-एक से बराबरी पर है. टीम इंडिया ने एजबेस्टन टेस्ट में 336 रनों से बड़ी जीत दर्ज की है. ऐसे में उसका मनोबल बढ़ा हुआ है. इसके अलावा उसने लॉर्ड्स में अपने पिछले तीन मैचों में से दो में जीत हासिल की है.
मौजूदा सीरीज ड्यूक गेंद से खेली जा रही है और भारतीय और इंग्लिश दोनों टीमों को बार-बार अंपायर से गेंद को लेकर शिकायत करते देखा गया है. ड्यूक गेंद बार-बार ख़राब हो रही है, जिससे गेंदबाजों को बहुत परेशानी हो रही है. आमतौर पर एक पारी में 80 ओवरों के बाद नई गेंद लाई जाती है. लेकिन शुरुआती मैचों में कम से कम दो बार गेंदे इससे पहले बदली गई है.
गुरुवार को होने वाले मुकाबले की पूर्व संध्या पर मीडिया के सामने आए ऋषभ पंत ने कहा,"मुझे लगता है कि गेज एक जैसा होना चाहिए (यह निर्धारित करने के लिए कि गेंद अपने आकार से बाहर हो गई है, गेंद के ब्रांड की परवाह किए बिना), लेकिन अगर यह थोड़ा छोटा है, तो यह बेहतर होगा. निश्चित रूप से, मुझे लगता है कि यह एक बड़ी समस्या है क्योंकि गेंद अपने आकार से बाहर हो रही है. लेकिन साथ ही, यह हमारे ऊपर निर्भर नहीं है. क्योंकि जब आप गेंद को देखते हैं, तो आप देख सकते हैं कि इसका आकार ख़राब हो गया है."
उन्होंने कहा, "गेंद का आकार बहुत ज्यादा खराब हो रहा है. ऐसा कभी नहीं हुआ. यह निश्चित रूप से खिलाड़ियों के लिए परेशान करने वाली बात है क्योंकि हर गेंद अलग तरीके से खेलती है. क्योंकि जब यह नरम हो जाती है, तो कभी-कभी यह बहुत ज्यादा असर नहीं करती है. लेकिन जैसे ही यह गेंद बदलती है, यह काफी असर करने लगती है. इसलिए एक बल्लेबाज के रूप में, आपको इसके साथ तालमेल बिठाते रहना होगा. लेकिन साथ ही, मुझे लगता है कि यह आखिरकार क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं है."
अपने और कप्तान शुभमन गिल के बीच अच्छे रिश्ते पर बात करते हुए, पंत ने कहा,"मुझे लगता है कि यह अंततः मैदान पर दिखाई देता है, और वास्तव में यही हुआ है. क्या हो रहा है, क्योंकि आप जानते हैं, जब दो लोग एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं, तो एक ही काम करना आसान होता है, मैदान पर संचार बेहतर होता है, और उम्मीद है कि हम आगे चलकर पूरी टीम के साथ भी यही काम कर सकते हैं, और बस इसे एक बड़ी इकाई बना सकते हैं."
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