बांग्लादेश के खिलाफ इसी महीने की 19 तारीख से शुरू हो रही दो टेस्ट मैचों की सरीज के लिए 16 सदस्यीय भारतीय टीम का ऐलान रविवार को ही कर दिया है. दूसरे टेस्ट के लिए टीम की घोषणा बाद में होगी. लेकिन इसी के साथ ही चीफ सेलेक्टर अजित अगरकर ने टीम इंडिया के लगने वाले शिविर में दो नेट बॉलरों को भी नेट बॉलर के रूप में चुना है. इनमें से एक हैं छह फीट और चार इंच लंबे ऑफ स्पिनर हिमांशु सिंह (Himanshu Singh) और दूसरे हैं तेज गेंदबाज युद्धवीर सिंह. चलिए जान लीजिए कि किन वजहों से अगरकर ने बांग्लादेश के खिलाफ हिमांशु सिंह को बतौर नेट बॉलर के रूप में चुना है.
मुंबई के लिए दमदार प्रदर्शन
रिपोर्ट के अनुसार अगरकर को इस लंबे ऑफ स्पिनर ने घरेलू क्रिकेट के प्रदर्शन से खासा प्रभावित किया और वह तभी से वह चीफ सेलेक्टर के रडार पर हैं. लेकिन एक बड़ा एक्स फैक्टर जो हिमांशु सिंह के साथ है, वह यह है कि उनका एक्शन महान अश्विन से बहुत ही ज्यादा मिलता-जुलता है. मुंबई से आने वाले 21 साल के हिमांशु मुंबई के लिए अलग-अलग आयु वर्ग की क्रिकेट में खुद की अच्छी पहचान बना चुके हैं. बता दें कि बांग्लादेश के खिलाफ बतौर नेट बॉलर चुने गए हिमांशु सिंह को अभी भी सीनियर स्तर पर मुंबई के लिए खेलना बाकी है. वह मुंबई के लिए अंडर-16 और अंडर-23 आयु वर्ग में खेल चुके हैं. साथ ही, वह पिछले साल एनसीए के उभरते हुए खिलाड़ियों के पिछले साल के शिविर का भी हिस्सा थे.
इस प्रदर्शन से आए अगरकर की निगाह में
इस साल उन्हें सीके नायुडु ट्रॉफी के लिए मुंबई की अडंर-23 टीम में चुना गाया, तो उन्होंने 18.92 के औसत से 38 विकेट चटकाए. वह टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले शीर्ष दस गेंदबाजों में शामिल थे. क्वार्टरफाइनल की दोनो पारियों में हिमांशु ने क्रमश: 64 रन देकर 7 और फिर दूसरी पारी में 78 रन देकर 6 विकेट लिए, तो इस प्रदर्शन की गूंज अगर कर तक भी पहुंची और तभी से चीफ सेलेक्टर उन्होंने फॉलो कर रहे हैं.
आंध्र प्रदेश के खिलाफ बिखेरा जलवा
इस सीजन में हिमांशु कुछ दिन पहले ही बुची बाबू टूर्नामेंट में मुंबई के लिए भी खेल, तो साथ ही वह हाल ही में मैसूर में खेले गए कनार्टक क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के टूर्नामेंट में भी खेले. साथ ही, के. थमम्मापिया मेमोरियल टूर्नामेंट में हिमाशु ने आंध्र प्रदेश के खिलाफ पहली पारी में उसके गिरने वाले सभी 7 विकेट हिमांशु ने लिए.