Iftikhar Ali Khan Pataudi: भारत और इंग्लैंड की टीमें महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन के नाम पर पांच मैचों की आगामी टेस्ट सीरीज खेलेगी. पहले इस टेस्ट सीरीज को पटौदी ट्रॉफी के नाम से जाना जाता था जिसकी शुरुआत साल 2007 में हुई थी, 2007 में इंग्लैंड में भारत की पहली टेस्ट सीरीज़ के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में की गई थी. इसका नाम पटौदी परिवार के नाम पर रखा गया था, खास तौर पर इफ़्तिख़ार अली ख़ान पटौदी (इंग्लैंड और भारत दोनों के लिए टेस्ट खेलने वाले इकलौते भारतीय क्रिकेटर) और उनके बेटे मंसूर अली ख़ान पटौदी, जो एक भारतीय कप्तान थे और जिन्हें "टाइगर" पटौदी के नाम से जाना जाता था.
इफ़्तिख़ार अली ख़ान पटौदी, इकलौते भारतीय क्रिकेटर जिन्होंने इंग्लैंड और भारत के लिए खेला टेस्ट क्रिकेट
इफ़्तिख़ार अली ख़ान पटौदी इकलौते ऐसे क्रिकेटर हैं जिनके नाम इंग्लैंड और भारत के लिए टेस्ट मैच खेलने का कमाल दर्ज है. पंजाब के शाही पटौदी खानदार में 16 मार्च 1910 को जन्मे इफ्तिखार अली खान पटौदी ने साल 1932 में इंग्लैंड के लिए टेस्ट मैच में डेब्यू किया था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में इफ्तिखार अली खान पटौदी इंग्लैंड की ओर से खेले थे. अपने पहले ही टेस्ट मैच में इफ्तिखार अली खान पटौदी ने 102 रन की पारी खेली थी. उन्होंने 380 गेंदों पर 102 रन बनाए थे. अपनी पारी में इफ्तिखार अली खान पटौदी ने 6 चौके लगाए थे. इफ्तिखार अली खान
ने इंग्लैंड के लिए तीन टेस्ट मैच खेले. इंग्लैंड के लिए उन्होंने 3 टेस्ट में 144 रन बनाए थे, जिसमें उनके नाम एक शतक दर्ज था. वहीं, बाद में फिर इफ्तिखार अली खान भारत वापस आए और टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया. साल 1946 में इफ़्तिख़ार अली ख़ान पटौदी ने भारत के लिए पहला टेस्ट मैच खेला था. 1946 में इफ्तिखार अली खान पटौदी ने इंग्लैंड दौरे पर भारत के लिए टेस्ट मैच खेला, उन्होंने भारत के लिए लॉर्ड्स टेस्ट मैच में डेब्यू किया था. भारत के लिए इफ़्तिख़ार अली ख़ान पटौदी ने भी 3 टेस्ट खेले और 5 पारियों में 55 रन बना सके. भारत के लिए उनके नाम एक भी शतक और अर्धशतक दर्ज नहीं है.
भारत के तीसरे टेस्ट कप्तान थे इफ़्तिख़ार अली ख़ान पटौदी
इफ़्तिख़ार अली ख़ान पटौदी भारत के लिए टेस्ट में कप्तानी करने वाले तीसरे खिलाड़ी थे. उनसे पहले टेस्ट में भारत के लिए कप्तानी सीके नायडू और महाराज ऑफ विजयनगरम ने किया था. इफ़्तिख़ार अली ख़ान पटौदी ने भारत के लिए तीन मैचों में कप्तानी की थी. जब इफ़्तिख़ार अली ख़ान पटौदी ने भारत के लिए पहला टेस्ट मैच खेला था तो उनकी उम्र 36 साल थी.
इफ़्तिख़ार अली ख़ान पटौदी मज़बूत डिफेंस तकनीक के लिए जाने गए
इफ़्तिख़ार अली ख़ान का जन्म 16 मार्च 1910 को नवाब मुहम्मद इब्राहिम अली ख़ान और शाहर बानो बेगम के घर हुआ था, जो वर्तमान हरियाणा में पटौदी की छोटी सी रियासत पर शासन करते थे. 1917 में अपने पिता की मृत्यु के बाद, इफ़्तिख़ार पटौदी के 8वें नवाब बने, लेकिन औपचारिक रूप से दिसंबर 1931 में उन्हें नवाब घोषित किया गया था. लाहौर के एचिसन कॉलेज में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, इफ़्तिख़ार ग्रेट ब्रिटेन चले गए और 1927 में ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के बैलिओल कॉलेज में दाखिला लिया. वहां उन्होंने हॉकी और क्रिकेट ब्लूज़ में बेहतरीन प्रदर्शन किया और प्रसिद्ध अंग्रेजी ऑलराउंडर, फ्रैंक वूली से ट्रेनिंग भी ली थी.
उन्हें उनके शानदार प्रदर्शन के लिए 1932 में ‘विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर' से सम्मानित किया गया था. साल 1932-33 की एशेज सीरीज के बाद ऑस्ट्रेलिया से लौटने पर, उन्हें 1936 में भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी करने का मौका दिया गया, लेकिन उन्होंने आखिरी समय में खराब फॉर्म का हवाला देते हुए अपना नाम वापस ले लिया था. आखिरकार 1946 में, वे आखिरकार भारतीय टीम के कप्तान बने और इंग्लैंड के खिलाफ़ खेले. इफ़्तिख़ार अली ख़ान पटौदी मज़बूत डिफेंस तकनीक, क्रीज़ पर अपने फुटवर्क और कई तरह के स्ट्रोक खेलने की क्षमता के लिए जाने जाते थे. वे अपनी खेल भावना और नेतृत्व कौशल के लिए भी जाने जाने गए.
इफ़्तिख़ार अली ख़ान पटौदी के बेटे मंसूर अली खान पटौदी भी बने बेहतरीन कप्तान
नवाब पटौदी सीनियर के बेटे ने उनकी विरासत को आगे बढ़ाया और भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे बेहतरीन कप्तानों में से एक रगे. उन्हें ‘टाइगर पटौदी' का नाम दिया गया. मंसूर अली खान पटौदी ने भारत के लिए 46 टेस्ट खेले और 6 शतक 16 अर्धशतक की मदद से 2793 रन बनाने में सफल रहे. इफ़्तिख़ार के पोते, सैफ़ अली ख़ान और सोहा अली ख़ान, बॉलीवुड के बड़े सितारे हैं. साल 2007 में, भारत के टेस्ट डेब्यू की 75वीं सालगिरह के उपलक्ष्य में, मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब ने इफ़्तिख़ार अली ख़ान पटौदी के नाम पर एक ट्रॉफी का आयोजन किया था, जिसके तहत भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज खेला जाता था.