धोनी को जिस घटना के लिए मिला ICC 'स्पिरिट ऑफ क्रिकेट' अवार्ड, 10 साल बाद इयान बेल बोले- गलती थी..

साल 2011 में नॉटिंघम टेस्ट मैच के दौरान धोनी (MS Dhoni) ने एक ऐसा काम किया था जिसको लेकर आईसीसी ने उन्हें दशक का 'स्पिरिट ऑफ क्रिकेट' के अवार्ड से नवाजा था. अब उस घटना को लेकर 10 साल बाद इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर इयान बेल (Ian Bell) ने अपनी बात सभी के सामने रखी है.

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धोनी को जिस घटना के लिए मिला ICC 'स्पिरिट ऑफ क्रिकेट' का अवार्ड,

साल 2011 में नॉटिंघम टेस्ट मैच के दौरान धोनी (MS Dhoni) ने एक ऐसा काम किया था जिसको लेकर आईसीसी ने उन्हें दशक का 'स्पिरिट ऑफ क्रिकेट' के अवार्ड से नवाजा था. अब उस घटना को लेकर 10 साल बाद इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर इयान बेल (Ian Bell) ने अपनी बात सभी के सामने रखी है. इयान बेल (Ian Bell)  ने कहा है कि उस समय जो उन्होंने कहा उसे नहीं करना चाहिए था, वह मेरी ही गलती थी. ग्रेड क्रिकेटर के यूट्यूब चैनल से बात करते हुए बेल ने माना कि उन्होंने बिना अंपायर की तरह देखे ही पवेलियन की ओर चले गए थे. उन्होंने कहा कि, 'हां, यह काफी दिलचस्प वाकया है. जब मैं वापस लौट रहा था तो शायद मुझे भूख लगी होगी या कुछ और होगा क्योंकि मैं सचमुच सोच रहा था कि गेंद बाउंड्री पार चली जाएगी. अगर चौका लगता तो मैं सुरक्षित भी रहता लेकिन हां, इसके लिए धोनी को दशक का 'स्पिरिट ऑफ द गेम' पुरस्कार दिया. वह मेरी ओर से एक गलती थी, ऐसा कभी नहीं करना चाहिए.'

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दरअसल हुआ ये था कि इंग्लैंड की दूसरी पारी के दौरान जब बेल 137 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे, तभी इशांत शर्मा की एक गेंद पर इयान मॉर्गेन ने डीप स्क्वॉयर लेग की ओर शॉट खेला, ऐसे में नॉन स्ट्राइक एंड पर खड़े बेन को लगा कि गेंद चौके के लिए चली गई है और ऐसा मानकर वह 3 रन पूरा किए बगैर ही चायकाल का समय मानकर पवेलियन की तरफ बढ़ चले थे.

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ऐसे में प्रवीण कुमार ने गेंद को बाउंड्री पर पकड़ा था और धोनी को थ्रो किया. भारतीय कप्तान धोनी ने गेंद को नॉन स्ट्राइक एंड पर फेंककर फील्डर अभिनव मुकुंद को दी. मुकुंद ने बिना देरी किए हुए गेंद को स्टंप पर मार दी. ऐसे में भारतीय खिलाड़ियों ने रन आउट की अपील की, जिसे अंपायर ने मान लिया था. इसके बाद बेल भी हैरान रह गए थे. जब धोनी को बेल के कंफ्यूजनम के बारे में पता चला तो उन्होंने एक दिल जीतने वाला फैसला किया. चायकाल के बाद देखा गया कि बेल फिर से बल्लेबाजी करने उतरे थे. बेल को फिर से मैदान पर बल्लेबाजी करता देख हर कोई हैरान था. वहीं., फिर यह बात सामने आई कि धोनी ने दोनों पक्षों के बीच चर्चा के बाद टीम इंडिया के द्वारा आउट की अपील को वापस ले लिया था. ऐसे में बेल फिर से बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरे थे. इयान बेल ने इस पारी में 159 रन की पारी खेली थी. 

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धोनी के इस खेल भावना का आईसीसी ने भी सम्मान किया और उन्हें दशक का 'स्पिरिट ऑफ क्रिकेट' अवार्ड  देकर इस घटना को क्रिकेट के इतिहास में अमर कर दिया. बेल ने यूट्यूब चैनल पर कहा कि उन्हें बिल्कुल भी ऐसा नहीं करना चाहिए था. मेरी गलती ने धोनी को यह अवार्ड दिलाया और वो इसके यकीनन हकदार हैं.

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