Sarfaraz Khan's statement: इस साल फरवरी में सरफराज खान (Sarfraz Khan) को जब टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने का मौका मिला, तो वह खासी चर्चा में रहे. चर्चाओं में उससे पहले भी थे क्योंकि लगातार घरेलू क्रिकेट में बरसने के बावजूद उन्हें मौका नहीं मिल रहा था. और जब इंग्लैंड के खिलाफ मार्च में धर्मशाला में मौका मिला, तो उन्होंने शुरुआती पांच टेस्ट पारियों में तीन अर्द्धशतक ठोककर अपने चयन को एकदम सही साबित किया. तीन टेस्ट मैचों में 50 के औसत से 200 रन बना चुके हैं, लेकिन इस बात की गारंटी नहीं है कि बांग्लादेश के खिलाफ घोषित होने वाली टीम में उनका चयन होगा ही होगा. एक इंटरव्यू में सरफराज ने कहा कि मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं है.
दरअसल वजह साफ है कि तब इंग्लैंड के खिलाफ विराट कोहली और केएल राहुल दोनों ही नहीं थे. अब जब ये दोनों टीम इंडिया में वापसी के लिए तैयार हैं, तो जाहिर है कि सरफराज को बाहर रहना या बैठना ही पड़ेगा. इसी पर सरफराज ने कहा, "मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं है, लेकिन अगर अवसर बनता है, तो मैं पूरी तरह से तैयार हूं. यही वह बात है, जिस पर मैं सालों से अमल कर रहा हूं. और अब भी इस सोच में बदलाव होने की कोई वजह नहीं है."
लगातार घरेलू क्रिकेट में धमाकेदार प्रदर्शन के बावजूद देरी से मिले मौके पर सरफराज ने कहा, "यह बात उनके हित में जा सकती है", उन्होंने कहा, "कुछ खिलाड़ियों को करिय में बुहत जल्द मौका मिल जाता है, तो कुछ को इंतजार करना पड़ता है. मेरे मामले में मैं भाग्यशाली हूं कि इसमें समय लगा क्योंकि इस वजह से मैंने घरेलू क्रिकेट में ज्यादा समय गुजारा. इस बात ने मुझे बेहतर बल्लेबाज बनने में मदद मिली."
सरफराज बोले, "जब मैंने पहला टेस्ट मैच खेला, तो शुरुआती तीन गेंदों पर मैं नर्वस था. लेकिन उसके बाद मैं नियंत्रण में था. जो कुछ भी मैं घरेलू क्रिकेट में किया करता था, ठीक वही मैं टेस्ट क्रिकेट में कर रहा था. मैं अपनी सोच को लेकर पूरी तरह स्पष्ट था. मैं विपक्षी टीम या विरोधी गेंदबाज के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोच रहा था. फिलहाल रिपोर्ट के अनुसार सरफराज मुंबई के हेड कोच अविष्कार साल्वी की निगरानी में कड़ा अभ्यास कर रहे हैं.