- ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय वनडे टीम की कमान गिल को सौंपी गई है जबकि टी20 की कमान सूर्यकुमार के पास है.
- चयन समिति ने रोहित शर्मा से वनडे कप्तानी हटाकर टीम की संस्कृति को बेहतर बनाए रखने का निर्णय लिया है.
- बीसीसीआई का मानना है कि रोहित का केवल वनडे खेलना टीम के नेतृत्व में असंतुलन और अराजकता पैदा कर सकता था.
Rohit Sharma "Would've Disturbed Team Culture": शुभमन गिल की अगुवाई में टीम इंडिया अभी वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेल रही है. भारतीय टीम इसके बाद व्हाइट बॉल फॉर्मेट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेगी. इस दौरे के लिए बोर्ड ने टीम का ऐलान कर दिया है. जहां वनडे टीम की कमान शुभमन गिल को सौंपी गई है, वहीं टी20 टीम की अगुवाई सूर्यकुमार यादव करेंगे. अजीत अगरकर की अगुवाई वाली चयन समीति ने रोहित शर्मा से वनडे टीम की कमान लेकर उसे शुभमन गिल को सौंपने का फैसला लेकर सबको चौंका दिया. वहीं अब एक रिपोर्ट में दावा है कि बोर्ड ने रोहित शर्मा ने बोर्ड से इसलिए वनडे टीम की कमान ली क्योंकि "उनके कद का कोई लीडर ड्रेसिंग रूम में अपनी विचारों को लाता. रोहित अब केवल एक फॉर्मेट खेलते हैं, ऐसे में इससे टीम की संस्कृति खराब होती."
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, चयनकर्ताओं ने रोहित और कोहली को ऑस्ट्रेलिया में होने वाली तीन वनडे मैचों की सीरीज के लिए इसलिए चुना है क्योंकि उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया था और भविष्य में उनके प्रदर्शन के आधार पर ही दोनों को टीम में मौका दिया जाएगा.
रोहित को हटाने के फैसले पर अजीत अगरकर ने कहा कि सभी प्रारूपों में तीन अलग-अलग कप्तान रखना 'व्यावहारिक रूप से असंभव' है. वहीं रिपोर्ट में दावा है कि "गंभीर और अगरकर समझते हैं कि रोहित और कोहली दोनों के लिए दो साल बाद अपने पीक पर रहना कठिन होगा, यह देखते हुए कि वे अपने 30 के अंत में हैं. अगर रोहित या कोहली का फॉर्म अचानक गिर जाता तो वे आश्चर्यचकित नहीं होना चाहते थे. इससे नेतृत्व समूह में अराजकता पैदा हो सकती थी. दोनों ने इंग्लैंड दौरे के लिए चयन से कुछ दिन पहले टेस्ट से संन्यास की घोषणा की थी, और यह एक प्वॉइंट रहा."
बीसीसीआई गिल को सभी फॉर्मेट के कप्तान के रूप में देख रही है, ऐसे में रोहित का वनडे कप्तान बने रहना, टीम संस्कृति में दरार पैदा करता. रिपोर्ट में बीसीसीआई के सूत्रों के हवाले से दावा किया गया,"रोहित जैसे कद के खिलाड़ी को नेतृत्वकारी भूमिका में रखने का मतलब होता कि ड्रेसिंग रूम में उन्हें अपने सिद्धांतों को लागू करने का मौका मिलता. लेकिन उनके केवल वनडे में खेलने से, जो कि सबसे कम खेला जाने वाला प्रारूप है, टीम संस्कृति में खलल पड़ सकता था. गंभीर अपने कार्यकाल के पहले छह महीनों में टेस्ट और वनडे में बैकसीट पर थे, लेकिन न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली हार ने उन्हें और मज़बूती से कमान संभालने के लिए प्रेरित किया."
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