बीसीसीआई से केंद्रीय अनुबंध नहीं मिलने के कारण ईशान किशन और श्रेयस अय्यर के भविष्य को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही है. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज से नाम वापस लेने के बाद से ईशान ने क्रिकेट नहीं खेला है लेकिन वह बड़ौदा में एक निजी केंद्र पर मुंबई इंडियंस के कप्तान हार्दिक पंड्या के साथ आईपीएल की तैयारी करते नजर आए हैं. भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ और बीसीसीआई द्वारा घरेलू क्रिकेट खेलने को लेकर कहे जाने के बाद भी ईशान रणजी से दूर रहे. दूसरी तरफ घरेलू क्रिकेट खेलने के बीसीसीआई के निर्देशों के बावजूद श्रेयस ने कमर के दर्द का हवाला देकर मुंबई के लिये रणजी क्वार्टर फाइनल नहीं खेला. उन्होंने तमिलनाडु के खिलाफ सेमीफाइनल खेला और रविवार को विदर्भ के खिलाफ फाइनल में नजर आए. ऐसे में बोर्ड के निर्दोशों को नहीं मानने के चलते इन दोनों खिलाड़ियों को केंद्रीय अनुबंध में जगह नहीं मिली.
वहीं अब इस मामले पर भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और बताया है कि दोनों खिलाड़ी किस तरह से टीम इंडिया में वापसी कर सकते हैं. धर्मशाला टेस्ट में भारत की जीत के बाद राहुल द्रविड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,"मैं कॉन्ट्रैक्ट तय नहीं करता. कॉन्ट्रैक्ट चयनकर्ताओं और बोर्ड द्वारा तय किए जाते हैं. मैं यह भी नहीं जानता कि मानदंड क्या हैं. मैं इसमें शामिल हूं - लोग मुझसे आखिरी 15 पर मेरी राय पूछते हैं, और मैं और रोहित प्लेइंग इलेवन का चयन करते हैं. यह इसी तरह काम करता है."
राहुल द्रविड़ ने आगे कहा,"हमने कभी इस बात पर चर्चा नहीं की कि किसी के पास अनुबंध है या नहीं, उसे 15 में चुना जाएगा या नहीं. ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां खिलाड़ी खेल के अलग-अलग फॉर्मेट में खेल रहे हैं, चाहे उनके पास अनुबंध हो या नहीं. कभी-कभी तो मुझे यह भी नहीं पता होता कि अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची में कौन है, जब हम ये निर्णय लेते हैं, तो 15 या अंतिम 11 पर चर्चा होती है." राहुल द्रविड़ ने आगे कहा,"कोई भी तस्वीर से बाहर नहीं है. घरेलू क्रिकेट खेलने वाले हर क्रिकेटर के लिये रास्ते खुले हैं. यह फिट होकर वापिस आने और चयनकर्ताओं को फिर उनके चयन के लिये मजबूर करने की बात है."
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज 4- 1 से जीतने के बाद बीसीसीआई सचिव जय शाह ने टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना शुरू की. द्रविड़ ने उम्मीद जताई कि खिलाड़ी इसे पैसा कराने का एक और जरिया नहीं बल्कि अपनी कड़ी मेहनत के ईनाम के तौर पर देखेंगे. उन्होंने कहा,"मैं उम्मीद करता हूं कि टेस्ट क्रिकेट कोई पैसा कमाने के लिये नहीं खेलेगा. यह इस बात का पुरस्कार है कि टेस्ट क्रिकेट कितना कठिन है और इसे खेलने के लिये कितनी मेहनत लगती है. मुझे खुशी है कि बीसीसीआई ने यह शुरू किया. यह कोई भत्ता नहीं बल्कि पुरस्कार है."
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