- ICC ने एशिया कप के भारत-पाकिस्तान मैचों में विवादित इशारों के लिए खिलाड़ियों को सजा सुनाई है.
- हारिस को दो अलग-अलग मैचों के लिए 4 डिमेरिट अंक मिले, जिसके चलते वह दो वनडे के लिए बैन हुए.
- पाकिस्तीनी मीडिया का दावा है कि हारिस को डिमेरिट अंकों के बारे में सुनवाई के दौरान सूचित नहीं किया गया था.
Haris Rauf Suspension: अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने आखिरकार मंगलवार को एशिया कप के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच मुकाबलों में मैदान पर हुई झड़प के दौरान किए गए विवादास्पद इशारों पर भारतीय और पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की. पाकिस्तान के तेज गेंदबाज हारिस रऊफ को शीर्ष शासी निकाय द्वारा बैन का सामना करना पड़ा है. महाद्वीपीय प्रतियोगिता में हारिस रऊफ ने प्लेन क्रैश के इशारे किए थे. इसके चलते उन्हें ग्रुप स्टेज और फाइनल मैच के लिए अलग-अलग सजा मिली और दोनों मैचों में उनकी 30 प्रतिशत मैच फीस काटी गई और दो-दो डिमेरिट अंक दिए गए. ऐसे में 24 महीने के अंदर उनके 4 डिमेरिट अंक हुए और उन पर नियमों के चलते दो मैचों का बैन लगा. वहीं अब एक पाकिस्तानी मीडिया में इस मामले को लेकर एक हैरान करने वाला दावा किया गया है. रिपोर्ट की मानें तो रऊफ़ के साथ डिमेरिट अंक को लेकर चर्चा नहीं की गई थी.
पाकिस्तानी प्रकाशन, जियो सुपर के अनुसार, आईसीसी आचार संहिता के उल्लंघन पर सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के दाएं हाथ के तेज गेंदबाज हारिस रऊफ को डिमेरिट अंक दंड के बारे में सूचित नहीं किया गया था. रिपोर्ट में दावा है कि तेज गेंदबाज को बताया गया था कि अगर वह अपराध स्वीकार कर लेगा तो उसकी सजा कम कर दी जाएगी. हालांकि, उनके इनकार के परिणामस्वरूप उन्हें उनकी मैच फीस का 30 प्रतिशत जुर्माना भरना पड़ा. दावा है कि सुनवाई के दौरान डिमेरिट अंक पर चर्चा नहीं हुई और इसे बाद में बिना किसी पूर्व सूचना के जोड़ा गया.
आईसीसी मैच रेफरी रिची रिचर्डसन द्वारा की गई सुनवाई के दौरान, 31 वर्षीय पाकिस्तानी क्रिकेटर को ग्रुप स्टेज और फाइनल मैच के लिए जेट-क्रैशिंग इशारों के लिए फिर से अनुच्छेद 2.21 का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया. ICC ने उनकी मैच फीस में 30 प्रतिशत की कटौती की और प्रत्येक आचार संहिता के उल्लंघन के लिए दो डिमेरिट अंक जोड़ दिए. पाकिस्तान के बल्लेबाज साहिबजादा फरहान को भी भारत के खिलाफ अर्धशतक बनाने के बाद गन शॉर्ट सेलिब्रेशन के इशारे पर आईसीसी ने फटकार लगाई थी.
भारत के जसप्रीत बुमराह और सूर्यकुमार यादव पर भी आईसीसी ने प्रतिबंध लगाया था. एक अन्य भारतीय तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह भी कथित तौर पर चर्चा का हिस्सा थे, लेकिन बोर्ड ने उन्हें अनुच्छेद 2.6 के कथित उल्लंघन का "दोषी नहीं" पाया. अर्शदीप पर अश्लील, अपमानजनक या अपमानजनक इशारा करने का भी आरोप लगाया गया था, लेकिन आईसीसी इस आरोप से सहमत नहीं था, और इसलिए, कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया था.
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