भारतीय क्रिकेट में देश के 40 वर्षीय पूर्व ऑलराउंडर खिलाड़ी युवराज सिंह (Yuvraj Singh) के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. उन्होंने धोनी की देखरेख में भारतीय टीम को T20 वर्ल्ड कप और साल 2011 में वर्ल्ड कप जीताने में अहम भूमिका निभाई थी. युवराज के अंदर टीम की अगुवाई करने की भी काबिलियत थी, लेकिन कुछ अंदुरुनी विवाद की वजह से उनकी जगह धोनी को टीम की कमान दी गई. युवराज बोर्ड के इस फैसले से नाराज भी नजर आए. समय-समय पर उनकी यह पीड़ा भी बाहर निकलती रही है.
हाल ही में उनके साथी क्रिकेटर एवं भारतीय टीम के लिए शिरकत कर चूके 41 वर्षीय पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने उनके बारे में खास बातचीत की है. उन्होंने स्पोर्ट्सकीड़ा पर पर खास बातचीत के दौरान मजाकिया लहजे में कई सवालों का जवाब दिया. उनसे पूछा गया क्या होता अगर युवराज भारतीय टीम के कप्तान रहे होते. इसपर उन्होंने जवाब देते हुए कहा वह भारत के एक महान कप्तान साबित होते.
रवि शास्त्री ने ऐसा कहकर चौंकाया, सिर्फ वर्ल्ड कप में हो टी-20 क्रिकेट
उन्होंने कहा उनका करियर शानदार रहा. उनके रिकॉर्ड खुद गवाही देते हैं. वह दो बार भारतीय विजेता टीम के अहम हिस्सा रहे. उनकी उपस्थिति में भारतीय टीम साल 2007 में T20 वर्ल्ड कप और साल 2011 में वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब रही. उन्हें वर्ल्ड कप में बल्ले और गेंद से बेहतरीन प्रदर्शन के लिए 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' के खास सम्मान से भी नवाजा गया.
उन्होंने कहा, 'अगर युवराज भारतीय टीम के कप्तान रहे होते तो हमें जल्दी सोना और उठना पड़ता. हमें मेहनत भी अधिक करनी पड़ती. वह महान कप्तान साबित होते. 2011 वर्ल्ड कप में खिताब के साथ 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' जितना खुद बताता है कि वह कितने महान खिलाड़ी हैं. यह ऐसा खिताब है जो हमें सम्मान महसूस कराता है.
हरभजन से जब पूछा गया कि अगर युवराज भारतीय टीम के कप्तान रहे होते तो क्या कुछ खिलाड़ियों का क्रिकेट करियर लंबा चला होता? इसपर उन्होंने कहा, ' मुझे नहीं लगता अगर वह कप्तान होते तो हमारा करियर लंबा चला होता. क्योंकि हम जब तक टीम में रहे, अपनी काबिलियत पर रहे. किसी ने भी हमें टीम से बाहर होने से नहीं बचाया. जब आप देश की अगुवाई करते हैं तो दोस्ती भूल देश के बारे में सर्वप्रथम सोचते हैं.'
IPL से जुड़ी Latest Updates के लिए अभी NDTV Sports Hindi को सब्सक्राइब करें. Click to Subscribe