Happy Birthday Sourav Ganguly: गांगुली द्वारा बतौर कप्तान लिए गए 5 फैसले, जिसने बदल दिया भारतीय क्रिकेट का भविष्य

Happy Birthday Sourav Ganguly: भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) अपना 49 वां बर्थडे मना रहे हैं. भारतीय क्रिकेट के भविष्य नई ऊंचाईयां देने वाले गांगुली ने बतौर कप्तान और बतौर बल्लेबाज भारतीय क्रिकेट में असाधारण योगदान दिया है

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गांगुली के 5 फैसले जिसने बदल दिया भारतीय क्रिकेट का भविष्य

Happy Birthday Sourav Ganguly: भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) अपना 49 वां बर्थडे मना रहे हैं. भारतीय क्रिकेट के भविष्य नई ऊंचाईयां देने वाले गांगुली ने बतौर कप्तान और बतौर बल्लेबाज भारतीय क्रिकेट में असाधारण योगदान दिया है. गांगुली की कप्तानी में भारत 2003 के विश्व कप फाइनल में पहुंचाया. यह वह दौर था जब भारतीय क्रिकेट में मैच फीक्सिंग का साया मंडरा रहा था, लेकिन इन सबके बाद भी गांगुली ने भारत की कप्तानी की और बड़े मंच पर भारत में पहुंचाया. सौरव गांगुली ने भारतीय टीम को विदेशी धरती पर लड़ने सीखाया. ऐसे में आज जब गांगुली के बर्थडे है तो जानते हैं गांगुली के द्वारा कप्तान के तौर पर लिए गए 5 ऐसे फैसले जिसने भारतीय क्रिकेट को बदल कर रख दिया था. 

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2001 के ऐतिहासिक टेस्ट में वीवीएस लक्ष्मण को नंबर 3 पर कराई बल्लेबाजी
कोलकाता के ऐतिहासिक टेस्ट मैच में लक्ष्मण ने 281 रन की पारी खेलकर इतिहास रच दिया था. यह वो टेस्ट था जिसमें भारत ने टेस्ट क्रिकेट का वह मैच खेला जो अमर बन गया. हारे हुए टेस्ट में राहुल द्रविड़ और लक्ष्मण ने पारी ने मैच का पासा पलटा और यह टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराने में सफल रहा. इस टेस्ट मैच में भारत को फॉलोऑन करने मिला था. ऐसे में गांगुली ने भारत की दूसरी पारी में नंबर 3 पर लक्ष्मण को भेजकर एक बड़ा फैसला किया था. इसके बाद जो हुआ वनह इतिहास बन गया है. लक्ष्मण ने टेस्ट क्रिकेट की ऐतिहासिक पारी खेली जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकेगा.

विश्व कप के लिए मजबूत टीम बनाने के लिए राहुल द्रविड़ से करवाई विकेटकीपिंग
2003 विश्व कप से पहले भारतीय टीम के पास एक बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाज नहीं था. राहुल अपने शुरूआती क्रिकेट खेलने वाले दिनों में विकेटकीपिंग किया करते था. 2003 विश्व कप में भारत एक अतिरिक्त बल्लेबाज के साथ जाना चाहता था. ऐसे में गांगुली ने द्रविड़ को विकेटकीपिंग के लिए मनाया. द्रविड़ के द्वारा विकेटकीपिंग करने से भारतीय टीम का संतुलन मजबूत बना और 2002 से लेकर 2005-06 तक भारतीय टीम का मीडिल ऑर्डर दुनिया की दूसरी बड़ी टीमों से भी मजबूत था. गांगुली का यह फैसला उनकी कप्तानी का बेमिसाल उदाहरण है. 

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वीरेंद्र सहवाग को कराया ओपिंग
गांगुली ने ही अपनी कप्तानी में सहवाग को ओपनर बनाया और इसके बाद किया हुआ उसे बताने की जरूरत नहीं है. बतौर ओपनर सहवाग ने भारतीय क्रिकेट को बदल कर रख दिया. बता दें कि सहवाग ने अपना डेब्यू टेस्ट शतक साउथ अफ्रीका के खिलाफ नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए जमाया था, लेकिन गांगुली को आभास हो गया था कि सहवाग तेज बल्लेबाजी करते हैं, सहवाग के टैलेंट को पहचान कर गांगुली ने उन्हें ओपनर बनाया और इस विस्फोटक बल्लेबाज ने ओपनिंग कर विरोधी टीम के गेंदबाजों को खूब परेशान किया. 

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युवराज, मोहम्मद कैफ, हरभजन, इरफान जैसे खिलाड़ियों पर किया भरोसा
अपनी कप्तानी में सौरव गांगुली ने ऐसे खिलाड़ियों को बनाया जिसका करियर असीम ऊंचाइयों पर पहुंचा. युवराज सिंह, मोहम्मद कैफ, हरभजन सिंह. सहवाग, इऱफान पठान ऐसे खिलाड़ी रहे जिसका पऱफॉर्मेंस गांगुली की कप्तानी में निखरा और भारत के बेहतरीन क्रिकेटर के तौर पर जाने गए. 

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धोनी को दिया टीम में मौका
गांगुली की कप्तीनी में भी धोनी ने भारतीय टीम में डेब्यू किया था. इतना ही नहीं गांगुली ने धोनी के टैलेंट को पहचानकर उन्हें 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे मैच में नंबर 3 पर बल्लेबाजी के लिए भेजा था. धोनी ने उस मैच में पाकिस्तान के गेंदबाजों की खूब धुनाई की थी और 148 रन बनाने में सफल रहे थे. गांगुली के भरोसे को धोनी ने सही साबित किया था. इसके बाद माही ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आगे भारत के सबसे सफल कप्तान में से एक बने.  

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