- ग्रेग चैपल ने इंग्लैंड के हैरी ब्रूक को जो रूट के बाद टीम का महान क्रिकेटर बनने वाला बताया है
- चैपल ने ब्रूक की आक्रामक बल्लेबाजी और असाधारण प्रतिभा की प्रशंसा करते हुए अनुशासन बनाए रखने पर जोर दिया है.
- उन्होंने कहा कि ब्रूक को उच्च दबाव में सही निर्णय लेना सीखना होगा, अन्यथा करियर में मुश्किल आ सकती है.
Harry Brook vs Yashasvi Jaiswal: ग्रेग चैपल (Greg Chappell) ने उस खिलाड़ी के बारे में बात की है जो आने वाले समय में जो रूट (Greg Chappell on Joe Root) के बाद उनकी विरासत को संभालेगा और एक महान खिलाड़ी बनेगा. आस्ट्रेलियाई दिग्गज ग्रेग चैपल ने इंग्लैंड के हैरी ब्रूक को मैच विजेता बनने की क्षमता वाला खिलाड़ी बताया और कहा कि वह जो रूट के बाद इस युग में इंग्लैंड के लिए एक महान क्रिकेटर बन सकते हैं. उन्होंने अनुशासन बनाए रखने के महत्व पर भी जोर दिया. चैपल ने एक वेबसाइट के लिए लिखे कॉलम में हैरी ब्रक की तारीफ की है. (Who is Joe Root's potential successor in Test cricket)
एक प्रसिद्ध क्रिकेट वेबसाइट के लिए अपने कॉलम में, चैपल ने ब्रूक की असाधारण प्रतिभा और क्षमता की प्रशंसा की और उन्हें इंग्लैंड के सर्वकालिक सर्वाधिक रन बनाने वाले रूट का 'योग्य उत्तराधिकारी' बताया. हालाांकि, उन्होंने ये भी वॉर्निंग की दी है कि अगर ब्रूक अपने आक्रामक प्रवृत्ति को नहीं बदलते हैं तो फिर उनके लिए मुश्किल हो सकता है. उन्होंने खासकर उच्च दबाव की परिस्थितियों में, सही निर्णय लेने की क्षमता के साथ संतुलित करने की आवश्यकता को महत्व दिया है. (Greg Chappell on Harry Brook vs Yashasvi Jaiswal)
चैपल ने लिखा, "ब्रूक के पास इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक बनने के लिए सभी आवश्यक गुण हैं, जो आधुनिक युग में उनके सबसे विध्वंसक बल्लेबाजों में से एक हैं." उन्होंने आगे कहा, "उनके पास समय, रेंज, आत्मविश्वास और बल्लेबाजी को सहज बनाने का दुर्लभ गुण है. लेकिन क्रिकेट, खासकर टेस्ट क्रिकेट, केवल शॉट लगाने के बारे में नहीं है. यह निर्णय लेने के बारे में है. "
चैपल ने द ओवल में अंतिम टेस्ट में ब्रूक के आउट होने का उल्लेख किया, जहां उन्होंने खेल के अहम पड़ाव पर एक महत्वाकांक्षी शॉट खेलने की कोशिश की, लेकिन आउट हो गए. चैपल ने आगे कहा, "द ओवल में ब्रूक का आउट होना इंग्लैंड के सामने मौजूद दुविधा का एक लक्षण था. "
उन्होंने कहा, "'बाज़बॉल' दर्शन ने उनकी टेस्ट टीम में नई जान फूंक दी है, लेकिन यह कड़ी मेहनत से मुंह मोड़ने का बहाना नहीं बन सकता. सकारात्मक क्रिकेट लापरवाह क्रिकेट नहीं है, बल्कि यह आत्मविश्वास से भरा, सोच-समझकर जोखिम उठाना है."