T20 वर्ल्ड कप के लिए तैयार नहीं है भारतीय टीम? गौतम गंभीर ने बताई सबसे बड़ी कमी

गौतम गंभीर ने स्वीकार किया है कि उनकी टीम अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप की तैयारियों के मामले में अभी उस स्थिति में नहीं है जहां उसे होना चाहिए.

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Gautam Gambhir
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  • मुख्य कोच गौतम गंभीर ने टी20 विश्व कप की तैयारी में अभी टीम की स्थिति संतोषजनक नहीं बताई है
  • गंभीर ने खिलाड़ियों की फिटनेस को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए मानसिक मजबूती के लिए इसे महत्वपूर्ण बताया
  • उन्होंने पावरप्ले में जसप्रीत बुमराह से तीन ओवर कराने को आक्रामक रणनीति बताते हुए इसका सकारात्मक परिणाम बताया
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Gautam Gambhir Big Statement: भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने स्वीकार किया कि उनकी टीम अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप की तैयारियों के मामले में अभी उस स्थिति में नहीं है जहां वह पहुंचना चाहती है लेकिन उन्होंने इसके साथ ही कहा कि इस मुकाम पर पहुंचने के लिए टीम के पास अभी पर्याप्त समय है. गंभीर ने ‘बीसीसीआई डॉट टीवी' से बातचीत में फिटनेस के महत्व पर भी जोर देते हुए कहा कि खिलाड़ियों को अपनी फिटनेस को अगले स्तर पर ले जाने की जरूरत है क्योंकि खिताब बचाने की तैयारी भारत घरेलू मैदान पर कर रहा है. उन्होंने कहा, 'यह एक ऐसा ड्रेसिंग रूम है जहां बहुत अधिक पारदर्शिता और ईमानदारी है. हम चाहते हैं कि यह ड्रेसिंग रूम आगे भी ऐसा ही बना रहे.'

उन्होंने कहा, 'फिटनेस के नजरिए से मुझे लगता है कि टी20 विश्व कप से पहले हम अभी उस मुकाम पर नहीं पहुंचे हैं जहां पहुंचना चाहते हैं. यही बात हमने खिलाड़ियों से भी की है. हम पूरी तरह से चुस्त-दुरुस्त रहना चाहते हैं. हम फिट रहना चाहते हैं. हम तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं.' भारतीय कोच ने कहा, 'हम जितने ज्यादा फिट होंगे, मानसिक रूप से उतने ही मजबूत होंगे. क्योंकि दबाव वाले मैच और दबाव वाली स्थिति में आप जितने ज्यादा शारीरिक रूप से मजबूत होंगे, मानसिक रूप से भी उतने ही मजबूत होंगे. हमारे पास अभी भी तीन महीने हैं.'

टी20 विश्व कप अगले साल फरवरी-मार्च में भारत और श्रीलंका में खेला जाएगा. भारत इस प्रतियोगिता का मौजूदा चैंपियन है. गंभीर ने हाल ही में भारत के एशिया कप के विजयी अभियान के दौरान पावरप्ले में जसप्रीत बुमराह से तीन ओवर कराने के पीछे के तर्क पर भी बात की.

उन्होंने कहा, 'बहुत से लोग इस टी20 टीम को एक बेहद आक्रामक बल्लेबाजी क्रम के रूप में देखते हैं. मेरे हिसाब से, पहले छह ओवरों में जसप्रीत बुमराह से तीन ओवर गेंदबाजी कराना और भी आक्रामक विकल्प था. हम ऐसी टीम नहीं बनना चाहते जिसकी पहचान सिर्फ आक्रामक बल्लेबाजी क्रम हो. हम एक ऐसी टीम बनना चाहते हैं जो कुल मिलाकर एक आक्रामक टीम के रूप में जानी जाए.'

उन्होंने कहा, 'हम इस विकल्प को आजमा कर परखना चाहते थे कि इससे हमें भविष्य में क्या परिणाम मिल सकते हैं. मुझे लगता है कि एशिया कप में यह हमारे लिए वाकई अच्छा रहा है क्योंकि पावरप्ले में शुरुआती तीन ओवर में उनकी शानदार गेंदबाजी से हम मैच में दबदबा बनाने में कामयाब रहे.'

गंभीर ने कहा, 'हमारे पास वरुण (चक्रवर्ती) और कुलदीप (यादव) के रूप में बीच के ओवरों में विकेट लेने वाले दो अच्छे विकल्प है. मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही आक्रामक कदम था.'

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गंभीर के कोच बनने के बाद से भारत आठवें नंबर तक बल्लेबाजी करना पसंद करता रहा है. मुख्य कोच ने कहा कि यह भी जरूरी है कि टीम के पास सात से आठ गेंदबाजी विकल्प हों और यह तभी संभव है जब शिवम दुबे, अक्षर पटेल और वाशिंगटन सुंदर जैसे ऑलराउंडरों को एकादश में शामिल किया जाए.

उन्होंने कहा, 'टीम में जितने ज्यादा हरफनमौला होंगे, उतना ही अच्छा होगा. यह एक ऐसी चीज है जो महत्वपूर्ण है. कम विकल्पों की तुलना में अधिक विकल्प होना हमेशा बेहतर होता है. इसलिए पहले भी कई बार हमने छह गेंदबाजी विकल्पों के बारे में सोचा है और इस टी20 टीम में हमारे पास सात या आठ गेंदबाजी विकल्प हैं, जो हमेशा महत्वपूर्ण होता है.'

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गंभीर ने कहा, 'पिछले कई वर्षों से हम इस बारे में बात करते रहे हैं कि हमारे पास ऐसे खिलाड़ी कैसे हो सकते हैं जो हमें कुछ ओवर गेंदबाजी कर सकें. वह चाहे टी20 मैच हो या 50 ओवर का मैच. अब हम ऐसे खिलाड़ी तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं जो जरूरत पड़ने पर गेंदबाजी और मध्यक्रम या मैच के अलग-अलग चरणों में बल्लेबाजी भी कर सकें. ऐसे में मुझे लगता है कि इस तरह के विकल्प होना हमेशा अच्छा होता है.'

गंभीर ने इसके साथ ही खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा का अच्छी तरह से अहसास कराने और उन्हें समझने के लिए उनके सामने मुश्किल चुनौतियों को रखने की बात भी दोहराई.

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उन्होंने कहा, 'हम खिलाड़ियों के सामने जितना संभव हो सके उतनी कड़ी चुनौती रखते हैं. हमने शुभमन (गिल) के साथ भी यही किया था, जब उन्हें टेस्ट कप्तान नियुक्त किया गया था.'

गिल ने कप्तान के रूप में इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली टेस्ट श्रृंखला में शानदार बल्लेबाजी की. उनकी अगुवाई में भारतीय टीम ने श्रृंखला 2-2 से बराबर की. इस श्रृंखला के सभी मैच रोमांचक रहे और प्रत्येक मैच पांचवें दिन तक खिंचा था.

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