जिंदगी भी अजब "खेल" है! सोचिए आप कड़ी मेहनत करके टीम इंडिया में पहुंचते हैं. आप अपने पहले ही मैच में अर्द्धशतक जड़कर शानदार आगाज करते हैं, लेकिन फिर तभी आपको भारत की जर्सी पहनने का मौका नहीं मिलता. अब इसे खराब किस्मत न कहा जाए, तो क्या कहा जाए! और कुछ ऐसा ही हुआ भारत के लिए सिर्फ एक ही वनडे खेल सके विदर्भ के लेफ्टी बल्लेबाज फैज-ए-फजल (Faiz Fazal) के साथ, जिनका प्रथमश्रेणी रिकॉर्ड विदर्भ के लिए बहुत ही शानदार है. फैज फजल (Faiz Fazal called it a day) को साल 2016 में हरारे में जिंबाब्वे के खिलाफ मौका मिला था. और उन्होंने ठीक वैसे ही बल्ले से परिचय दिया, जैसा वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कर रहे थे. बहरहाल, सोमवार को फैज ने सभी फॉर्मेटों से संन्यास का ऐलान कर दिया.
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धोनी की कप्तानी में मिला था मौका
फैज फजल को 15 जून 2016 को हरारे में जिंबाब्वे के खिलाफ करियर शुरू करने का मौका मिला. उन्होंने केएल राहुल के साथ पारी की शुरुआत की. और बिना किसी नुकसान के भारत ने जीत के लिए 124 रन का लक्ष्य बहुत ही आसानी से हासिल कर लिया. फैज ने 61 गेंदों पर 7 चौकों और 1 छक्के से बिना आउट हुए 55 रन बनाए.
फर्स्ट क्लास करियर बहुत ही शानदार
इस लेफ्टी बल्लेबाज ने करियर में 137 फर्स्ट क्लास मैच खेले. और इन मैचों में उन्होंने 35.00 के औसत से 9183 रन बनाए. इसमें 24 शतक और 39 अर्द्धशतक शामिल रहे.
इस वजह से नहीं मिला फिर मौका
दरअसल जब फैज को मौका मिला, तो उनकी उम्र करीब 31 साल हो चली थी. और उस समय रोहित शर्मा, केएल राहुल, शिखर धवन जैसे बल्लेबाज थे, जिनके साथ उनका मुकाबला था. वहीं फैज विशेषज्ञ ओपनर थे, तो पूरी तरह बल्लेबाज ही थे. मुकाबला कड़ा और उम्र उनके खिलाफ गई. यही वजह रही कि फैज को फिर कभी भारत के लिए दूसरा मैच खेलने को नहीं मिला.