IND vs SA: गौतम गंभीर हाय हाय... गुवाहाटी टेस्ट हारने पर मैदान पर ही कोच के खिलाफ फूटा फैंस का गुस्सा

गुवाहाटी में भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के दूसरे टेस्ट में 408 रनों से हार का सामना करना पड़ा है. मेहमान टीम ने दूसरे टेस्ट में 408 रन की पारी खेलकर रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करा लिया.

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Gautam Gambhir: भारत की हार के बाद गंभीर हाय हाय के नारे लगाए गए
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  • गुवाहाटी में भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट में 408 रन से सबसे बड़ी घरेलू हार का सामना करना पड़ा.
  • यह प्रोटियाज़ की भारत में दूसरी और 2000 के बाद पहली टेस्ट सीरीज जीत थी, जिससे मेजबान टीम को बड़ा नुकसान हुआ.
  • गौतम गंभीर के नेतृत्व में भारत ने घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच टेस्ट गंवाए हैं.
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Gautam Gambhir Hay Hay Chant: गुवाहाटी में भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के दूसरे टेस्ट में 408 रनों से हार का सामना करना पड़ा है. मेहमान टीम ने दूसरे टेस्ट में 408 रन की पारी खेलकर रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करा लिया, जो इस प्रारूप में भारत की सबसे बड़ी हार थी. यह प्रोटियाज़ की भारतीय सरजमीं पर दूसरी और 2000 के बाद पहली टेस्ट सीरीज जीत है, जिससे परिणाम मेजबान टीम के लिए और भी अधिक नुकसानदेह हो गया है. केवल 13 महीनों की अवधि में यह दूसरी बार था जब भारत को घरेलू मैदान पर क्लीन स्वीप हार का सामना करना पड़ा, जिससे विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के लिए क्वालीफाई करने की उनकी संभावनाएं गंभीर रूप से प्रभावित हुईं.

मुख्य कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में, भारत अब घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच टेस्ट हार चुका है. बारसापारा क्रिकेट स्टेडियम में प्रशंसक हार के बाद क्षमा नहीं कर रहे थे और "गौतम गंभीर हाय हाय" के नारे लगाने लगे. जब मैदान पर नारेबाज़ी चल रही थी तो गंभीर की वीडियोग्राफी की गई.

मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में गंभीर हमेशा की तरह तेवर में थे. सीरीज 0-2 से गंवाने के बाद जब गंभीर से पूछा गया कि क्या उन्हें पंत से बेहतर की उम्मीद थी तो उन्होंने कहा,"आप किसी एक शॉट या किसी एक खिलाड़ी को दोष नहीं दे सकते. मैं कभी भी किसी एक खिलाड़ी पर बात नहीं करता, आज भी नहीं करूंगा."

उन्होंने कहा,"सच्चाई यही है कि हमें लाल गेंद के क्रिकेट में बहुत सुधार करना है. चाहे वह मानसिक हो, तकनीकी हो, दबाव झेलने की क्षमता हो, बलिदान देने की भावना हो, या टीम को खुद से ऊपर रखना हो. और सबसे जरूरी, गैलरी को खुश करने के लिए नहीं खेलना."

यहां यह साफ था कि इशारा पंत की ओर ही है. लेकिन जब एक सीनियर पत्रकार ने पूछा कि जवाबदेही कैसे तय होगी तो गंभीर ने बिल्कुल स्पष्ट संकेत दिया,"यह परवाह करने से आता है. आप ड्रेसिंग रूम की कितनी परवाह करते हैं, टीम की कितनी परवाह करते हैं. क्योंकि जवाबदेही और मैच की परिस्थितियां पढ़ाई नहीं जा सकती."

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उन्होंने आगे कहा,"अगर आप मैदान में जाकर हमेशा खुद को टीम से आगे रखेंगे, कहेंगे कि मैं ऐसे ही खेलता हूं और मेरे पास 'प्लान बी' नहीं है तो आपको इसी तरह बल्लेबाजी क्रम के चरमराना होता रहेगा." गंभीर ने कहा,"आप भारतीय क्रिकेट की कितनी परवाह करते हैं और ड्रेसिंग रूम में बैठे लोगों की कितनी परवाह करते हैं, यह बहुत महत्वपूर्ण है. जो खिलाड़ी सफेद गेंद के क्रिकेट में अच्छा करते हैं, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने लाल गेंद के क्रिकेट में क्या किया है."

गंभीर ने लाल गेंद के क्रिकेट को प्राथमिकता देने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा,"सफेद गेंद के क्रिकेट में रन बनते ही लोग टेस्ट में किए गए प्रदर्शन को भूल जाते हैं. ऐसा कभी नहीं होना चाहिए. मीडिया, हम, खेल प्रेमी सब टेस्ट क्रिकेट में किए गए प्रदर्शन को भूलने लगते हैं." उन्होंने कहा,"हमें आगे काफी सफेद गेंद का क्रिकेट खेलना है. कोई 40 गेंद, 50 या 80 गेंद पर 100 भी मार दे. लेकिन सच्चाई यह है कि हमें लाल गेंद के क्रिकेट में और बेहतर होना है."

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