Rahul Dravid: "कोच रहते मेरे लिए सबसे मुश्किल भरे दिन..." राहुल द्रविड़ ने बताया किस देश का दौरा रहा सबसे मुश्किल

Rahul Dravid: भारतीय टीम के टी20 विश्व कप चैंपियन बनने के बाद राहुल द्रविड़ जीत के बाद हाथ में टी20 विश्व कप की ट्रॉफ़ी लिए पूरी ताक़त के साथ चिल्ला रहे थे. द्रविड़ ने हाल ही में अपने उस सेलीब्रेशन के बारे में खुल कर बात की.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
Rahul Dravid: राहुल द्रविड़ ने बताया है कि दक्षिण अफ्रीका का दौरा उनके लिए बतौर कोच काफी मुश्किल रहा था.


चीखते-चिल्लाते राहुल द्रविड़...गुस्से में लाल राहुल द्रविड़...अतिउत्साहित राहुल द्रविड़...इन तीनों परिस्थितियों के बारे में सोचना भी मुश्किल काम है. किसी भी क्रिकेट फ़ैन ने इस तरह के द्रविड़ को ज़्यादा से ज़्यादा दो या तीन बार देखा होगा. उसमें से एक हालिया बीते टी20 विश्व कप के दौरान होगा, जहां वह अपनी आखों को बंद करते हुए और हाथ में टी 20 विश्व कप की ट्रॉफ़ी लिए पूरी ताक़त के साथ चिल्ला रहे थे. द्रविड़ ने हाल ही में अपने उस सेलीब्रेशन के बारे में खुल कर बात की और मज़ाकिया अंदाज़ में अपने बेटे के लिए भी कुछ विशेष कहा.

भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज में टी20 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को हराकर टी20 ट्रॉफी अपने नाम की थी. भारत ने 13 साल बाद कोई आईसीसी ट्रॉफी जीती थी और यह राहुल द्रविड़ के बतौर हेड कोच रहते आई है. भारत इससे पहले वनडे विश्व कप और आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचा था, लेकिन वहां टीम को हार का सामना करना पड़ा था.

सेलीब्रिशेन को लेकर कही ये बात

राहुल द्रविड़ ने स्टारस्पोर्ट से कहा,"हम पिछले कुछ समय से कई बार बड़ी ट्रॉफ़ी के क़रीब आ रहे थे. हम टी20 विश्व कप के सेमीफ़ाइनल तक पहुंचे, हमने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फ़ाइनल खेला और वनडे विश्व कप में भी हम फ़ाइनल में थे. लेकिन हमारी टीम ट्रॉफ़ी प्राप्त करने के लिए आख़िरी लाइन को पार करने में सफल नहीं हो पा रही थी."

Advertisement

Photo Credit: BCCI on X

राहुल द्रविड़ ने आगे कहा,"हालांकि टी 20 विश्व कप जीतने के बाद मुझे अपनी टीम के लिए और हर उस व्यक्ति के लिए काफ़ी अच्छा महसूस हो रहा था, जिन्होंने पिछले ढाई सालों से काफ़ी मेहनत की है. इसी कारण से मैं उस तरह सेलीब्रेट कर रहा था. कुल मिला कर राहत और ख़ुशी बाहर निकल कर सामने आ रही थी. हालांकि एक बात यह भी है कि मुझे उस तरह से सेलीब्रेट करने के बारे में थोड़ा सतर्क होना पड़ेगा. मेरा बेटा मुझे देख कर सोच रहा होगा कि 'पता नहीं मेरे पिता क्या कर रहे हैं' (हंसते हुए)."

Advertisement

"दक्षिण अफ़्रीका का दौरा काफ़ी मुश्किल"

द्रविड़ ने अपनी कोचिंग का प्रभार नवंबर 2021 में संभाला था. उनका पहला विदेशी दौरा उस देश में था, जहां भारत ने कभी भी कोई टेस्ट सीरीज़ नहीं जीती था. जब द्रविड़ से पूछा गया कि भारतीय टीम के कोच रहते हुए, उनके लिए सबसे मुश्किल समय कौन सा था तो उन्होंने अपने पहले दक्षिण अफ़्रीकी दौरे के बारे में बात की.

Advertisement

उन्होंने कहा,"दक्षिण अफ़्रीका दौरा हमारे लिए काफ़ी मुश्किल दौरा था. हमने उसे दौरे पर सेंचुरियन में पहला टेस्ट जीत लिया था. हम सबको पता था कि दक्षिण अफ़्रीका में हमने कभी भी कोई टेस्ट सीरीज़ नहीं जीती है. हमारे लिए यह बहुत बड़ा मौक़ा था. हालांकि एक बात यह भी है कि हमारी टीम में कई सीनियर खिलाड़ी तब मौजूद नहीं थे."

Advertisement

Photo Credit: X

राहुल द्रविड़ ने आगे कहा,"रोहित शर्मा तब चोटिल होने के कारण टीम से बाहर थे. कुछ और सीनियर खिलाड़ी भी टीम में नहीं थे. बाक़ी के दोनों टेस्ट मैच काफ़ी क़रीबी हुए. दोनों टेस्ट मैचों की तीसरी पारी में हमारे पास बड़ा मौक़ा था. हालांकि तब दक्षिण अफ्रीका की टीम ने काफ़ी बेहतर खेल दिखाया था और चौथी पारी में उन्होंने अच्छा चेज़ किया. मैं कहूंगा कि भारतीय टीम का कोच रहते हुए यह मेरे लिए सबसे मुश्किल भरे दिन थे."

राहुल द्रविड़ ने आगे कहा,"हालांकि वहां से मुझे काफ़ी कुछ सीखने को मिला. वहां हमने अपने गेम के बारे में बहुत कुछ सीखा और यह भी सीखा कि हमें किन चीज़ों पर काम करने की ज़रूरत है. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि कोच के तौर पर आपको हमेशा एक जैसे दिन देखने को नहीं मिलेंगे. उतार-चढ़ाव आता रहेगा. यह समझने की ज़रूरत है कि आपको हमेशा जीत नहीं मिलने वाली है. बाक़ी की टीमें भी खेलने ही आई हैं और आप विश्व स्तरीय टीमों का सामना कर रहे हैं. आपको जीत और हार के बैलेंस को समझना होगा."

भारत के पूर्व कोच ने आगे कहा,"आपके पास हमेशा जीतने का विकल्प नहीं है लेकिन आपके पास यह विकल्प ज़रूर है कि आप हमेशा अच्छी तरह से तैयारी करें. साथ ही आपके पास यह भी विकल्प है कि आप बिल्कुल सही टीम चुनें लेकिन इन सब चीज़ों के बावजूद भी आपको हार मिल सकती है और आपको उस बैलेंस को समझना होगा."

रोहित के साथ काम करना बेहतरीन अनुभव

द्रविड़ से यह भी पूछा गया कि वह भारतीय टीम में मौजूद सभी सीनियर और सुपरस्टार खिलाड़ियों को एकजुट करने में कैसे सफल रहे ? तो उन्होंने कहा कि वह इस बात का पूरा क्रेडिट नहीं ले सकते और इसका काफ़ी बड़ा श्रेय रोहित शर्मा को भी जाता है.

Photo Credit: @Insta-rohitsharma45

उन्होंने कहा,"मुझे हमेशा से ऐसा लगा है कि किसी भी टीम का नेतृत्व सुपर सीनियर खिलाड़ी और कप्तान करता है. रोहित के साथ काम करना मेरे लिए एक बेहतरीन अनुभव रहा है. वह एक बेहतरीन इंसान और कप्तान हैं. इसके अलावा आप टीम के किसी भी सुपर सीनियर खिलाड़ी की बात करें - चाहे वह कोहली हों या अश्विन हों या बुमराह हों."

राहुल द्रविड़ ने आगे कहा,"ये सभी अपने काम के प्रति काफ़ी ईमानदार और विनम्र हैं. भारतीय टीम में कई सुपरस्टार खिलाड़ी मौजूद हैं तो लोगों को लगता है कि उनमें कहीं ना कहीं कोई ईगो होगा. हालांकि मामला इसका उल्टा है. वह अपनी तैयारी और खेल को लेकर काफ़ी ईमानदार हैं. टेस्ट क्रिकेट में आप अश्विन की भी बात करें तो वह हमेशा नई चीज़ सीखने और अपने खेल में सुधार लाने के लिए तैयार रहते हैं. सभी खिलाड़ी ऐसे ही हैं. शायद इसी कारण से वे सुपरस्टार हैं. मेरे लिए इस टीम को मैनेज करना कहीं से भी कठिन नहीं था."

यह भी पढ़ें: NDTV Exclusive: वजन था ज्यादा, रात भर क्या किया, कुश्ती में ब्रॉन्ज जीतने वाले अमन ने बताया

यह भी पढ़ें: Arshad Nadeem: पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने किया नदीम अरशद को इतनी बड़ी रकम देने का ऐलान

Featured Video Of The Day
PM Modi Kuwait Visit: "मेरे परिवार में 140 करोड़ लोग हैं..." भारतीय श्रमिक से बात करते हुए भावुक हुए पीएम मोदी
Topics mentioned in this article