England vs India: इंग्लैंड के खिलाफ शुक्रवार से पांच टेस्ट मैचों की सीरीज शुरू होने जा रही है. टीम इंडिया के तमाम खिलाड़ी तीन प्रैक्टिस मैच खेलकर पूरी तैयार हैं, तो गेंदबाजों ने भी गेंदों को धार दे दी है. रोहित (Rohit Sharma) और विराट कोहली (Virat Kohli) का युग अब इतिहास की बात है. अब फैंस की नजर केएल राहुल (Kl Rahul), यशस्वी जायसवाल (Yashavi Jaiswal), कप्तान शुभमन गिल (Shubman Gill) पर जा टिकी है. इन सभी के पास बल्लेबाजी की अपनी-अपनी जिम्मेदारी होने जा रही है. अब देखने की बात यह होगी कि टीम इंडिया का कौन सा सैनिक अंग्रेजों पर सबसे बड़ा वार करता है. लेकिन इन तीनों ही तिलंगों के सामने अपने-अपने चैलेंज भी हैं. चलिए तीनों के बारे में डिटेल से जान लीजिए:-
केएल राहुल: बरकरार रहेगी फॉर्म?
केएल राहुल 33 साल के हो चुके हैं और इस टीम में सबसे अनुभवी बल्लेबाज हैं. इंग्लैंड के खिलाफ केएल ने 13 टेस्ट मैचों में तीन शतक से 955 रन बनाए हैं. साल 2018 में राहुल ने ओवल में 149 की शानदार पारी खेली थी, लेकिन इसके बाद अगली 9 पारियों में वह सिर्फ 152 ही रन बना सके थे. यह सिलसिला 2021 दौरे में भी जारी रहा. हालांकि, लॉर्ड्स में केएल ने बेहतरीन 129 रन बनाकर भारत की जीत में अहम योगदान दिया था. लेकिन इस शतक के बाद वह दहाई का भी आंकड़ा पार नहीं कर सके थे. इंग्लैंड के हालात में केएल का औसत 34.11 का है, लेकिन वर्तमान में उनका कॉन्फिडेंस अलग स्तर का है. यह आईपीएल में भी दिखा और यह भारत ए के लिए खेले प्रैक्टिस मैच में भी दिखा, जहां उन्होंने एक शतक और एक अर्द्धशतक बनाया. यह सीरीज भारतीय क्रिकेट में उनका कद ऊंचा कर सकती है. देखते हैं कि आने वाले दिनों में उनका बल्ला कितना बोलता है.
यशस्वी जायसवाल: एक अलग ही चैलेंज
इस 23 साल के लेफ्टी बल्लेबाज ने अपने बेहतरीन स्ट्रोक और निर्भीक अंदाज से दुनिया भर के फैंस को विस्मित कर दिया था. पिछले साल जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ अपनी धरती पर 5 टेस्ट की 9 पारियों में 89.00 के औसत से 712 रन बनाकर दुनिया को अपना दीवाना बना दिया, लेकिन अब हालात एकदम उलट हैं. फिर बात पिच की हो या मौसम की या फिर दर्शकों की. लेकिन यह इंग्लैंड दौरा उनके लिए अगल चुनौती होने जा रहा है. विदेशी जमीं पर जायसवाल का औसत (44.18) ठीक-ठाक है, लेकिन यहां स्विंग होती ड्यूक बॉल, शुरुआती जल्द ही होने वाली सीम और स्विंग और बॉलरों के लंबे स्पेल जायसवाल की अलग स्तर की ही परीक्षा लेंगे.
शुभमन गिल: साबित करने को बहुत कुछ है
कप्तानी संभालने के बाद से अभी तक गिल की बॉडी लैंग्वेज में कोई बदलाव नहीं आया है, लेकिन समय गुजरने के साथ ही देखना होगा कि यह कैसी रहती है. वह भाग्यशाली रहे हैं कि टेस्ट में असाधारण प्रदर्शन न होने के बावजूद हालात से मिली मदद से वह कप्तानी हासिल करने में सफल रहे. लेकिन गिल के सामने साबित करने के लिए बहुत कुछ है. घर में उनका औसत जहां 42.03 का है, तो विदेशी में यह सिर्फ 29.50 का ही है. इंग्लैंड में उनका रिकॉर्ड बहुत ही खराब है. तीन टेस्ट मैचों में 14.66 क औसत से सिर्फ 88 रन. और अब बल्ले से इतर वह कप्तान भी हैं. जाहिर है कि चुनौती दोहरी नहीं, बल्कि कई गुना हो चली है. यहां उनका मूल्यांकन सिर्फ बैटिंग ही नहीं, बल्कि कप्तानी में लिए गए एक-एक फैसले से भी होगा.