इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम में शामिल मिड्ल ऑर्डर के बल्लेबाज हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) ने टीम विराट (Virat Kohli) को इंग्लैंड की जमीन पर शुरू होने वाल टेस्ट मैचों से पहले अहम सलाह दी है. विहारी पिछले काफी समय से इंग्लैंड में ही हैं और वह वारविकशायर काउंटी के लिए खेल रहे हैं. हालांकि, हनुमा विहारी ने अभी तक काउंटी के लिए ज्यादा रन नहीं बनाए हैं, लेकिन अभी तक वहां गुजारे हुए समय को देखते हुए इस भारतीय बल्लेबाज की सलाह टीम विराट के बल्लेबाजों के लिए खासी अहम साबित हो सकती है. सीरीज से पहले ही विहारी ने ड्यूक बॉल के खिलाफ अच्छा खासा मैच अभ्यास हासिल कर लिया है और यह पहलू WTC Final के लिए उन्हें फाइनल इलेवन का प्रबल दावेदार बनाता है.
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काउंटी से पहले आखिरी बार सिडनी टेस्ट में खेलने वाले विहारी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में इस्तेमाल होने वाली कूकाबरा गेंदों से अलग ड्यूक बॉल्स पूरे दिन गेंदबाजों को कुछ न कुछ मदद जरूर करती है. कुछ समय के बाद कूकाबरा की गेंद मुलायम हो जाती है, लेकिन ड्यूक बॉल की सख्ती पूरे दिन बनी रहती है. यह हवा में भी काम करती है और पिच पर टप्पा खाने के बाद इसे सीम भी पूरे दिन मिलती है.
विहारी बोले कि पूरे दिन ही बॉलरों की मदद के लिए कुछ न कुछ रहता है और यही मुख्य चुनौती है. इस दाएं हत्था बल्लेबाज ने कहा कि जब वह इंग्लैंड आए थे, तो मौसम ठंड था. ऐसे में अगर आपने महसूस किया कि आप पिच पर जम चुके हैं, तो भी स्विंग और सीम आपको चौंका सकती है. विहारी ने हवाला देते हुए कहा कि जब वह एसेक्स के खिलाफ 20 के आस-पास के स्कोर पर आउट हुए, तो मैंने सोचा कि पिच बल्लेबाजी के लिए अच्छी है, लेकिन ड्यूक बॉल की सख्त सीम होने के कारण यह अपना काम अच्छे से कर रही थी.
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ध्यान दिला दें कि साल 2018 में ओवल में अपने पहले ही टेस्ट में कप्ता विराट कोहली ने विहारी को एंडरसन और ब्रॉड जैसे बॉलरों से निपटने के टिप्स दिए थे. हनुमा ने कहा कि वे टिप्स उस समय बहुत ही खास थीं और इस दौरान गुजरे समय में मेरी तकनीक में कुछ बदलाव हुआ है. विहारी ने कि वर्तमान के मुकाबले तब मेरी तकनीक थोड़ी अलग थी. तब मैं युवा था और अपना पहला टेस्ट खेल रहा था. तब मैं शफल ज्यादा किया करता था, लेकिन अब दो साल पहले की तुलना में मेरा अपने खेल पर ज्यादा नियंत्रण है. अब मैं आउट और इन स्विंग बेहतर तरीके से खेलता हूं. विहारी ने एक बार फिर से दोहराते हुए कहा कि इंग्लैंड में हमारे लिए बड़ी चुनौती ड्यूक बॉल से निपटना होगा. निश्चित ही, यहां मौसम की भी अहम भूमिका रहेगी.
उन्होंने कहा जब धूप खिली होती है, तो बल्लेबाजी करना आसान होता है. लेकिन जब घटा होती है, तो गेंद हिलती है. सेशन की शुरुआत में ही मैंने इस चुनौती का सामना किया क्योंकि काफी ठंड थी और टप्पा खाने के बाद गेंद अच्छी-खासी सीम हो रही थी. एक मैच में विहारी 23 गेंद खेलने के बाद ब्रॉड की गेंद पर बिना खाता खोले आउट हो गए. इस पर विहारी बोले कि मैंने सोचा कि इस पर ड्राइव करना आसान होगा, लेकिन इंग्लैंड में आपको वास्तव में शॉट सेलेक्शन को लेकर बहुत ही ज्यादा सुनिश्चित होना पड़ता है. भारत में अगर गेंद ड्राइव की नहीं है, तो आप गेंद को पुश भर करके काम चला सकते हो, लेकिन इंग्लैंड में ऐसा नहीं है. आपको गेंद को ज्यादा से ज्यादा देर से खेलना होता है.
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