Yashavsi Jaiswal's poor catching: हेडिंग्ले में फील्डिंग में यशस्वी जायसवाल के साथ हुआ, वह किसी बड़े हादसे से कम नहीं रहा. जायसवाल ने पहली पारी में शतक जड़ा, लेकिन इस शतक पर उनकी खराब कैचिंग ने पानी फेर दिया. और मैच के पांचवे दिन तो जायसवाल के माथे पर वह अनचाहा रिकॉर्ड चिपक गया, जो कोई भी खिलाड़ी सपने में भी देखना नहीं चाहेगा. पहली पारी में तीन कैच टपकाने वाले जायसवाल का इससे दूसरी पारी में भी पीछा नहीं छूटा. और एक बार उनके हाथों से बहुत ही अहम मोड़ पर कैच फिसल गया. यह कैच टपकाने के साथ ही जायसवाल ने किसी एक टेस्ट में किसी भारतीय द्वारा छोडे़ जाने वाले सबसे ज्यादा कैचों के अनचाहे रिकॉर्ड की बराबरी कर ली.
पांचवें दिन भी कैच टपकना जारी रहा
पांचवे दिन जब भारतीय पेसर विकेट चटकाने के लिए जी-जान लगाए हुए थे, जब मोहम्मद सिराज के खिलाफ पुल करने गए बेन डकेट गेंद को बल्ले के बीच नहीं लगे सके. और यह ऊपरी किनारा लेकर डीप स्कवॉयर की तरफ चली गई. लेकिन सामने से दौड़कर आए जायसवाल के हाथों से एक बार फिर से ऐसा कैच निकल गया, जो होना ही चाहिए था. उस समय बेन डकेट 97 रन पर थे. और 149 रन बनाने वाले डकेट का यह कैच पूरे 52 रन महंगा साबित हुआ.
कुल इतने महंगे साबित हुए जायसाल के कैच
पहली पारी में जायसवाल ने बुमराह की गेंदों पर जो कैच छोड़े थे, वह 113 रन महंगे साबित हुए थे. और दूसरी पारी में डकेट के महंगे साबित हुए 52 रन को इसमें जोड़ लें, तो जायसवाल के ये चारों कैच भारत को 165 रन महंगे साबित हुए. डकेट ने उनके दोनों पारियों में छोड़े कैचों को दोनों हाथों से भुनाया. पहली पारी में डकेट ने इसे अतिरिक्त 51 रन बनाकर भुनाया, तो दूसरी पारी में कैच छोड़ने के बाद अतिरिक्त 52 रन बनाकर.