पिछले दिनों भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने ईसीबी (ECB) से बहुत ही खास अनुरोध किया था, जिसे उसने ठुकरा दिया. और अब इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटरों को लगने लगा है कि इंग्लैंड बोर्ड ने गलती करते हुए एक अच्छा मौका गंवा दिया है. इसी कड़ी में पूर्व सलामी बल्लेबाज मार्क बुचर का मानना है कि इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड को आईपीएल (IPL 2021) के बचे हुए मैचों को समायोजित करने के लिए टेस्ट श्रृंखला के कार्यक्रम में बदलाव करने के बीसीसीआई के अनुरोध को मान लेना चाहिये था क्योंकि इससे उसे अपने ‘हंड्रेड' टूर्नामेंट में शीर्ष भारतीय खिलाड़ियों को शामिल करने का मौका मिलता.
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भारतीय बोर्ड ने अनौपचारिक रूप से भारत और इंग्लैंड के बीच चार अगस्त से शुरू होने वाली पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला को एक सप्ताह पहले खत्म करने का अनुरोध किया था, ताकि आईपीएल के बचे हुए मैचों का आयोजन किया जा सके लेकिन उसे ईसीबी से अनुकूल प्रतिक्रिया नहीं मिली. बुचर ने ‘विजडन क्रिकेट वीकली पॉडकास्ट' में कहा, ‘मैं कुछ बोलने से पहले एक गहरी सांस लेना चाहूंगा. मुझे लगता है कि हम एक बहुत बड़ा मौका चूक गये.'
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बुचर ने कहा कि अनुरोध स्वीकार करने से ईसीबी को विराट कोहली और महेन्द्र सिंह धोनी जैसे शीर्ष भारतीय क्रिकेटरों को उनकी प्रमुख परियोजना ‘द हंड्रेड' टूर्नामेंट में शामिल करने का लाभ मिल सकता था. इंग्लैंड के लिए 71 टेस्ट खेल चुके 48 साल के इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘ईसीबी इसके (द हंड्रेड) लिए बिल्कुल बेताब है. उन्हें होना भी चाहिये है, उन्होंने ‘द हंड्रेड' पर बड़ा दांव लगाया है, लेकिन हर मोड़ पर ऐसा लगता है कि एक कोई बड़ी शक्ति उसे होने नहीं दे रही है.'
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उन्होंने कहा, ‘इसके लिए ईसीबी के पास यह मौका था. उन्हें बीसीसीआई को कहना चाहिये था कि हम टेस्ट श्रृंखला को एक सप्ताह पहले खत्म करने पर एक शर्त के साथ राजी होंगे. यह शर्त है कि 2022 सत्र से तीन साल के लिए हमें कोहली, धोनी या जो भी भारतीय खिलाड़ी ‘द हंड्रेड' में खेलना चाहे उससे तीन साल का करार करने की छूट हो.'
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