मध्य और पश्चिम क्षेत्र के बीच कोयम्बटूर खेले जा रहे दलीप ट्रॉफी के पहले सेमीफाइनल मुकाबले के दूसरे दिन मैदान पर बहुत ही ज्यादा चिंता के पल देखने को मिले, जब भारत के लिए खेल चुके वेंकटेश अय्यर को इतनी तेज गेंद लगी कि मैदान पर एंबुलेंस बुलानी पड़ी. हालांकि अय्यर को यह गेंद किसी गेंदबाजी की नहीं, बल्कि फील्डर से आए थ्रो के जरिए लगी. पश्चिम क्षेत्र के फील्डिर चिंतन गाजा का एक तेज-तर्रार थ्रो अय्यर की गर्दन पर जाकर लगा. और इसके बाद यह ऑलराउंडर जमीन पर लेट गया और उन्हें बाहर ले जाने के लिए एंबुलेस को मैदान के भीतर लाया गया. लेकिन ईश्वर की कृपा यह रही कि अय्यर ने खुद ही वापस पैदल लौटने का निर्णय लिया और गाड़ी के सहारे की जरूरत नहीं पड़ी.
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इसके बाद अय्यर मध्य क्षेत्र का सातवां विकेट गिरने के बाद नंबर सात पर बैटिंग के लिए लौटे, लेकिन वह सिर्फ 14 ही रन बना सके. अय्यर के साथ घटना तब घटी, जब वह छह रन बनाकर बल्लेबाजी कर रहे थे. अय्यर को स्कैन के लिए अस्पताल लेकर जाया गया. वह बल्लेबाजी के लिए भी मैदान पर उतरे, लेकिन पश्चिम क्षेत्र की बैटिंग के दौरान अय्यर अभी तक फील्डिंग के लिए मैदान पर नहीं उतरे हैं.
पश्चिम के पहली पारी में 128 रन बनाने के बाद मध्य क्षेत्र दूसरे दिन अपनी पहली पारी में सिर्फ 128 पर ही ढेर हो गया. कप्तान करन शर्मा शीर्ष स्कोरर रहे, जिन्होंने 64 गेंदों पर 34 रन बनाए. वेस्ट के लिए जयदेव उनाडकट और तनुष कोटियान ने तीन-तीन विकेट लिए.
बता दें कि पिछले साल टी20 विश्व कप में भारत के खराब प्रदर्शन के बाद अय्यर को टीम में शामिल किया गया था. हार्दिक के अनुपस्थित रहने रहने पर अय्यर ने कई मैचों में टीम के लिए ऑलराउंडर की भूमिका निभायी. लेकिन पिछले संस्करण में हार्दिक के विस्फोटक प्रदर्शन के बाद अय्यर के लिए टीम में जगह नहीं बन सकी. तब से ही वेंकटेश अय्यर की अनदेखी होती रही है.
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