आखिर कब तक वनडे क्रिकेट खेलेंगे रोहित शर्मा-विराट कोहली? दिलीप वेंगसरकर ने दिया चौंकाने वाला जवाब

Dilip Vengsarkar on Rohit Sharma: रोहित शर्मा के संन्यास की 'गैरजरूरी' अटकलों ने पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर को बेहद निराश किया क्योंकि उनका मानना ​​है कि मौजूदा भारतीय कप्तान जैसे महान खिलाड़ियों को अपने भविष्य पर फैसला करने के लिए समय मिलना चाहिए.

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Dilip Vengsarkar: दिलीप वेंगसरकर ने रोहित-कोहली के संन्यास की अटकलों पर अपनी बात कही है

Dilip Vengsarkar statement on Rohit Sharma and Virat Kohli retirement speculations: चैंपियन्स ट्रॉफी के दौरान रोहित शर्मा के संन्यास की 'गैरजरूरी' अटकलों ने पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर को बेहद निराश किया क्योंकि उनका मानना ​​है कि मौजूदा भारतीय कप्तान जैसे महान खिलाड़ियों को अपने भविष्य पर फैसला करने के लिए समय मिलना चाहिए. नौ महीने में भारत को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का दूसरा खिताब दिलाने के बाद रोहित ने स्वयं अपने भविष्य को लेकर सभी अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि वह एकदिवसीय प्रारूप से संन्यास नहीं ले रहे हैं. सैंतीस साल के रोहित ने अब तक 2027 वनडे विश्व कप के लिए प्रतिबद्धता नहीं जताई है लेकिन वेंगसरकर का मानना ​​है कि उनकी मौजूदगी टीम के लिए अच्छी ही होगी.

रोहित-कोहली के संन्यास की खबरों पर बोले वेंगसरकर

वेंगसरकर ने पीटीआई से कहा,"मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं. 2027 विश्व कप तक अभी बहुत सारे मैच होने हैं. बहुत कुछ उनकी फॉर्म और फिटनेस पर निर्भर करेगा. इस समय कुछ भी कहना उचित नहीं है लेकिन वह कप्तान और खिलाड़ी दोनों के रूप में शानदार रहे हैं." उन्होंने कहा,"मुझे नहीं पता कि लोगों ने (उनके संन्यास पर) क्यों अटकलें लगाईं, यह गैरजरूरी है. उनके जैसे कद के खिलाड़ी को अपने भविष्य के बारे में फैसला करने का अधिकार होना चाहिए."

टी20 विश्व कप 2024 और चैंपियन्स ट्रॉफी दोनों में बल्लेबाजी के लिए चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में रोहित ने प्रभावशाली पारियां खेली. दुबई में उन्होंने सुनिश्चित किया कि भारत पावरप्ले का अधिक से अधिक लाभ उठाए, विशेषकर फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ बेहद दबाव में लक्ष्य का पीछा करते समय. वेंगसरकर ने कहा,"वह इस समय जिस तरह से खेल रहे हैं वह शानदार है. उन्होंने वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक बनाए हैं. मैं उनके बारे में और क्या कह सकता हूं."

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इस पूर्व मुख्य चयनकर्ता ने कहा,"विराट और रोहित जैसे खिलाड़ी बड़े मैच के खिलाड़ी हैं, जितना बड़ा मंच होगा, प्रदर्शन उतना ही बेहतर होगा. टीम के दृष्टिकोण से यह बहुत महत्वपूर्ण है. उनकी मौजूदगी ही विपक्षी टीम का मनोबल गिरा देती है."

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रोहित के लिए चैंपियन्स ट्रॉफी किस्मत बदलने वाली रही क्योंकि लंबे समय तक खराब फॉर्म के कारण उन्हे सिडनी में अंतिम टेस्ट से बाहर होना पड़ा था. दुबई की धीमी पिचों पर श्रेयस अय्यर और लोकेश राहुल जैसे खिलाड़ियों ने भारत की खिताबी जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया.

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मध्यक्रम में अय्यर के प्रदर्शन से खुश हैं वेंगसरकर

आईपीएल जीतने और उसी समय केंद्रीय अनुबंध से बाहर के साथ एक उतार-चढ़ाव भरे साल के बाद अय्यर ने टीम में अपनी अहमियत साबित की. वेंगसरकर मध्यक्रम के इस बल्लेबाज के प्रदर्शन से काफी खुश हैं.

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वेगसरकर ने कहा,"अय्यर ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन फाइनल में जिस तरह से वह आउट हुए मैं उससे खुश नहीं हूं. उन्हें अंत तक खेलना चाहिए था और मैच खत्म करना चाहिए था. लेकिन उन्हें अपनी क्षमता का एहसास करते देखकर खुशी हुई."

उन्होंने कहा,"लोकेश राहुल ने भी छठे नंबर पर कुछ महत्वपूर्ण पारियां खेलीं लेकिन फिर भी मुझे अक्षर पटेल को उनसे आगे पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी कराने पर भरोसा नहीं है. बाएं-दाएं हाथ का संयोजन ही एकमात्र कारण हो सकता है."

वेंगसरकर ने अजीत अगरकर की अगुआई वाली चयन समिति को भी श्रेय दिया. उन्होंने कहा,"इसका श्रेय चयनकर्ताओं को भी जाना चाहिए. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बाद रोहित को बरकरार रखा. यहां तक कि टीम में पांच स्पिनर लेने का फैसला भी मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ."

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