जिस कप्तान का 23 साल पहले टूटा था सपना, अब उसने कोच बनकर रच दिया इतिहास, हर कोई कर रहा सलाम

Ranji Trophy 2021-22 Final: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) ने इतिहास रचते हुए पहली बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीतने में सफलता पाई है.

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चंद्रकांत पंडित ने अब बतौर कोच दिलाई मध्यप्रदेश को रणजी ट्रॉफी का खिताब

Ranji Trophy 2021-22 Final: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) ने इतिहास रचते हुए पहली बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीतने में सफलता पाई है. बता दें कि फाइनल में मध्यप्रदेश ने मुंबई को 6 विकेट से हरा दिया. मध्यप्रदेश के लिए यह खिताब हासिल करना किसी सपने से कम नहीं है. खासकर टीम के कोच चंद्रकांत पंडित (Chandrakant Pandit) के लिए यह जीत उस लक्ष्य को फिर से हासिल करने जैसा है जो उन्होंने 1999 में बतौर कप्तान के तौर पर हासिल नहीं कर पाए थे. बता दें कि जब मध्यप्रदेश की टीम साल 1999 में पहली बार रणजी ट्रॉफी फाइनल में पहुंची थी तो उस समय MP की टीम फाइनल में पहली पारी में बढ़त लेने के बाद हार गई थी. इसके साथ ही पंडित के करियर का अंत निराशा के साथ हुआ था. 

लेकिन चंद्रकांत पंडित ने बतौर मध्यप्रदेश कोच अपने उस टूटे हुए लक्ष्य का पीछा किया और आज उनके कोच रहते हुए मध्यप्रदेश की टीम रणजी चैंपियन बनने में सफल रही है. बता दें कि मध्यप्रदेश की टीम ने जब खिताब जीता तो कोच के आंखों में आंसू भी थे. कोच ने बाद में कहा कि 23 साल पहले जो मुझसे छूट गया था आज मेरी टीम ने उसी मैदान पर मुझे वापस किया है.' 

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विश्व कप भी खेल चुके हैं चंद्रकांत पंडित
विकेट कीपर बल्लेबाज चंद्रकांत पंडित 1987 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का भी हिस्सा रहे हैं. अपने इंटरनेशनल करियर में पंडित जी ने 5 टेस्ट और 36 वनडे मैच भी खेले हैं. बता दें कि टेस्ट में पंडित जी ने 171 रन बनाए तो वहीं वनडे में उनके नाम 290 रन दर्ज है. इसके अलावा साल 1987 के वर्ल्ड कप में चंद्रकांत पंडित को सेमीफाइनल मैच में खेलने का मौका मिला था. इस मैच में उन्हें दिलीप वेंगसरकर की जगह खेलने का अवसर मिला. सेमीफाइनल में पंडित जी ने 30 गेंद पर 24 रन की पारी खेली थी. हालांकि चंद्रकांत पंडित का इंटरनेशनल करियर ज्यादा बड़ा नहीं रहा लेकिन फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 138 मैच खेले जिसमें 8209 रन बनाने में सफल रहे. यही नहीं उनके नाम 42 अर्धशतक और 22 शतक दर्ज है. 

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बतौर कोच मुंबई को भी दिला चुके हैं रणजी का खिताब
बता दें कि क्रिकेट से अलग होने के बाद चंद्रकात ने बतौर कोच अपनी दूसरी पारी शुरु की, कोच के रूप में उन्होंने मुंबई को 3 बार और विदर्भ को 2 बार खिताब दिलाने का काम किया. फिर अब 2022 में एक बार फिर मध्यप्रदेश की टीम में लौटे और यहां पर भी इतिहास रचते हुए MP को पहली बार खिताब दिलाया. 

लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने ट्वीट कर मध्यप्रदेश के कोच की भरपूर तारीफ की है. मिश्रा जी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'लैजेंड चंद्राकर पंडित के लिए क्या शानदार सफर रहा..एक कप्तान के रूप में 1999 में रणजी फाइनल हार गए लेकिन आज एक कोच के रूप में जीत गए. जीवन आपको सब कुछ देता है लेकिन समय के साथ. पहला रणजी कप जीतने पर मप्र के कप्तान आदित्य श्रीवास्तव और पूरी एमपी टीम के लिए वाकई खुशी है.'

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