आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम दुबई पहुंच चुकी है. रोहित शर्मा की अगुवाई में भारतीय टीम 20 फरवरी को बांग्लादेश के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगी. हालांकि, इस बार भारत को उसके मैच विनर जसप्रीत बुमराह की कमी जरुर खलेगी, जो चोट से रिकवर नहीं कर पाए और चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर हो गए. बीसीसीआई ने उनकी जगह टीम में हर्षित राणा को शामिल किया है. रिपोर्ट्स की मानें तो सेलेक्टर्स जसप्रीत बुमराह को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहते थे. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इस तेज गेंदबाज को भारत के भविष्य के टेस्ट कप्तान के रूप में देखा जा रहा है.
बुमराह को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाने का फैसला
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट की मानें तो जब नितिन पटेल की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी की मेडिकल टीम ने बुमराह की चैंपियंस ट्रॉफी में भागीदारी के संबंध में गेंद, चयनकर्ताओं के अध्यक्ष अजीत अगरकर के पाले में डाली तो उनके लिए चुनाव करना मुश्किल था.
एनसीए ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बुमराह की नवीनतम स्कैन रिपोर्ट में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन नंबर 1 रैंक के तेज गेंदबाज ने अभी तक पूरी तरह से गेंदबाजी शुरू नहीं की है. चूंकि चैंपियंस ट्रॉफी मुश्किल से एक सप्ताह दूर थी, इसलिए चयनकर्ता और टीम प्रबंधन कोई जोखिम नहीं लेना चाहते थे.
बुमराह के साथ जोखिम ना लेने की जरुरत इसलिए भी थी कि बोर्ड उन्हें भविष्य के कप्तान के तौर पर देख रहा है. बीसीसीआई ने कमोबेश बुमराह को भारत के अगले टेस्ट कप्तान के रूप में फाइनल कर लिया है.
रोहित को लेकर बीसीसीआई ने बना लिया मन
हिंदुस्तान टाइम्स ने न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से लिखा है कि भारत के मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा के नाम पर अब टेस्ट के लिए विचार किए जाने की संभावना नहीं है और टेस्ट उप-कप्तान नियुक्त किए गए बुमराह इस साल जून-जुलाई में इंग्लैंड दौरे से कप्तानी संभालेंगे.
रिपोर्ट के अनुसार,"यह समझा जाता है कि विवाद का मुख्य कारण यह था कि बुमराह ने अभी तक पूरी तरह से गेंदबाजी करना शुरू नहीं किया है और चीजों की जानकारी रखने वालों ने कहा कि इतने कम समय में मैच-फिट होना बहुत मुश्किल है." "वह आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए वापस आ सकते हैं और फिर इंग्लैंड में भारत का नेतृत्व कर सकते हैं क्योंकि रोहित शर्मा को दोबारा टेस्ट के लिए चुने जाने की संभावना नहीं है."
पहले भी कप्तानी कर चुके हैं बुमराह
बता दें, बुमराह ने अब तक तीन टेस्ट मैचों में भारत का नेतृत्व किया है. दोनों अवसरों पर, रोहित अनुपलब्ध थे. जब बुमराह को 2022 में बर्मिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट में उतरना पड़ा तो सलामी बल्लेबाज कोविड से जूझ रहे थे. भारत वह टेस्ट हार गया, लेकिन बुमराह ने एक अच्छे लीडर होने के संकेत दिखाए.
उन्हें अगला मौका तब मिला जब रोहित पिछले साल के अंत में अपने दूसरे बच्चे के जन्म के लिए ऑस्ट्रेलिया पहुंचे. पर्थ में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले मैच में बुमराह ने अकेले दम पर भारत को जीत दिलाई. संयोग से, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज का यह एकमात्र टेस्ट था, जिसे टीम इंडिया जीत पाई थी.
इसके बाद जब रोहित ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के आखिरी टेस्ट से खुद को बाहर रखने का फैसला लिया, तो बुमराह ने फिर से कप्तानी संभाली. दुर्भाग्य से, बुमराह मैच में केवल 10 ओवर फेंकने के बाद चोटिल हो गए.
पिछला साल रोहित के लिए रहा था बुरा सपना
साल 2024 रोहित शर्मा के लिए काफी खराब रहा था. उन्होंने पिछले साल 25 से कम की औसत से रन बनाए थे. टी20 विश्व कप जीतने के बाद से, रोहित का फॉर्म, खासकर टेस्ट क्रिकेट में, ख़राब हो गया है. अनुभवी दाएं हाथ के खिलाड़ी ने अपने पिछले आठ टेस्ट मैचों में 10.9 की औसत से केवल 164 रन बनाए.
हालांकि, रोहित ने ऐलान किया है कि उनकी किसी भी प्रारूप से संन्यास लेने की कोई योजना नहीं है, लेकिन ऐसा लगता है कि बोर्ड ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए उनसे पहले ही बातचीत कर ली है. रोहित अप्रैल में 38 साल के हो जाएंगे. विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का अगला फाइनल होने तक वह 40 वर्ष के हो जाएंगे. उनके गिरते फॉर्म को देखते हुए चयनकर्ता एक स्थायी विकल्प पर विचार करना चाहते थे.