चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy 2025) का फाइनल रविवार को खेल जाएगा. और हो सकता है कि मेगा इवेंट के बाद आपको कुछ खिलाड़ी फिर कभी व्हाइट-बॉल में खेलते दिखाई न पड़ें. कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने टी20 फॉर्मेट को पहले ही अलविदा कह दिया है. और ये खिलाड़ी अब वनडे से भी संन्यास का ऐलान कर सकते हैं, तो जाहिर है कि फाइनल मुकाबला इनका आखिरी व्हाइट-बॉल मैच बन जाए. फिर इनकी टीम की जीत हो या हार, इस बात के कोई मायने नहीं हैं. चलिए आपको ऐसे ही 4 खिलाड़ियों के बारे में बता देते हैं, जो फाइनल के बाद इस फॉर्मेट से भी अलग हो सकते हैं. इन चार में तीन खिलाड़ी भारत से हैं, तो एक न्यूजीलैंड का है.
रोहित शर्मा
आपको यह बात चौंकाने वाली लग सकती है, लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी के बाद रोहित शर्मा व्हाइट-बॉल फॉर्मेट को टाटा बोल सकते हैं. इसके पीछे बड़ा कारण उनकी हाल ही में गिरती हुई फॉर्म और बढ़ती उम्र है. पिछले कुछ महीनों में रोहित ने बल्ले के साथ बहुत ही ज्यादा संघर्ष किया है. हालांकि, न्यूजीलैंड के खिलाफ शतक जड़कर उन्होंने फॉर्म हासिल की, लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी के लीग राउंड में उनके बल्ले को फिर से लकवा मार गया. ऐसे में रोहित वनडे को भी अलविदा कह सकते हैं.अगला आईसीसी टूर्नामेंट 2027 में है और तब तक वह चालीस साल के हो जाएंगे. यही कारण है कि रोहित खासतौर पर टीम इंडिया के जीतने की सूरत में इन यादों के साथ ही वनडे को ठीक वैसे ही अलविदा कह सकते हैं, जैसा उन्होंने टी20 विश्व कप के बाद किया था.
केन विलियमसन
सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शतक बनाने वाले कीवी पूर्व कप्तान केन विलियमसन एक और खिलाड़ी हैं, जो चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल के बाद वनडे को अलविदा कह सकते हैं. विलियमसन कुछ महीने बाद अगस्त में 35 साल के हो जाएंगे. विलियमसन को बड़ा ICC टूर्नामेंट खेलने के लिए साल 2027 का इंतजार करना होगा. ऐसे में बढ़ती उम्र और वनडे में ज्यादा रुचि न होने के कारण विलियमसन भी फाइनल के बाद वनडे से संन्यास ले सकते हैं.
रवींद्र जडेजा
यूं तो रवींद्र जडेजा पूरी तरह फिट हैं. वह गेंद के साथ बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन वह भी संन्यास ले सकते हैं. पिछले साल उन्होंने भी टी20 विश्व कप के बाद इस फॉर्मेट से संन्यास ले लिया था. पिछले कुछ समय से जडेजा टीम में नियमित रूप से योगदान देने में नाकाम रहे हैं, तो अक्षर पटेल का इस्तेमाल प्रबंधन उनसे पहले कर रहा है. बतौर टेस्ट क्रिकेटर वह शानदार रहे हैं. ऐसे में 36 साल के जडेजा टेस्ट पर और ध्यान देने के लिए वनडे को अलविदा कह सकते हैं.
मोहम्मद शमी
यह सही है कि हालिया समय में भारतीय पेसर मोहम्मद शमी घरेलू क्रिकेट में खासा जोर लगाते हुए टीम इंडिया तक पहुंचने में सफल रहे. यह भी सही है कि उन्हें विकेट मिल रहे हैं. लेकिन यह भी साफ है कि उनकी धार और पेस वैसी नहीं है, जो सभी ने साल 2023 विश्व कप में देखी थी. शमी अपने 35वें साल में चल रहे हैं और लगता नहीं कि BCCI इस पेसर को 2027 विश्व कप की प्लानिंग में रखेगा. ऐसे में अगर शमी अगर फाइनल के बाद व्हाइट-बॉल से सन्यास ले लेते हैं, तो चौंकाने वाली बात नहीं ही होगी.