जब से बीसीसीआई (BCCI) ने टीम इंडिया के अगले हेड कोच पद के लिए आवेदन जारी किया है, तब से कई नामों पर चर्चा होनी शुरू हो गई है. कंगारू पूर्व दिग्गज जस्टिन लैंगर ने खुद कोच बनने की इच्छा जताई है, तो वहीं जरुरत पड़ने पर टीम इंडिया को अपनी सेवाएं दे चुके वीवीएस लक्ष्मण सहित कई ऐसे भारतीय पूर्व दिग्गज भी हैं, जो टीम इंडिया के हेड कोच बनने को इच्छुक हैं, लेकिन बीसीसीआई के अधिकारियों को मन कुछ और ही है. और अधिकारियों ने पहल करते हुए सबसे बड़े दावेदार के रूप में उभरकर सामने आए दिग्गज पूर्व क्रिकेटर से पहले दौर की बातचीत भी कर ली है, लेकिन यह रास्ता अभी यहां से खासा लंबा है क्योंकि इसमें पेंच कई फंसे हैं.
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कई नामों की है जोर-शोर से चर्चा
विज्ञापन के आने के चौबीस घंटे के भीतर ही गुजरात को खिताब दिला चुके पूर्व पेसर आशीष नेहरा, गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग ये वो भारतीय नाम हैं, जिन्हें लेकर सुगबुगाहट है कि ये टीम इंडिया के हेड कोच पद के लिए आवेदन करेंगे. फैंस की भी इन्हें लेकर मांग हैं, लेकिन यह एक भावनात्मक पहलू है और इसके ज्यादा मायने नहीं हैं क्योंकि बीसीसीआई के ज़हन में एक अलग ही नाम चल रहा है.
बीसीसीआई के अधिकारी मन बना चुके हैं
बीसीसीआई के नजदीकी सूत्रों पर आधारित रिपोर्ट पर भरोसा किया जाए, तो बीसीसीआई का झुकाव न्यूजीलैंड के पूर्व कोच और चेन्नई सुपर किंग्स के हेड कोच स्टीफेन फ्लेमिंग की ओर है. बोर्ड के शीर्ष नेतृत्व की द्रविड़ के उत्तराधिकारी के रूप में पहली पसंद स्टीफेन फ्लेमिंग ही हैं. और कीवी पूर्व कप्तान के साथ एक दौर की अनौपचारिक बातचीत पहले ही हो चुकी है. 111 टेस्ट और 280 वनडे मैच खेल चुके प्लेमिंग के पास गहन अनुभव है, लेकिन यहां उनके और बीसीसीआई के सामने सवाल-कम-गुत्थी ज्यादा है
यह रास्ता नहीं आसां...!
यह रास्ता इतना आसान नहीं है क्योंकि एक बड़ी वजह तो यह है कि बीसीसीआई तीनों ही फॉर्मेटों के लिए एक ही कोच चाहता है. इसके तहत फ्लेमिंग को साल में दस महीने टीम के साथ रहना होगा. और यह भी है कि फ्लेमिंग जॉब के लिए आवेदन भेजते हैं या नहीं. इसके अलावा फ्लेमिंग को कोच बनने की स्थिति में चेन्नई सुपर किंग्स और बाकी टीमों का भी साथ छोड़ना होगा. अभी बीसीसीआई की उनके साथ बातचीत शुरुआती दौर में है. देखने वाली बात होगी कि आगे क्या हालात बनते हैं. टीम इंडिया अगले कुछ सालों में बड़े बदलाव से गुजरेगी. ऐसे में निश्चित तौर पर फ्लेमिंग का मानव प्रबंधन कौशल, खिलाड़ियों से उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाना, सकारात्मक माहौल बनाना वे बाते हैं, जो स्वत: ही किसी का भी ध्यान खींचने के लिए काफी हैं.