शीर्ष अधिकारियों द्वारा घरेलू ‘टूर्नामेंट भत्ता नीति' को सरल बनाने के बाद किया जाएगा. इन भत्तों का भुगतान जनवरी से नहीं किया गया है. बोर्ड की मौजूदा यात्रा नीति के अनुसार कर्मचारियों को छोटी अवधि की यात्रा (चार दिन तक) के लिए प्रतिदिन 15,000 रुपये और आमतौर पर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL), महिला प्रीमियर लीग (WPL) और भारत द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की प्रतियोगिताओं से संबंधित लंबी अवधि की यात्रा के लिए प्रतिदिन 10,000 रुपये का भुगतान किया जाता है. यात्रा के दौरान एकमुश्त आकस्मिक भत्ता 7500 रुपये था.
अब हर दिन मिलेगा इतना भत्ता
संशोधित नीति के अनुसार आकस्मिक भत्ते को हटा दिया गया है और कर्मचारियों को अब यात्रा के दौरान प्रतिदिन 10,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा. आईपीएल का आयोजन दो महीने से कुछ अधिक समय तक होता है, जबकि आईसीसी प्रतियोगिता भी कम से कम एक महीने तक चलती है. BCCI सूत्र ने बताया कि स्रोत पर कर कटौती के बाद प्रतिदिन भत्ता 6500 रुपये होता है.
इस वजह से लिया गया नई पॉलिसी बनाने का फैसला
चूंकि नीति में संशोधन किया जा रहा था, इसलिए वित्त, संचालन और मीडिया विभाग सहित बीसीसीआई के कर्मचारियों को आईपीएल और डब्ल्यूपीएल के लिए उनके दैनिक भत्ते का भुगतान नहीं किया गया है. लेकिन अब जब नीति तैयार हो गई है तो उनके बकाए का भुगतान जल्द ही किया जाना चाहिए. सूत्र ने कहा, ‘भत्तों के संदर्भ में एक स्पष्ट नीति की आवश्यकता थी क्योंकि कुछ कर्मचारी टूर्नामेंट के दौरान मुंबई मुख्यालय से संचालन करते हुए भी भत्ते का दावा कर रहे थे. अब जब यह तैयार हो गई है तो बकाए का भुगतान जल्द ही किया जाएगा.'
यात्रा कम, तो भत्ता भी कम !
अधिक स्पष्टता के लिए एक कर्मचारी जो पूरे 70 दिवसीय आईपीएल के लिए यात्रा कर रहा है, वह 10,000 रुपये के दैनिक भत्ते के लिए पात्र होगा जिसमें कुल दावा राशि सात लाख रुपये होगी. आईपीएल के दौरान सीमित यात्रा करने वाला व्यक्ति 70 दिवसीय भत्ते का केवल 60 प्रतिशत दावा करने का पात्र होगा और जो व्यक्ति बिल्कुल भी यात्रा नहीं कर रहा है वह 70 दिनों के लिए 40 प्रतिशत राशि का दावा कर सकता है.
बोर्ड अध्यक्ष, सचिव को मिलता है इतना भत्ता
जहां तक विदेश यात्रा का सवाल है तो बीसीसीआई के अधिकांश कर्मचारियों को प्रतिदिन 300 डॉलर का भुगतान किया जाता है. अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव सहित मानद पदाधिकारियों को विदेशी दौरों पर 1000 डॉलर का दैनिक भत्ता मिलता है. वहीं, उन्हें भारत के भीतर एक दिन की बैठक के लिए 40,000 रुपये और कई दिनों की घरेलू कार्य यात्रा के लिए 30,000 रुपये प्रतिदिन का भुगतान किया जाता है.