IPL Title Rights: दुबई में आईपीएल 2024 के लिए खिलाड़ियों की नीलामी हो चुकी है और अब सभी फ्रेंचाइजी सीजन के आगाज के लिए अपनी तैयारियाों को अंतिम रूप देने में लही हैं. बीसीसीआई भी आईपीएल के लिए पूरी तरह से तैयार नजर आ रही है. आईपीएल 2024 की शुरुआत से पहले एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बोर्ड आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सर की तलाश कर रहा है और इस बार कुछ कड़े शर्त लगाए गए हैं. क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सर की तलाश में बीसीसीआई ने इस बात के संकेत दिए हैं कि बोर्ड चाइन की कंपनियों या ब्रांडों की बोलियों पर विचार नहीं करेगा. बीसीसीआई उन देशों की कंपनियों के साथ नहीं जुड़ना चाहता है कि जिनका भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध नहीं हैं.
हालांकि बीसीसीआई द्वारा किसी देश या ब्रांडों का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है. माना जा रहा है कि बीसीसीआई का यह फैसला सार्वजनिक प्रतिक्रिया और चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के साथ नकारात्मक अनुभव के कारण है. भारत और चीन के बीच चले आ रहे सीमा विवाद के बाद यह स्थिति पैदा हुई. मई 2020 में चीन और भारतीय सेना लद्दाख के कई क्षेत्रों में एक दूसरे के आमने-सामने आई थीं. इसके चलते विवाद काफी बढ़ था और जून 2020 में दोनों देशों के सीमा पर हिंसक झड़प हुई थी. इस हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. इसके बाद, बोर्ड और वीवो ने पांच साल के करार को बीच में ही सम्पात किया था, जिसके बाद टाटा समूह ने टाइटल स्पॉन्सर के अधिकार हासिल किए थे.
इसके अलावा बीसीसीआई सट्टेबाजी और जुआ कंपनियों के अलावा, फैंटेसी गेम्स, स्पोर्ट्सवियर और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी कंपनियों की बोलियां भी खारिज कर रहा है. बीसीसीआई ने बोली के लिए अपात्रता के मानदंडों की रूपरेखा तैयार की है, जिसमें जुआ और सट्टेबाजी फर्मों, फैंटेसी गेमिंग, क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, क्रिप्टोकरेंसी टोकन और अल्कोहल उत्पादों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं. विशेष रूप से, स्पोर्ट्सवियर के उत्पादन में शामिल कंपनियों पर एक अजीब प्रतिबंध है. इसके अलावा टैक्स हेवन के अधिकार क्षेत्र से काम करने वाली कंपनियों को अनुमति नहीं दी जाएगी. इसमें मॉरीशस और ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह जैसे देशों की ओर इशारा किया गया है.
आईपीएल टाइटल स्पॉन्सर के लिए टाटा समूह का पिछला करार पिछले सीजन के बाद पूरा हो गया था ऐसे में बोर्ड को एक नए टाइटल स्पॉन्सर की जरुरत है. आगामी टाइटल स्पॉन्सर समझौता पांच साल के लिए तय किया गया है. टाइटल स्पॉन्सर के तौर पर टाटा ग्रुप ने पिछले दो सीजन में 360 करोड़ रुपये का भुगतान बोर्ड को किया था. ऐसे में इस बार 360 करोड़ रुपये का आरक्षित मूल्य रखा गया है. टाइटल स्पॉन्सर के लिए बोली 13-14 जनवरी को लगाई जा सकती है.
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