कंगारू बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल (Glenn Maxwell) बहुत ही अप्रत्याशित बल्लेबाज हैं. इन्हें ओवर-रेटिड भी कहा जाता रहा है. वजह यह है कि जब-जब इनकी टीम को जरुरत पड़ती है, तो यह उम्मीदों पर खरा नहीं उतरते. लेकिन यह भी सही है कि जब यह बम फोड़ते हैं, तो इसकी आवाज इतनी बुलंद होती है कि पूरा विश्व सुनकर हैरान रह जाता है. बस कमी एक ही है कि निरंतरता इनके प्रदर्शन से गायब रही है, लेकिन बुधवार को नीदरलैंड्स (Australia vs Nethearlands) के खिलाफ मैक्सवेल (Glenn Maxwell's blistering century) को फिर से ऐसा भयावह बम फोड़ा कि क्रिकेट जगत हिलकर रह गया. मैक्सेवल ने करीब 48 साल के World Cup इतिहास का सबसे तेज शतक जड़ा. मैक्सवेल ने सिर्फ चालीस गेंदों पर नौ चौके और आठ छक्कों से शतक जड़ते हुए ऐसा बवाली रिकॉर्ड बना दिया, जिसे बता नहीं कि आगे विश्व कप में कौन तोड़ेगा. लेकिन बात यहीं पर ही खत्म नहीं होती.
इकलौते बल्लेबाज हैं मैक्सवेल
दरअसल ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब मैक्सवेल ने World Cup में आतिशी शतक जड़ा है. अगर विश्व कप एतिहास के शीर्ष 12 सबसे तेज शतकों की बात की जाए, तो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज इकलौते ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने यह कारनामा दो बार किया है. मतलब जहां अब उन्होंने इस मामले में टॉप पायदान कब्जा ली है, तो वहीं अब विश्व कप इतिहास का चौथा सबसे तेज शतक भी उनके नाम पर दर्ज है.
तब श्रीलंका को किया था हैरान
और यह कारनामा मैक्सवेल ने साल 2015 विश्व कप में 8 मार्च को श्रीलंका के खिलाफ किया था. तब ग्लेन ने 51 गेंदों पर शतक ज़़ा था. कुल मिलाकर 53 गेंदों पर 10 चौकों और 4 छक्कों से 102 रन बनाए थे. लेकिन इस बार नीदरलैंड्स के खिलाफ उनके छक्कों की संख्या चार से बढ़कर आठ हो गई. और यही वजह रही कि उनका यह शतक सिर्फ 40 ही गेंदों पर आया.
बन गया युवाओं के लिए बड़ा चैलेंज
कुल मिलाकर मैक्सवेल ने चालीस गेंदों पर शतक जड़कर एक बड़ा मानक तय कर दिया है क्योंकि इस रिकॉर्ड को तोड़ना इस मंच पर किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान होने नहीं जा रहा. बता दें कि जारी World Cup 2023 में पिछले सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड करीब 11 साल बाद टूटा. मैक्सवेल से पहले इसी संस्करण में मार्करम ने 49 गेंदों में शतक जड़ा था. इससे पहले 2011 में आयरलैंड के केविन ओ ब्रायन ने 113 रन बनाए थे. ऐसे में मैक्सवेल द्वारा स्थापित की गई चुनौती सिर्फ सबसे तेज शतक बनाना ही नहीं, बल्कि वर्ल्ड कप के इतिहास में तीन सबसे तेज शतक जोड़कर खुद का नाम पहले नंबर पर दर्ज कराना है, जो किसी भी एक बल्लेबाज के लिए बहुत ही बड़ा चैलेंज साबित होने जा रहा है.