- एशिया कप 1990-91 में पाकिस्तान ने सुरक्षा चिंताओं के कारण टूर्नामेंट से बाहर होने का निर्णय लिया था.
- भारत ने लीग चरण में श्रीलंका से हार का सामना किया लेकिन फाइनल में फिर से उनसे मुकाबला किया था.
- कपिल देव ने फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ हैट्रिक ली, जो वनडे में उनका दूसरा हैट्रिक था.
When Kapil Dev's hat-trick goes unnoticed: एशिया कप 1990-91 की शुरुआत दुखद रही थी. टूर्नामेंट से कुछ समय पहले पाकिस्तान बोर्ड ऑफ कंट्रोल के सचिव एएके अब्बासी के भतीजे की हत्या कर दी गई थी. पाकिस्तान ने भारत में टूर्नामेंट को स्थगित करने का अनुरोध किया, क्योंकि उन्हें खिलाड़ियों की सुरक्षा का डर था. लेकिन जब भारत ने मना कर दिया तो पाकिस्तान टूर्नामेंट से हट गया. ऐसे में इस टूर्नामेंट में भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश ने हिस्सा लिया. लीग स्टेज में भारत को श्रीलंका के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि, बांग्लादेश को हराकर उसने फाइनल में जगह बनाई थी, जहां उसका सामना एक बार फिर श्रीलंका से था और कपिल देव एंड कंपनी ने इस दौरान श्रीलंका को हराकर खिताब जीता.
ईडन गार्डन में हुआ फाइनल
खचाखच भरा ईडन गार्डन ने टीमों का स्वागत किया. कहा जाता है कि इस फाइनल को देखने के लिए 90 हजार दर्शक मैदान पर थे. भारत ने टॉस जीता और श्रीलंका को बल्लेबाजी थमाई. इसके जवाब में चरित सेनानायके और हशन तिलकरत्ने ने शुरुआती विकेट के लिए 48 रन जोड़ दिए. लेकिन फिर अतुल वासन आगे आए और दोनों सलामी बल्लेबाज जल्दी-जल्दी आउट हो गए.
कपिल की हैट्रिक पर नहीं गया ध्यान
भारत के पास एक युवा ऑफ स्पिनर सारादिन्दु मुखर्जी थे. रणजी ट्रॉफी में डेब्यू पर हैट्रिक लेने के बाद, मुखर्जी से शायद कुछ विशेष होने की उम्मीद थी. एशिया कप में वह वेंकटपति राजू और रवि शास्त्री से आगे, टूर्नामेंट में भारत के पसंदीदा स्पिनर थे. इस बार मुखर्जी ने खतरनाक दिखने वाले अरविंदा का शिकार किया.
हालांकि, इसके बाद रणतुंगा ने कमान संभाली और अशांका गुरुसिन्हा के साथ 58 रन जोड़कर 3 विकेट पर 150 रन बनाए. अशांका गुरुसिन्हा रन आउट हुए. फिर क्रीज पर आए रोशन महानामा को सिर्फ 5 के स्कोर पर कपिल ने अपना शिकार बनाया. यह ओवर की आखिरी गेंद थी, जिस पर कपिल ने रोशन का शिकार किया था. इसके अगले ओवर में रणतुंगा रन आउट हो गए. श्रीलंका के पास क्रीज पर दो नए खिलाड़ी बचे थे - सनथ जयसूर्या और रत्नायके.
कपिल ने अपने अगले ओवर की पहली ही गेंद पर रुमेश रत्नायके और फिर सनथ जयसूर्या के विकेट झटके. इन विकटों के साथ ही कपिल देव की हैट्रिक हो गई थी, लेकिन किसी का भी ध्यान उस ओर नहीं गया. दर्शक और भारतीय खिलाड़ी उत्सुकता से उस गेंद का इंतजार कर रहे थे जिसे वे हैट-ट्रिक गेंद समझ रहे थे, और जब चंपका रामनायके बच गए तो वे निराश हो गए.
फिर स्क्रीन पर दिखा बधाई कपिल देव !
कपिल के विस्फोट ने श्रीलंका को 8 विकेट पर 181 रन पर रोक दिया था. ओवर खत्म होने के साथ, ग्रीम लैब्रूय और रामनायके ने श्रीलंका को 200 के पार ले जाने के लिए तेजी से दौड़ लगाई. पारी के आखिरी ओवर में कपिल ने लैबरूय को आउट किया और श्रीलंका का स्कोर 9 विकेट पर 204 रन हो गया. कपिल 9-0-31-4 के आंकड़े के साथ समाप्त हुए.
खिलाड़ी वापस चले गये. भारतीय खिलाड़ी जब ड्रेसिंग रूम में लौट चुके थे, तभी ईडन गार्डन्स में तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई दी. दर्शक जश्न मनाने लगे, क्योंकि विशाल इलेक्ट्रॉनिक स्कोरबोर्ड ने डिस्प्ले लगा दिया था,"हैट-ट्रिक के लिए बधाई कपिल देव." इस प्रकार कपिल वनडे में हैट्रिक लेने वाले केवल पांचवें गेंदबाज और दूसरे भारतीय (चेतन शर्मा के बाद) बने. कपिल वनडे शतक बनाने और वनडे हैट्रिक लेने वाले (चेतन के बाद) दूसरे क्रिकेटर भी बने.
बता दें, श्रीलंका के 205 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और रवि शास्त्री सिर्फ 6 रन बनाकर आउट हुए. इसके बाद 30 के स्कोर पर सिद्दू भी लौटे. लेकिन फिर संजय मांजरेकर (नाबाद 75), सचिन तेंदुलकर (53) और अजहरुद्दीन (नाबाद 54) के अर्दशतकों की मदद से भारत ने यह मैच जीत लिया.
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