मुंबई में लक्जरी घरों की हसरत बढ़ रही, प्राइम ग्लोबल सिटीज में शहर की तीसरी रैंक

नाइट फ्रैंक प्राइम ग्लोबल सिटीज इंडेक्स में मुंबई आठवें से तीसरे पर पहुंचा, मनीला और दुबई के बाद मुंबई का स्थान

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
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  • मुंबई में लक्जरी होम की दरों में सालाना 10 प्रतिशत की वृद्धि
  • कोविड के बाद बदले ग्राहकों के सेंटीमेंट्स
  • मुंबई के लोगों में बेहतर और बड़े घर की चाह बढ़ी
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मुंबई:

कोविड के बाद लोगों में बेहतर और बड़े घर की चाह ऐसी बढ़ी है कि लक्ज़री आवास का बाजार गर्म चल रहा है. बीते कुछ समय से मुंबई में सर्वसुविधाओं वाले घरों का ट्रेंड ऐसा बढ़ा है कि “प्राइम ग्लोबल सिटीज इंडेक्स” में मुंबई आठवीं से सीधी तीसरी रैंक पर पहुंच गया है. 

मुंबई के 33 साल के नरेश शर्मा रिसर्च एनालिस्ट हैं. उन्होंने हाल ही में अपने 350 वर्गफुट के वन बेडरूम, हाल और किचिन (1 BHK) वाले घर को छोड़कर करीब डेढ़ करोड़ रुपये में 900 स्क्वेयर फीट का दो बेडरूम, हाल और किचिन (2 BHK) वाला फ्लैट खरीदा है. वे कहते हैं कोविड के दौरान बड़े घर की जरूरत महसूस हुई इसलिए लाइफ में थोड़ी एडजेस्टमेंट करके अपनी लाइफस्टाइल बेहतर बनाने की ठान ली.

नरेश शर्मा ने कहा कि, “मुंबई में पैसे-वैसे भी नहीं बचते, जितनी सेविंग्स थी उसमें अपनी लाइफ बेहतर बनाने की सोच ली. क्योंकि कोविड में ये देख लिया कि जिंदगी बड़ी अनसर्टेन है, कुछ भी हो सकता है. इसलिए अच्छे से जियो बेहतर लाइफ, अच्छे बड़े घर में रहो, जिसमें बच्चों और परिवार के लिए बेहतर एमेनेटीज़ हों. माचिस की डिब्बी में ही जिंदगी क्यों निकालनी है?”

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मुंबई की ही 29 साल की उर्वीशा जगाशेठ भी एनालिस्ट हैं. वे फैमिली बिजनेस से जुड़ी हैं. उन्होंने भी हाल ही में परिवार के साथ मिलकर 3 बीएचके फ्लैट छोड़ा और सबसे महंगे इलाके दक्षिण मुंबई में करीब 10 करोड़ रुपये में 4 बीएचके फ्लैट खरीदा है. वजह सिर्फ़ एक, बेहतर और बड़े घर की ज़रूरत! 

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उर्वीशा जगाशेठ ने बताया कि, “हमारे पहले वाले घर में मेरे पिता जी पचास साल रहे, सेंटीमेंट्स जुड़े थे, लेकिन कोविड में हमें एहसास हुआ कि घर छोटा है. हम सभी घर से काम कर रहे थे. मैं डाइनिंग टेबल पर मीटिंग करती थी, किचन से कुकर की सीटी की आवाज मीटिंग में जाती थी. मेरा अपना कमरा नहीं था. बहुत मुश्किल हुई. तो बस ठान लिया कि घर लेना है. अब फाइनली खरीदा है.”

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आर्थिक राजधानी में जो सालों से नहीं हुआ वो हालिया कुछ समय में होता दिख रहा है. लोग अपनी लाइफस्टाइल बेहतर बनाने के लिए प्राइम प्रॉपर्टी में पैसा लगा रहे हैं, निवेश से ज़्यादा ये ग्राहक की ज़रूरत दर्शाता है! 

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मुंबई में लक्ज़री आवासों की मांग बढ़ी 

मुंबई ने 2023 की चौथी तिमाही के लिए प्रतिष्ठित प्राइम ग्लोबल सिटीज इंडेक्स में मनीला, दुबई के बाद तीसरा स्थान हासिल किया है, जो शहर के बढ़ते लक्जरी आवास बाजार का एक प्रमाण है. दुनिया भर के 45 शहरों में प्रमुख आवासीय कीमतों के उतार-चढ़ाव पर नजर रखने वाले प्राइम ग्लोबल सिटीज इंडेक्स ने मुंबई को 8वें स्थान से पांच पायदान ऊपर उछालते हुए तीसरा स्थान दिया. नाइट फ्रैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई में प्रमुख आवासीय कीमतों में साल-दर-साल 10% की प्रभावशाली वृद्धि देखी गई.

नाइट फ्रैंक के नेशनल डायरेक्टर रिसर्च विवेक राठी कहते हैं कि, “मजबूत आर्थिक माहौल. जीवनशैली में सुधार. समृद्ध घर खरीदार. देश के स्थिर आर्थिक दृष्टिकोण और सकारात्मक बाजार धारणा से प्रेरित होकर, घर खरीदने वाले तेजी से जीवनशैली में सुधार को प्राथमिकता दे रहे हैं. इस क्षेत्र में निकट अवधि में मूल्य स्तर में वृद्धि जारी रहने की संभावना है."

रिपोर्ट में अन्य भारतीय शहरों के प्रदर्शन का भी जिक्र है. विवेक राठी ने कहा कि, “एनसीआर, दिल्ली जैसे शहरों में भी वृद्धि दिखी है...”

जैसे-जैसे भारतीय अर्थव्यवस्था गति पकड़ रही है, समृद्ध घर खरीदार जीवनशैली में सुधार को प्राथमिकता दे रहे हैं. मुंबई जैसे शहरों में लक्जरी आवास क्षेत्र अब ग्लोबल रेस में दौड़ लगा रहा है. 

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