एशिया के सबसे बड़े स्लम धारावी के पुनर्विकास की योजना (Dharavi redevelopment project) करीब 20 साल पुरानी है. यह काम इतना चुनौतीपूर्ण रहा है कि कई डेवलपर्स पीछे होते गए. अब महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर अदाणी ग्रुप (Adani Group) धारावी का री-डेवलपमेंट कर रहा है. सर्वे अभी पूरा भी नहीं हुआ कि विपक्ष लगातार इसे मुद्दा बनाकर हमले कर रहा है. बीजेपी ने गुरुवार को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इसमें आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) पर इस प्रोजेक्ट को लेकर झूठ, भ्रम फैलाने का आरोप लगाया.
मुंबई में बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार ने आदित्य ठाकरे के आरोपों को निराधार बताया है. शेलार ने सबसे घनी झुग्गी बस्ती धारावी के पुनर्विकास को लेकर उनकी समझ और आंकड़ों पर दी जा रही जानकारी को सरासर झूठ बताते हुए राजनीति छोड़ने के भी दावे कर दिए. आशीष शेलार ने कहा, "आदित्य ठाकरे झूठ बोल रहे हैं. वो फेक नैरेटिव बना रहे हैं. मैं उन्हें खुली चुनौती देता हूं. इस मामले पर सार्वजनिक तौर पर चर्चा करें. अगर आरोप सही पाए गए, तो मैं राजनीति छोड़ने को तैयार हूं.''
जब टेंडर दिया गया तब उद्धव ठाकरे थे सीएम
आशीष शेलार कहते हैं कि धारावी टीडीआर नियम तब बना था, जब आदित्य ठाकरे के पिता उद्धव ठाकरे ही मुख्यमंत्री थे. शेलार ने कहा, ''टीडीआर अदाणी को जो भी नियम दिए गए वो सब तब किए गए जब महाविकास अघाड़ी के सीएम उद्धव ठाकरे थे. आज उसी के खिलाफ आदित्य खड़े हैं. जिस वक्त अदाणी को टेंडर दिया गया उस वक्त उद्धव ठाकरे सीएम थे."
उन्होंने कहा, "धारावी पुनर्निर्माण की योजना करीब 20 साल पुरानी और सबसे चुनौतीपूर्ण है. इंतजार लंबा बेहद लंबा चला.. अब धारावी भी जल्द विकास चाहती है. लेकिन ऐसी विकास परियोजनाओं पर सियासत की यह हदें, सोचने पर मजबूर करती हैं."
धारावी की बदहाली दूर करने की कोशिशें
धारावी को बदहाली से मुक्त कराने की कोशिश सालों पहले से चल रही हैं. सन 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने धारावी पुनर्विकास प्राधिकरण का गठन किया था. परिवारों और घरों की पात्रता का आधार, और प्रक्रिया तय करने, जांच करने में ही कई साल बीत गए और कई डेवलपर्स मुकरते गए.
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अदाणी ग्रुप को 29 नवंबर 2022 को मिला कॉन्ट्रैक्ट
अदाणी ग्रुप ने 29 नवंबर 2022 को स्लम को फिर से बनाने के प्रोजेक्ट की बोली जीती. अब महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से अदाणी समूह धारावी झोपड़पट्टी का पुनर्विकास कर रहा है. महाराष्ट्र सरकार और अदाणी समूह की संयुक्त “धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (DRPPL)” में महाराष्ट्र सरकार की हिस्सेदारी 20% है.
पात्र निवासियों को मिलेंगे पक्के मकान
DRPPL के जरिए सभी पात्र लोगों को धारावी में ही 350 वर्ग फीट के नए घर फ्री में उपलब्ध कराए जाएंगे, जो कि मुंबई में किसी भी अन्य झुग्गी पुनर्वास परियोजना से 17 प्रतिशत अधिक क्षेत्रफल है. प्रोजेक्ट के तहत जो लोग एक जनवरी 2000 से पहले से धारावी में रह रहे हैं, उन्हें दस्तावेजों के आधार पर पात्र मानते हुए मुफ्त में 350 स्क्वेयर फीट का पक्का मकान दिया जाएगा.
अपात्रों को भी दिया जाएगा आवास
यहां तक कि जो लोग अपात्र हैं उन्हें भी महाराष्ट्र सरकार की नीति के तहत मुंबई और आसपास आवास उपलब्ध कराया जाएगा. अपात्र लोगों को धारावी से बाहर लेकिन मुंबई और आसपास के इलाकों, यानी एमएमआर (MMR) में ही 300 वर्गफीट का घर मिलेगा. यह निर्णय सर्वेक्षण और सरकार के डेटा के आधार पर लिया जाएगा.
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