दिल्ली सरकार कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को मुआवजा और पेंशन देगी

दिल्ली सरकार ने 'मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना' नोटिफाई की, जान गंवाने वाले हर व्यक्ति के परिवार को 50,000 रुपये का मुआवजा

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप राज्यपाल अनिल बैजल (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

दिल्ली में कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को दिल्ली सरकार मुआवजा और पेंशन देगी. दिल्ली सरकार ने 'मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना' नोटिफाई की है. कोरोना से जान गंवाने वाले हर व्यक्ति के परिवार को 50,000 रुपये का मुआवजा सरकार देगी. इसके लिए दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग में आवेदन देना होगा.

अगर किसी परिवार में कमाने वाले सदस्य की मौत हुई है तो उसके परिवार की मदद के लिए मापदंड तय किए गए हैं.  

1. कमाने वाले पति की कोरोना से मृत्यु हुई है और पत्नी आश्रित है तो 2500 रुपये की आजीवन पेंशन पत्नी को मिलेगी. इसके अलावा अगर महिला पात्र है तो उसको विधवा पेंशन अलग से मिलेगी जो कि 2500 रुपये महीना होती है.

2. अगर कमाने वाली पत्नी की मृत्यु हुई है और पति आश्रित है तो पति को आजीवन 2500 रुपये महीने की पेंशन मिलेगी. 

3. अगर जान गंवाने वाले सिंगल पैरंट हैं (दूसरे की पहले ही मौत हो चुकी है) तो उनके आश्रित हर बच्चे को 25 साल की उम्र तक 2500 रुपये महीना पेंशन मिलेगी.

4. अगर पति-पत्नी की मौत होती है और दोनों में से किसी एक की मौत कोविड से हुई है तो उनका हर बच्चा 25 साल तक हर महीने 2500 रुपये की पेंशन का हकदार होगा. अगर दंपति के बच्चे नहीं हैं तो उनके माता-पिता में से कोई एक सरकार द्वारा दिए जाने वाले लाभ का आजीवन हकदार होगा. इसके अलावा मरने वालों के माता-पिता को पात्र होने पर वृद्धावस्था पेंशन भी मिल सकेगी.

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5. अगर किसी अविवाहित बेटे या बेटी की मृत्यु हुई है तो उसके माता या पिता 2500 रुपये महीने की पेंशन के हकदार होंगे. इसके अलावा पात्र होने पर वृद्धावस्था पेंशन अलग से मिलेगी.

6. अगर किसी भाई या बहन की कोरोना से जान गई है और अगर उसके भाई या बहन दिव्यांग हैं तो उनको भी आश्रित माना जाएगा और आजीवन 2500 रुपये पेंशन मिलेगी. 

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मदद के लिए शर्तें

1. जान गंवाने वाले और आश्रित दोनों दिल्ली के निवासी होने चाहिए.

2. आय कोई पैमाना नहीं होगा.

3. मृत्यु कोरोना से होनी चाहिए, यानी केंद्रीय गृह मंत्रालय के डाटा के हिसाब से कोविड डेथ के रूप में प्रमाणित होना चाहिए. या फिर कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के एक महीने के भीतर मृत्यु हुई हो और स्वास्थ्य विभाग ने उसको कोविड डेथ माना हो.

दिल्ली सरकार के गजट नोटिफिकेशन में यह भी लिखा है कि सरकार प्रभावित परिवार के एक सदस्य को दिल्ली सिविल डिफेंस वॉलिंटियर के तौर पर नामांकित करने पर भी विचार करेगी. इसके अलावा राज्य की मौजूदा नीति के अनुसार आश्रित बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा करेगी.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर ट्वीट करते हुए कहा कि 'इस महामारी में जिन्होंने अपनों को खोया है, उसकी भरपाई तो कोई नहीं कर सकता लेकिन इस योजना से हमारी कोशिश इस मुश्किल वक्त में उन परिवारों का साथ देने की है ताकि वे हालातों से लड़कर आगे बढ़ सकें.'

यहां यह बताना जरूरी है कि दिल्ली सरकार की इस योजना को उप राज्यपाल ने मंजूरी दी है जिसके बाद योजना को नोटिफाई कर दिया गया है. दिल्ली सरकार ने एक दूसरी योजना भी बनाई थी जिसके अनुसार दिल्ली मैं जिन लोगों की ऑक्सीजन की कमी के चलते जान गई उनके परिवार वालों को पांच लाख रुपये का अलग से मुआवजा देने की बात थी जिसको दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मुताबिक केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है.

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