इस साल कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर के स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बंद हैं. कोरोना वायरस के कारण सीबीएसई समेत कई राज्यों के बोर्ड की परीक्षाओं को बीच में ही रोक देना पड़ा था. इसके बाद सीबीएसई ने 10वीं की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कर दिया. इसके अलावा हरियाणा ने भी 10वीं की विज्ञान की परीक्षा के बिना ही रिजल्ट जारी करने का ऐलान किया है. महाराष्ट्र बोर्ड ने भी 10वीं की बची हुई भूगोल की परीक्षा को भी रद्द कर दिया है. वहीं ICSE बोर्ड ने भी कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया.
बता दें किशिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ऐलान किया था कि ये परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई तक होंगी. इससे पहले CBSE ने एलान किया था कि वह लॉकडाउन लागू होने के समय बची हुईं लगभग 90 बची हुई परीक्षाओं में से 29 विषयों के लिए पेपर लेगा. कक्षा 10 के लिए केवल उत्तर-पूर्वी दिल्ली के छात्रों के लिए परीक्षाएं होंगी जो दंगों की वजह से नहीं हो पाईं थीं.
12वीं कक्षा के लिए CBSE जिन विषयों की परीक्षाएं को लेना है, उनमें बिजनेस स्टडीज, भूगोल, हिंदी (कोर), हिंदी (इलेक्टिव), होम साइंस, सोशोलॉजी, कंप्यूटर साइंस, इंफॉर्मेशन प्रैक्टिस, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और बायो-टेक्नोलॉजी शामिल थे.
इस साल नहीं जारी किए टॉपर्स के नाम
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 12वीं बोर्ड के रिजल्ट इस बार मेरिट लिस्ट यानी टॉपर्स के नाम के बिना ही परिणाम जारी किए. इस साल 12वीं की परीक्षा में कुल 88.78% स्टूडेंट्स ने पाईं सफलता हासिल की.
CISCE की तर्ज पर लिया गया था फैसला
इससे पहले CISCE ने भी बिना मेरिट लिस्ट के परिणाम जारी किए थे. इसी की तर्ज पर अब CBSE ने भी CISCE की तरह मेरिट लिस्ट जारी नहीं करने का फैसला लिया था. दरअसल, कोरोना के कारण बनी असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए इस साल बोर्ड ने न ही मेरिट लिस्ट जारी की और ना ही टॉपर्स नामों का ऐलान किया.
डिजीलॉकर के जरिए मिलेगी मार्कशीट
इससे पहले बोर्ड ने स्टूडेंट्स को डिजीलॉकर ऐप को डाउनलोड करने या फिर उस पर खुद को रजिस्टर करने के निर्देश दिए थे. CBSE ने स्टूडेंट्स से कहा कि डिजीलॉकर ऐप डाउनलोड करने के बाद ही वह अपनी मार्कशीट डिजीलॉकर ऐप के जरिए डाउनलोड कर सकते हैं. इसके अलावा स्टूडेंट्स अपना पास सर्टिफिकेट भी डाउनलोड कर सकते हैं.
आपको बता दें, कोरोना की वजह से इस साल यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान कई बड़े बदलाव किए गए हैं. पहले की तरह कम से कम 40 परीक्षार्थियों को एक कक्षा में रखने का नियम इस बार अनिवार्य नहीं है. सीटिंग प्लान पूरी तरह बदला गया. छात्रों का सीटिंग प्लान सोशल डिस्टेंसिंग और कक्षा के साइज के हिसाब से बनाया गया.
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