इस बार सिविल सर्विसेज परीक्षा के आए नतीजों में 74वें रैंक पर आए प्रदीप कुमार द्विवेदी कई मायनों में ख़ास है. पेशे से इलेक्ट्रिकिल इंजीनियर हैं, परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी और वैकल्पिक विषय के तौर पर इन्होंने हिंदी साहित्य को चुना. प्रदीप ने पिछली बार 491वां स्थान हासिल किया था. बुंदेलखंड के सबसे पिछड़े इलाकों में शुमार बारीगढ़ से शुरु इस सफर में प्रदीप ने हर मुकाम पर कामयाबी हासिल की है जिसके पीछे उनकी लगन और लक्ष्य भेदने की स्पष्ट रणनीति रही है. उनका मानना है कि तैयारी का पहला कदम सिलेबस और परीक्षा के पैटर्न देखने का होना चाहिए.
एनडीटीवी से अपनी बातचीत में प्रदीप द्विवेदी ने बताया कि वे एनसीईआरटी किताबें बुनियाद की तरह हैं, प्रदीप का मानना है कि मेंस और पीटी एक दूसरे से जुड़े हैं लिहाजा तैयारी की शुरुआत मेंस यानी मुख्य परीक्षा को ध्यान मे रखकर की जानी चाहिए. वे परीक्षा की तैयारी के लिए वैकल्पिक विषय के चुनाव को बेहद अहम मानते हैं, जिसका फैसला एनसीआरईटी की किताबें पढ़ने के बाद अपनी दिलचस्पी को देखते हुए करें.
प्रदीप कहते हैं कि नंबर आने का कोई तय पैटर्न नहीं है लेकिन जवाब लिखने के पहले सवाल के हर पहलू को अच्छे से जांच परख लें और उसके मुताबिक ही अपने उत्तर लिखने चाहिए, यही बेहतर रणनीति है. प्रदीप द्विवेदी की इस कामयाबी से उनके पूरे परिवार और आसपास के इलाकों में बेहद खुशी है, खुद प्रदीप भी अपनी इस शानदार सफलता से खुश हैं, वे फिलहाल भारतीय रक्षा संपदा सेवा में ट्रेनिंग ले रहे हैं.
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