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This Article is From Oct 11, 2017

बर्मिंघम यूनिवर्सिटी ने भारत के इंजीनियरिंग छात्रों के लिए लॉन्च किया लैंग्वेज कोर्स

उन छात्रों के लिए भी यह ट्रेनिंग कोर्स काफी जरूरी है, जो किसी भी स्ट्रीम से इंजीनियरिंग करने की इच्छा रखते हैं.

बर्मिंघम यूनिवर्सिटी ने भारत के इंजीनियरिंग छात्रों के लिए लॉन्च किया लैंग्वेज कोर्स
भारत में इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए लंदन से एक अच्छी खबर सामने आई है. बर्मिंघम यूनिवर्सिटी तीन हफ्ते की ऑनलाइन फ्री ट्रेनिंग की शुरुआत करने जा रहा है. लेकिन खास बात यह है कि यह ट्रेनिंग इंडिया के छात्रों के लिए होगी. जिससे देश के हजारों छात्र अपनी टेक्निकल इंग्लिश लैंग्वेज स्किल में सुधार कर सकते हैं. यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी एक रिलीज में कहा गया कि फर्स्ट एयर के छात्रों के लिए यूनिवर्सिटी में मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स की शुरूआत की जा रही है.

यूनिवर्सिटी की तरफ से इस पहल का असली मकसद सेंसिंग, पॉवरिंग और कंट्रोलिंग कोर्स से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के उन छात्रों को सपोर्ट करना है, जिन्हें इंजीनियरिंग के कई महत्वपूर्ण शब्दों को इंग्लिश में सही तरीके से एक्सप्रेस करना नहीं आता. इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल और सिस्टम इंजीनिरिंग के कॉन्सेप्ट में यह कोर्स सबसे ज्यादा कारगर है.  

नए छात्रों के लिए भी फायदेमंद
मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स से इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल और सिस्टम इंजीनियरिंग के छात्र सीधे बर्मिंघम यूनिवर्सिटी से जुड़कर कई नई बातों को और इंजीनियरिंग स्किल्स को सीख सकते हैं. इसके अलावा उन छात्रों के लिए भी यह ट्रेनिंग कोर्स काफी जरूरी है, जो किसी भी स्ट्रीम से इंजीनियरिंग करने की इच्छा रखते हैं. उनके लिए फर्स्ट एयर में आने से पहले ही ऐसी ट्रेनिंग मिलना काफी खास बात है. 
 यह तीन हफ्ते का कोर्स 13 नवंबर से शुरू होने जार रहा है और इसे कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड फिजिकल साइंसेज की तरफ से डेवलप किया गया है. स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के सीनियर लेक्चरर टिम जैक्सन इस पूरे ट्रेनिंग प्रोग्राम को लीड कर रहे हैं. 

लैंग्वेज स्किल होगी डेवलप
बता दें कि यह कोर्स उन छात्रों के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, जिनकी फर्स्ट लैंग्वेज अंग्रेजी नहीं है. इस प्रोग्राम से वे छात्र अपनी इंग्लिश स्किल को एक नए स्तर पर लेकर जा सकते हैं. इसके अलावा इसमें उन्हें इंजीनियरिंग से जुड़े कई ऐसे नए शब्दों और बातों का भी उन्हें पूरा ज्ञान मिलेगा. प्रोग्राम को लीड कर रहे प्रोफेसर जैक्सन ने कहा कि इस पूरे ट्रेनिंग प्रोग्राम को अंग्रेजी में ही छात्रों तक पहुंचाया जाएगा. जिससे छात्र धीरे-धीरे अपनी लैंग्वेज स्किल को डेवलप कर पाएंगे.
 
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