Swami Vivekananda Jayanti: कौन थे स्‍वामी विवेकानंद? जानिए उनके जीवन से जुड़ी 10 बातें

स्‍वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था. स्‍वामी विवेकानंद ने बेहद कम उम्र में वेद और दर्शन शास्‍त्र का ज्ञान हासिल कर लिया था. 

Swami Vivekananda Jayanti: कौन थे स्‍वामी विवेकानंद? जानिए उनके जीवन से जुड़ी 10 बातें

Swami Vivekananda

खास बातें

  • स्‍वामी विवेकानंद का जन्‍म 12 जनवरी 1863 को हुआ था
  • उनका जन्‍मदिन राष्‍ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है
  • स्‍वामी विवेकानंद ने अपना पूरा जीवन देश सेवा में लगा दिया
नई दिल्ली:

महान दार्शनिक स्‍वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) ने भारत के उत्‍थान में अहम भूमिका निभाई थी. स्‍वामी विवेकानंद का जन्म (Swami Vivekananda Birthday) 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था. उनका नाम नरेंद्रनाथ दत्त था. बेहद कम उम्र में ही उन्‍होंने वेद और दर्शन शास्‍त्र का ज्ञान हासिल कर लिया था. उनके पिता व‍िश्‍वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के वकील थे, जबकि मां भुवनेश्वरी देवी धार्मिक विचारों वाली महिला थीं. साल 1884 में पिता की मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी उन्‍हीं के कंधों पर आ गई. स्‍वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) बड़े अतिथि-सेवी थे, वह खुद भूखे रहकर अतिथियों को खाना ख‍िलाते थे और बाहर ठंड में सो जाते थे. 25 साल की उम्र में अपने गुरु से प्रेरित होकर उन्‍होंने सांसारिक मोह-माया त्‍याग दी और संन्‍यासी बन गए. आइये जानते हैं स्‍वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़ी 10 बातें..

स्‍वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) के जीवन से जुड़ी 10 बातें
 

1. स्‍वामी विवेकानंद का जन्‍म कलकत्ता के कायस्‍थ परिवार में हुआ था. उनके बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था. उनके पिता व‍िश्‍वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के वकील थे, जबकि मां भुवनेश्वरी देवी धार्मिक विचारों वाली महिला थीं. 

2. नरेंद्रनाथ 1871 में आठ साल की उम्र में स्कूल गए. 1879 में उन्‍होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज की प्रवेश परीक्षा में पहला स्‍थान हास‍िल क‍िया. 

3. नरेंद्रनाथ दत्त 25 साल की उम्र में घर-बार छोड़कर सन्यासी बन गए थे. संन्यास लेने के बाद इनका नाम विवेकानंद पड़ा.

4. रामकृष्‍ण परमहंस और स्‍वामी विवेकानंद की मुलाकात 1881 कलकत्ता के दक्षिणेश्वर के काली मंदिर में हुई थी. परमहंस ने उन्हें शिक्षा दी कि सेवा कभी दान नहीं, बल्कि सारी मानवता में निहित ईश्वर की सचेतन आराधना होनी चाहिए.

5. विवेकानंद जब रामकृष्‍ण परमहंस से मिले तो उन्होंने वही सवाल किया जो वो औरों से कर चुके थे, 'क्या आपने भगवान को देखा है?' रामकृष्ण परमहंस ने जवाब दिया- 'हां मैंने देखा है, मैं भगवान को उतना ही साफ देख रहा हूं जितना कि तुम्हें देख सकता हूं. फर्क सिर्फ इतना है कि मैं उन्हें तुमसे ज्यादा गहराई से महसूस कर सकता हूं.'

6.अमेरिका में हुई धर्म संसद में जब स्‍वामी विवेकानंद ने 'अमेरिका के भाइयों और बहनों' के संबोधन से भाषण शुरू किया तो पूरे दो मिनट तक आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो में तालियां बजती रहीं. 11 सितंबर 1893 का वो द‍िन हमेशा-हमेशा के ल‍िए इतिहास में दर्ज हो गया. 

7. स्‍वामी विवेकानंद ने 1 मई 1897 में कलकत्ता में रामकृष्ण मिशन और 9 दिसंबर 1898 को गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना की. 

8. स्‍वामी विवेकानंद के जन्‍म दिन यानी कि 12 जनवरी को भारत में हर साल राष्‍ट्रीय युवा द‍िवस मनाया जाता है. इसकी शुरुआत 1985 से हुई थी. 

9. स्वामी विवेकानंद को दमा और शुगर की बीमारी थी. उन्‍होंने कहा भी था, 'ये बीमार‍ियां मुझे 40 साल भी पार नहीं करने देंगी.' अपनी मृत्‍यु के बारे में उनकी भव‍िष्‍यवाणी सच साबित हुई और उन्‍होंने 39 बरस की बेहद कम उम्र में 4 जुलाई 1902 को बेलूर स्थित रामकृष्‍ण मठ में ध्‍यानमग्‍न अवस्‍था में महासमाध‍ि धारण कर प्राण त्‍याग द‍िए. 

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10. स्वामी विवेकानंद का अंतिम संस्‍कार बेलूर में गंगा तट पर किया गया. इसी गंगा तट के दूसरी ओर उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस का अन्तिम संस्कार हुआ था.